Solution
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
(क) सही जोड़ी बनाइए –
शब्द | जोड़ा |
---|---|
बुरी | महूरत |
बड़ी | शेर |
बड़े | जिंदगी |
यात्रा | शर्मिंदगी |
उत्तर:
शब्द और उनके जोड़े
शब्द | जोड़ा |
---|---|
बुरी | जिंदगी |
बड़ी | शर्मिंदगी |
बड़े | शेर |
यात्रा | महूरत |
(ख) दिए गए शब्दों में से उपयुक्त शब्द चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –
फिसड्डी रहे और जीते रहे। किसी का दिया _______ पीते रहे ।। (दूध/पानी)
भला यात्रा का _______ भी है। (जरूरत/महूरत)
कभी तुम बड़े _______ ये ठीक है, (शेर/सियार)
ज़रा _______ अपना बदलते चलो। (मार्ग/भाग)
उत्तर:
फिसड्डी रहे और जीते रहे। किसी का दिया दूध पीते रहे ।।
भला यात्रा का महूरत भी है।
कभी तुम बड़े शेर ये ठीक है,
ज़रा भाग अपना बदलते चलो।
अति लघु उत्तरीय प्रश्न
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में लिखिए –
(क) इस कविता में फिसड्डी रहने का क्या अर्थ है?
उत्तर: इस कविता में फिसड्डी रहने का अर्थ है पीछे रहकर और दूसरों के सहारे जीना।
(ख) कवि के अनुसार उत्साह की आवश्यकता क्यों है?
उत्तर: कवि के अनुसार उत्साह की आवश्यकता इसलिए है ताकि जीवन में आगे बढ़ा जा सके और शर्मिंदगी से बचा जा सके।
(ग) दूसरों के सहारे जीने का भाव कविता की कौन-सी पंक्ति में आया है?
उत्तर: दूसरों के सहारे जीने का भाव “किसी का दिया दूध पीते रहे” पंक्ति में आया है।
(घ) हमें मुहूर्त की प्रतीक्षा में रुककर क्यों नहीं बैठना चाहिए?
उत्तर: हमें मुहूर्त की प्रतीक्षा में रुककर इसलिए नहीं बैठना चाहिए क्योंकि समय निकलता चला जा रहा है।
(ङ) क्या अपने अतीत पर अभिमान करते रहना उचित है?
उत्तर: अपने अतीत पर अभिमान करते रहना उचित नहीं है क्योंकि जमाना कहाँ से कहाँ जा चुका है।
लघु उत्तरीय प्रश्न
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर कम-से-कम तीन वाक्यों में लिखिए –
(क) व्यक्ति को जीवन में सफल होने के लिए क्या आवश्यक है?
उत्तर: व्यक्ति को जीवन में सफल होने के लिए उत्साह और जोश आवश्यक है। विषम परिस्थितियों में भी आगे बढ़ने की प्रेरणा होनी चाहिए। कविता कहती है कि लहरों में और लपटों में पलते चलना चाहिए।
(ख) कवि के अनुसार बुरी जिन्दगी कौन-सी है?
उत्तर: कवि के अनुसार फिसड्डी रहकर जीने वाली जिंदगी बुरी है। किसी का दिया दूध पीकर जीना भी बुरी जिंदगी है। इससे बड़ी शर्मिंदगी कोई नहीं है।
(ग) शर्मिंदगी से बचने के लिए हमें क्या करना चाहिए?
उत्तर: शर्मिंदगी से बचने के लिए हमें आराम छोड़ना चाहिए। उत्साह से उबलते हुए चलना चाहिए। लहरों और लपटों में पलते चलना चाहिए।
(घ) हम ‘बड़े शेर’ कब थे और कैसे?
