Solution
1. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
(क) सही जोड़ी बनाइए –
शब्द | जोड़ा |
---|---|
देवी | कीर्ति |
राज | घोड़े |
यश | धाम |
हाथी | पाट |
काम | देवता |
उत्तर:
शब्द | जोड़ा |
---|---|
देवी | देवता |
राज | पाट |
यश | कीर्ति |
हाथी | घोड़े |
काम | धाम |
(ख) दिए गए शब्दों में से उपयुक्त शब्द चुनकर रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए –
विक्रमादित्य….. राजा था। (दानी/कंजूस)
विक्रमादित्य में से भी जूझ पड़ने का साहस था। (इन्द्र/यमराज)
सेठ ने राजा को.. रुपये प्रतिदिन पर नौकर रख लिया। (एक हजार/एक लाख)
आप लोगों के दर्शन पाकर मैं.. हो गया। (धन्य/पानी-पानी)
सेठ को दूसरे देशों में करने के लिए बाहर निकलना पड़ गया। (युद्ध/व्यापार)
उत्तर:
विक्रमादित्य दानी राजा था।
विक्रमादित्य में यमराज से भी जूझ पड़ने का साहस था।
सेठ ने राजा को एक लाख रुपये प्रतिदिन पर नौकर रख लिया।
आप लोगों के दर्शन पाकर मैं धन्य हो गया।
सेठ को दूसरे देशों में व्यापार करने के लिए बाहर निकलना पड़ गया।
2. अति लघु उत्तरीय प्रश्न
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक वाक्य में लिखिए –
(क) भाग्य और साहस में किस बात पर झगड़ा हुआ?
उत्तर: भाग्य और साहस में इस बात पर झगड़ा हुआ कि उनमें से कौन बड़ा है।
(ख) भाग्य और साहस निर्णय के लिए किसके पास गए?
उत्तर: भाग्य और साहस निर्णय के लिए राजा विक्रमादित्य के पास गए।
(ग) राजा विक्रमादित्य में क्या-क्या गुण थे?
उत्तर: राजा विक्रमादित्य सत्यवादी, न्यायप्रिय, वीर, दानी और प्रतापी थे।
(घ) राजा ने सेठ से क्या काम माँगा?
उत्तर: राजा ने सेठ से ऐसा काम माँगा जो कोई और न कर सके।
(ङ) भाग्य के कारण राजा के पास क्या-क्या था?
उत्तर: भाग्य के कारण राजा के पास राज-पाट, हाथी-घोड़े, सेना-सिपाही और यश-कीर्ति थी।
3. लघु उत्तरीय प्रश्न
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन से पाँच वाक्यों में लिखिए –
(क) साहस ने अपने को किस तरह बड़ा सिद्ध किया?
उत्तर: साहस ने अपने को बड़ा सिद्ध करने के लिए उदाहरण दिया कि यदि किसी के भाग्य में जंगल में अपार धन मिलना लिखा हो, तो साहस होने पर ही वह जंगल जाएगा। बिना साहस के वह कभी सुखी नहीं हो सकता। इस तरह साहस ने कहा कि वह भाग्य से बड़ा है।
(ख) भाग्य ने अपने को क्यों बड़ा कहा?
उत्तर: भाग्य ने अपने को बड़ा इसलिए कहा क्योंकि वह जब जिसे चाहे राजा से रंक बना देता है और रंक से राजा। कोई कितना ही साहसी क्यों न हो, यदि उसके भाग्य में सुख नहीं लिखा तो साहस के बल पर सुख नहीं मिल सकता। इस कारण भाग्य ने अपने को बड़ा बताया।
(ग) राजा एक लाख रुपये किस प्रकार खर्च करता था? उत्तर: राजा विक्रमादित्य रोज सेठ से एक लाख रुपये लेकर आधा गरीब दुखियों को दान कर देते थे। आधे का आधा करके मंदिर में देवी-देवताओं को चढ़ा देते थे। फिर जो आधा बचता, उसमें से आधा बुरे समय के लिए संभालकर रख लेते थे और शेष रुपयों से अपना खर्च चलाते थे।
(घ) राजा ने भाग्य और साहस में से किसको बड़ा बताया और क्यों?
उत्तर: राजा ने भाग्य और साहस में से किसी को बड़ा नहीं बताया, बल्कि दोनों को बराबर बताया। भाग्य के कारण सेठ ने उन्हें एक लाख वेतन पर नौकरी दी, लेकिन जहाज अटकने पर साहस के साथ धक्का देने से सफलता मिली। इसलिए राजा ने कहा कि साहस के बिना भाग्य साथ नहीं देता और भाग्य के बिना साहस बेकार है, दोनों समान हैं।
(ङ) राजा ने अपना फैसला सुनाने के लिए कितना समय माँगा और क्यों?
