प्रार्थना – सारांश
यह अध्याय “छोटा जादूगर” एक कहानी है, जो माता-पिता की सेवा और समर्पण की भावना को दर्शाती है। कार्निवाल के मैदान में एक लेखक की मुलाकात एक गरीब लड़के से होती है, जो फटे कुरते और रस्सी के साथ ताश के पत्ते लिए शरबत पीने वालों को देख रहा है। लड़के के चेहरे पर गंभीरता और धैर्य है। वह निशाना लगाना पसंद करता है और जादूगर को निकम्मा बताता है, दावा करता है कि वह बेहतर ताश का खेल दिखा सकता है। लेखक उसे परदे वाले शो में ले जाना चाहता है, पर लड़का टिकट न होने के कारण मना करता है और निशाना लगाने की बात करता है। लेखक के साथ शरबत पीकर वह बताता है कि उसकी माँ और बीमार बाप हैं, जिनके लिए वह मेहनत करता है। कहानी माता-पिता के प्रति कर्तव्य और मेहनत की भावना सिखाती है। व्याकरण में विशेषण के प्रकार (गुणवाचक, संख्यावाचक, परिमाणवाचक, सार्वनामिक) और पंचमाक्षर (क, च, ट, त, प) व अनुस्वार (ं) का प्रयोग समझाया गया है, जैसे कंघा की जगह कङघा। अभ्यास में विशेषण छाँटना, वाक्य बनाना, पंचमाक्षर-अनुस्वार का परिवर्तन और वाक्य पूरे करना शामिल है। योग्यता विस्तार में छोटा जादूगर जैसे व्यक्ति से मुलाकात की कल्पना, विशेषणों के शब्द लिखना और अनुस्वार-पंचमाक्षर का प्रयोग करना सिखाया गया है। अंत में संदेश है कि कर्तव्य पालन में ही जीवन की मिठास है।
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