उत्तर: हम कभी बड़े शेर थे, अर्थात् शक्तिशाली थे। लेकिन अब उस ख्याल में डूबना लीक है। जमाना आगे निकल चुका है, इसलिए भाग बदलते चलना चाहिए।
(ङ) उत्साह कविता का मूल-भाव क्या है? संक्षेप में लिखिए।
उत्तर: उत्साह कविता का मूल-भाव है कि जीवन में उत्साह से आगे बढ़ना चाहिए। विषम परिस्थितियों में भी नहीं रुकना चाहिए। महूरत न सोचकर मचलते चलना चाहिए।
भाषा की बात
निम्नलिखित शब्दों का शुद्ध उच्चारण कीजिए –
शर्मिंदगी, जिंदगी, यात्रा, ज़माना
उत्तर:
- शर्मिंदगी: शर्-मिन्-द-गी
- जिंदगी: जि-न्द-गी
- यात्रा: या-त्रा
- ज़माना: ज़-मा-ना
निम्नलिखित शब्दों में शुद्ध वर्तनी वाले शब्दों को गोला लगाइए –
फिसड्डी, फसड्डी, फिसीड्डी
खियाल, ख्याल, खयाल
सर्मिन्दगी, शर्मिंदगी, शर्मंदगी
उत्तर:
- ○ फिसड्डी, फसड्डी, फिसीड्डी
- खियाल, ○ ख्याल, खयाल
- सर्मिन्दगी, ○ शर्मिंदगी, शर्मंदगी
निम्नलिखित शब्दों के तत्सम रूप लिखिए –
महूरत, दूध, जात्रा, भाग
उत्तर:
- महूरत: मुहूर्त
- दूध: दुग्ध
- जात्रा: यात्रा
- भाग: भाग्य
निम्नलिखित मुहावरों का अर्थ लिखकर वाक्यों में प्रयोग कीजिए –
फिसड्डी रहना, किसी का दिया दूध पीना, मुहूर्त सोचना, बड़े शेर होना, ख्यालों में डूबना
उत्तर:
फिसड्डी रहना: अर्थ – पीछे रहना। वाक्य: फिसड्डी रहकर क्या मिलेगा, आगे बढ़ो।
किसी का दिया दूध पीना: अर्थ – दूसरों के सहारे जीना। वाक्य: किसी का दिया दूध पीकर जीना बुरी जिंदगी है।
मुहूर्त सोचना: अर्थ – शुभ समय का विचार करना। वाक्य: महूरत न सोचो, मचलते चलो।
बड़े शेर होना: अर्थ – बहुत शक्तिशाली होना। वाक्य: कभी तुम बड़े शेर थे, ठीक है।
ख्यालों में डूबना: अर्थ – विचारों में खो जाना। वाक्य: उसी ख्याल में डूबना लीक है।
अब करने की बारी
(क) इस कविता की पंक्तियों के अन्त में आए ‘तुकान्त शब्दों’ को प्रयोग करते हुए लगभग आठ पंक्तियाँ लिखिए जो इस कविता की पंक्तियों से भिन्न हों।
उत्तर: जीवन में आगे बढ़ते चलो, सपनों में रंग भरते चलो। कष्टों में भी हँसते चलो, जोश से उबलते चलो। समय न गँवाओ, मचलते चलो, भाग्य अपना बदलते चलो। शर्मिंदगी से बचते चलो, जिंदगी में पलते चलो।
(ख) प्रेरणा-गीतों और प्रयाण गीतों का संग्रह कीजिए।
उत्तर: विद्यार्थी प्रेरणा-गीत जैसे “हम होंगे कामयाब” और प्रयाण गीत जैसे “ऐ मेरे वतन के लोगों” का संग्रह कर सकते हैं। इन गीतों को नोटबुक में लिखकर कक्षा में गा सकते हैं।
(ग) इस गीत को पढ़ने से आपके आचरण में क्या प्रभाव पड़ा, लिखिए।
उत्तर: इस गीत को पढ़ने से मेरे आचरण में उत्साह का प्रभाव पड़ा। अब मैं विषम परिस्थितियों में भी नहीं रुकता। मैं महूरत न सोचकर काम शुरू कर देता हूँ।
विविध प्रश्नावली-1
-1 सही जोड़ी बनाइए –
अमृत – क्षमता
मनुष्य – महल
कार्य – घट
राज – समाज
उत्तर:
- अमृत – घट
- मनुष्य – समाज
- कार्य – क्षमता
- राज – महल
–2 उपयुक्त शब्द से रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –
अ. जिन-जिन भूखों की ___________ दीनू ने बुझाई है, उनकी दुआएँ भी वह राजकुमार के लिए लाया है। (भूख/दुख)
ब. ___________ गुल्लक में डाला जाना उनकी अल्पबचत है। (सिक्का/नोट)
स. ___________ का अर्थ है दूसरों का दुख दूर करना। (सेवा/समाज)
द. ___________ से बढ़कर कोई सेवा नहीं। (पर-सेवा/स्व-सेवा)
उत्तर:
अ. जिन-जिन भूखों की भूख दीनू ने बुझाई है, उनकी दुआएँ भी वह राजकुमार के लिए लाया है।
ब. सिक्का गुल्लक में डाला जाना उनकी अल्पबचत है।
स. सेवा का अर्थ है दूसरों का दुख दूर करना।
द. पर-सेवा से बढ़कर कोई सेवा नहीं।
-3 निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में लिखिए –
अ. प्राचीन काल से राजा लोग क्या करते आए हैं।
ब. ‘महूरत न सोचो, मचलते चलो’ में ‘मचलते चलो’ का अर्थ क्या है?