उत्तर: राजा ने अपना फैसला सुनाने के लिए छः महीनों का समय माँगा। राजमहल में रहकर न भाग्य की परीक्षा हो सकती थी न साहस की, इसलिए वे नगर से बाहर घूमना चाहते थे। तभी पता चल पाता कि भाग्य बड़ा है या साहस।
भाषा की बात
4. निम्नलिखित शब्दों का शुद्ध उच्चारण कीजिए –
विक्रमादित्य, पृथ्वी, धर्मात्मा, स्तुति, प्रसन्न, स्वागत-सत्कार, सत्यवादी, न्यायी, तनख्वाह।
उत्तर: विक्रमादित्य (विक्-र-मा-दि-त्य), पृथ्वी (पृ-थ्-वी), धर्मात्मा (धर्-मात्-मा), स्तुति (स्तु-ति), प्रसन्न (प्र-सन्न), स्वागत-सत्कार (स्वा-गत-सत्-का-र), सत्यवादी (स-त्य-वा-दी), न्यायी (न्य-या-यी), तनख्वाह (तन-ख्वा-ह)।
5. निम्नलिखित शब्दों की शुद्ध वर्तनी लिखिए –
आज्ञा, कीर्ति, राज्यपाट, स्तुति, दर्शन, स्वागत, फैसला, परीक्षा, तंदरुस्त।
उत्तर: आज्ञा, कीर्ति, राजपाट, स्तुति, दर्शन, स्वागत, फैसला, परीक्षा, तंदुरुस्त।
6. हिन्दी भाषा में प्रचलित अन्य भाषाओं के दस शब्द लिखिए –
उत्तर: आदमी, दरबार, मतलब, मिसाल, दलील, हौसला, फैसला, तंदुरुस्त, ताज्जुब, तनख्वाह।
8. कोष्ठक में लिखे कारक चिह्नों का रिक्त स्थान में सही प्रयोग कीजिए –
(ने, के, को, में, से, के लिए)
(क) श्रीराम राजा दशरथ ————- पुत्र थे।
(ख) सैनिक शत्रु————–लड़ता है।
(ग) शिक्षिका———-छात्र—————–पाठ पढ़ाया।
(घ) बच्चा आम—————रो रहा है।
(ङ) पिताजी घर———————है।
उत्तर:
(क) श्रीराम राजा दशरथ के पुत्र थे।
(ख) सैनिक शत्रु से लड़ता है।
(ग) शिक्षिका ने छात्र को पाठ पढ़ाया।
(घ) बच्चा आम के लिए रो रहा है।
(ङ) पिताजी घर में हैं।
9. निम्नलिखित कारक चिह्नों का प्रयोग कर वाक्य बनाइए –
(क) से (के द्वारा)——————-
(ख) से (अलग, पृथकता)————————–
(ग) के लिए——————————-
(घ) हे !————————-
(ङ) में, पर——————————–
उत्तर:
(क) से (के द्वारा): राम ने तीर से रावण को मारा।
(ख) से (अलग, पृथकता): वह शहर से गाँव आया।
(ग) के लिए: मैंने तुम के लिए किताब खरीदी।
(घ) हे !: हे राम, मेरी रक्षा करो!
(ङ) में, पर: किताब मेज पर है और पेन डिब्बे में है।
अब करने की बारी
1• पुस्तकालय की पुस्तकों से या आसपास से ऐसे महापुरुषों या राजा-महाराजाओं की कहानियों को पढ़िए तथा उनका संकलन कीजिए जिन्होंने अपने साहस के कारण प्रसिद्धि प्राप्त की हो।
उत्तर: (यह गतिविधि है, लेकिन दस्तावेज़ के आधार पर साहस के महत्व को जोड़ते हुए) राजा विक्रमादित्य ने अपने साहस से जहाज को धक्का देकर सफलता प्राप्त की, जो पाठ में वर्णित है। इसी तरह अन्य कहानियाँ पढ़कर संकलन करें, जैसे विक्रमादित्य की वीरता की लोककथाएँ।
2• क्या आपके गाँव या शहर के किसी व्यक्ति ने अपने साहस के कारण सफलता प्राप्त की है? उसके बारे में जानने का प्रयास कीजिए।
उत्तर: (गतिविधि) आसपास से जानें, जैसे पाठ में राजा ने साहस से नौकरी और परीक्षा पास की।
3• वीरता, साहस, पराक्रम आदि के लिए राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार प्राप्त बालकों की जानकारी तथा उनके द्वारा किए गए कार्यों को अपने शिक्षक से जानिए।
उत्तर: (गतिविधि) शिक्षक से जानें, पाठ के साहस के संदर्भ में, जैसे राजा विक्रमादित्य का साहस।
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