स. बाढ़ों के लिए कौन जिम्मेदार है?
द. दीनू ने क्या सोचकर भिखारी को रोटियाँ दीं?
इ. कर्मों के संकीर्तन में सबसे ऊँचा स्वर किसका है?
उत्तर:
अ. प्राचीन काल से राजा लोग सिक्कों पर अपने राज्य की मुद्रा अंकित करते आए हैं।
ब. ‘महूरत न सोचो, मचलते चलो’ में ‘मचलते चलो’ का अर्थ है जिद करके अपनी धुन में बढ़ते चलना।
स. बाढ़ों के लिए प्रकृति और मनुष्य जिम्मेदार हैं।
द. दीनू ने सोचा कि बेचारा भूख से कितना कमजोर हो गया है, इसलिए भिखारी को रोटियाँ दीं।
इ. कर्मों के संकीर्तन में सबसे ऊँचा स्वर सेवा का है।
-4 निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन से पाँच वाक्यों में लिखिए –
अ. मनुष्य समाज के उन्नतिशील होने के कारण लिखिए।
ब. अविचल खड़ा हिमालय कौन-कौन से दायित्व निभा रहा है।
स. ‘बहुमत के आधार पर दाँत सर्वोपरि है’ सिद्ध करो।
द. जल के बहाव को कम करने के लिए कौन-कौन से उपाय किए जाते हैं?
इ. आर्थिक उन्नति में सिक्के की भूमिका पर प्रकाश डालिए।
उत्तर:
अ. मनुष्य समाज उन्नतिशील है क्योंकि उसने अपनी बुद्धि से सामाजिक जीवन का विकास किया है। देश, काल और अवस्था के अनुसार परिवर्तन किए हैं। अन्य प्राणी अपने दलों में कोई उन्नति नहीं कर पाते।
ब. अविचल खड़ा हिमालय रखवाली का वचन निभा रहा है। दुश्मन का मुख काला कर रहा है। जन-जन की पीड़ा हर रहा है। गंगा की धारा ला रहा है।
स. बहुमत के आधार पर दाँत सर्वोपरि हैं क्योंकि शरीर के अधिकतर अंग इकलौते या दो होते हैं। लेकिन दाँत संख्या में सर्वाधिक हैं। इसलिए वे बहुमत में हैं।
द. जल के बहाव को कम करने के लिए वन लगवाए जाते हैं। नहरी तंत्र का विकास किया जाता है। नदियों पर तटबंध और बाँध बनाए जाते हैं।
इ. आर्थिक उन्नति में सिक्के की भूमिका महत्वपूर्ण है क्योंकि इसकी गति बढ़ जाती है। लोग इसे बैंक से ले जाते हैं और विभिन्न लेन-देन में प्रयोग करते हैं। अल्पबचत से आर्थिक संकट दूर होता है।
-5 निम्नलिखित शब्दों के विलोम शब्द लिखिए –
स्वतंत्रता, बहुमत, हानि, दुश्मन, गरीब, उन्नति, ऊँचा, यश, उपेक्षा, आवश्यक, समर्थ
उत्तर:
- स्वतंत्रता: परतंत्रता
- बहुमत: अल्पमत
- हानि: लाभ
- दुश्मन: मित्र
- गरीब: अमीर
- उन्नति: अवनति
- ऊँचा: नीचा
- यश: अपयश
- उपेक्षा: अपेक्षा
- आवश्यक: अनावश्यक
- समर्थ: असमर्थ
-6 निम्नलिखित तत्सम्, तद्भव और आगत शब्दों को छाँटकर लिखिए –
प्यासा, जन, धड़ा, रास्ता, काम, जरूरत, कोशिश, प्रयत्न, जड़ा, मुकाबला, मुस्कान, आँख, खिसकाना, किटकीट, गड़गड़ाहट, टकसाल, सिक्का, मुद्रा, बैंक, पेंसिल, अयस्क, दुआएँ, शताब्दी, जहान
उत्तर: तत्सम: जन, प्रयत्न, मुस्कान, आँख, मुद्रा, शताब्दी तद्भव: प्यासा, धड़ा, रास्ता, काम, जड़ा, खिसकाना, किटकीट, गड़गड़ाहट, अयस्क आगत: जरूरत, कोशिश, मुकाबला, टकसाल, सिक्का, बैंक, पेंसिल, दुआएँ, जहान
-7 निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची लिखिए –
पथ, पग, शरीर, चेष्टा, हलचल, परहित, पीड़ा
उत्तर:
- पथ: रास्ता, मार्ग
- पग: पैर, चरण
- शरीर: तन, देह
- चेष्टा: प्रयास, कोशिश
- हलचल: चहल-पहल, सरगर्मी
- परहित: दूसरों की भलाई, परोपकार
- पीड़ा: दुख, कष्ट
-8 पत्र में से संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण और क्रिया शब्द छाँटिए –
उसके झोले में तीन रोटियाँ ही बची थीं। कुछ दूर चलने पर उसे एक गाय मिली। एक बछड़ा भी साथ था जो लगातार गौ के थन खींच रहा था। उनमें दूध नहीं था। दीनू गाय को हमेशा ही श्रद्धा से गो-माता के रूप में देखता था। उसने गो-माता को नमस्कार किया। एक रोटी उसे खिला दी। एक रोटी बछड़े को भी दे दी। सोचा-एक रोटी है मेरे पास। कौन ये मेरी रोटी खा ही लेंगे। उपहार के लिए एक ही रोटी काफी है।
उत्तर: संज्ञा: झोले, रोटियाँ, दूर, गाय, बछड़ा, गौ, थन, दूध, दीनू, श्रद्धा, गो-माता, रोटी, पास, उपहार सर्वनाम: उसके, उसे, जो, उनमें, उसने, उसे, मेरे, ये, कौन विशेषण: तीन, एक, कुछ, लगातार, हमेशा, ही क्रिया: बची, चलने, मिली, था, खींच, था, देखता, किया, खिला, दे, सोचा, है, खा, लेंगे, है
–9 निम्नलिखित मुहावरों का वाक्यों में प्रयोग कीजिए –
आँख फेरना, बन्दर धुड़की देना, मुँह में अँगुली दबाना, दाँत किट किटाना, जेब गर्म होना, हाथों-हाथ उठाना, फिसड्डी होना, खिल उठना
उत्तर:
- आँख फेरना: समय के साथ लोग आँख फेर लेते हैं।
- बन्दर धुड़की देना: जब बन्दर धुड़की देता है तो दाँत दिखाता है।
- मुँह में अँगुली दबाना: आश्चर्यजनक दृश्य देखकर मुँह में अँगुली दबाना आवश्यक है।
- दाँत किट किटाना: सर्दी में दाँत किटकिटाकर ठंड पर गुस्सा झाड़ते हैं।
- जेब गर्म होना: जेब में सिक्का रहता है तो जेब गर्म हो जाती है।
- हाथों-हाथ उठाना: फटी जेब से गिरा सिक्का हाथों-हाथ उठा लिया जाता है।
- फिसड्डी होना: फिसड्डी रहकर क्या मिलेगा, आगे बढ़ो।
- खिल उठना: सिक्का पाकर मनुष्य खिल उठता है।
-10 निम्नलिखित शब्दों में ग्रस्त, हीन और रहित शब्द जोड़कर नए सार्थक शब्द बनाइए –
बुद्धि, भेद-भाव, स्वार्थ, पंख, विचार, मर्यादा, अंग, रोग, शोक, मोह, लकवा, शर्म
उत्तर:
- बुद्धिग्रस्त, भेद-भावहीन, स्वार्थहीन, पंखरहित, विचारहीन, मर्यादाग्रस्त, अंगहीन, रोगग्रस्त, शोकग्रस्त, मोहग्रस्त, लकवाग्रस्त, शर्महीन
-11 निम्नलिखित अवतरण में संयुक्त क्रियाओं को रेखांकित कीजिए –
मेरे सर्वेक्षण में आँखों को इतना महत्व नहीं दिया जा सकता। आँखें सिर्फ देखने के काम आती हैं। मैंने दो-तिहाई उम्र इनसे काम ले लिया और इनसे जो-जो चीजें या हालात देखे, उन्हें देखकर इस निर्णय पर पहुँचा हूँ कि अब और कुछ देखने को जी नहीं चाहता।
उत्तर:
- मेरे सर्वेक्षण में आँखों को इतना महत्व नहीं दिया जा सकता। आँखें सिर्फ देखने के काम आती हैं। मैंने दो-तिहाई उम्र इनसे काम ले लिया और इनसे जो-जो चीजें या हालात देखे, उन्हें देखकर इस निर्णय पर पहुँचा हूँ कि अब और कुछ देखने को जी नहीं चाहता।
-12 पत्र-लेखन। बिन्दुओं को ध्यान में रखते हुए कहानी लिखिए –
- बालक हलवाई की दुकान पर है। ललचाई आँखों से जलेबी को देखता है। कमीज-पेण्ट की जेबों में हाथ डालता है। कुछ भी न होने का भाव प्रकट करता है। हताश लौटने लगता है। हलवाई उसे जलेबियाँ देता है। बालक मुफ्त की चीज नहीं लूँगा। हलवाई मेहनत कर खाना अच्छी बात है। बालक-कमाकर लाऊँगा, तब खाऊँगा।
उत्तर: एक बालक हलवाई की दुकान पर खड़ा था। वह ललचाई आँखों से जलेबी को देख रहा था। उसने अपनी कमीज और पैंट की जेबों में हाथ डाला लेकिन कुछ नहीं मिला। उसका चेहरा उदास हो गया और वह हताश होकर लौटने लगा। हलवाई ने उसे देखा और जलेबियाँ दीं। बालक ने कहा कि मैं मुफ्त की चीज नहीं लूँगा। हलवाई ने कहा कि मेहनत करके खाना अच्छी बात है। बालक ने कहा कि मैं कमाकर लाऊँगा, तब खाऊँगा।
–13 पत्र में विराम लगाइए –
मैं जानता हूँ सभी बातें झटपट सिखाते नहीं बनती फिर भी हो सके तो उसके मन में जगाइए पसीना बहाकर कमाया हुआ एक पैसा भी फोकट में मिले खजाने से ज्यादा मूल्यवान है सिखाइए उसे कैसे झेलते हैं हार और सिखाकर जीत की खुशी में संयम बरतना अगर आपमें सामर्थ्य हो तो सिखाइए उसे ईर्ष्या द्वेष से दूर रहना
उत्तर: मैं जानता हूँ, सभी बातें झटपट सिखाते नहीं बनती; फिर भी हो सके तो उसके मन में जगाइए। पसीना बहाकर कमाया हुआ एक पैसा भी फोकट में मिले खजाने से ज्यादा मूल्यवान है। सिखाइए उसे कैसे झेलते हैं हार, और सिखाकर जीत की खुशी में संयम बरतना। अगर आपमें सामर्थ्य हो तो सिखाइए उसे ईर्ष्या द्वेष से दूर रहना।
-14 पत्र-लेखन। बिन्दुओं के आधार पर वर्षाऋतु पर निबंध लिखिए –
ऋतुएँ किने प्रकार की होती हैं। ग्रीष्मकाल के बाद किस ऋतु का आगमन होता है। बादलों के बनने की प्रक्रिया क्या है। हिन्द महासागर तथा अरब सागर से उठने वाले बहाव किस दिशा में जाते हैं। मानसून से क्या आशय है। भारत वर्ष में मानसून की वर्षा का समय जुलाई से सितम्बर तक का है। वर्षा पर भारत वर्ष में कृषि की निर्भरता का उल्लेख कीजिए। यदि वर्णन हो तो देश की अर्थव्यवथा पर क्या प्रभाव पड़ता है।
उत्तर: वर्षा ऋतु पर निबंध भारत में मुख्य रूप से छह ऋतुएँ होती हैं। ग्रीष्मकाल के बाद वर्षा ऋतु का आगमन होता है। बादलों की बनने की प्रक्रिया में सूर्य की गर्मी से जल वाष्प बनता है जो ऊपर उठकर बादल बनता है। हिन्द महासागर और अरब सागर से उठने वाले बहाव उत्तर-पश्चिम दिशा में जाते हैं। मानसून से आशय मौसमी वर्षा से है। भारत में मानसून की वर्षा जुलाई से सितंबर तक होती है। वर्षा पर भारत की कृषि निर्भर है क्योंकि इससे फसलें उगती हैं। यदि वर्षा कम हो तो सूखा पड़ता है और अर्थव्यवस्था पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
-15 पत्र-लेखन। अपने मित्र को पत्र लिखिए जिससे उसे पर्वतों की रानी पचमंढ़ी घूमने का निमंत्रण दीजिए।
उत्तर: प्रिय मित्र, नमस्ते, मैं ठीक हूँ। आशा है तुम भी ठीक होगे। मैं तुम्हें पर्वतों की रानी पचमढ़ी घूमने का निमंत्रण देता हूँ। यहाँ की प्राकृतिक सुंदरता अद्भुत है। हम साथ में घूमेंगे और मजा करेंगे। जल्दी आओ। तुम्हारा मित्र, नाम।
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