प्रार्थना – सारांश
यह अध्याय “मध्यप्रदेश का वैभव” मध्यप्रदेश के प्राकृतिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व को दर्शाता है। मध्यप्रदेश को भारत की हृदय-स्थली कहा गया है, जो कला, साहित्य, पुरातत्व और संस्कृति में विशेष स्थान रखता है। नर्मदा नदी, जिसे मोक्षदायिनी कहा जाता है, अमरकंटक से शुरू होकर खम्भात की खाड़ी तक बहती है और भेड़ाघाट का धुआँधार जल-प्रपात, महेश्वर और ओंकारेश्वर जैसे तीर्थ इसके तट पर हैं। अन्य नदियाँ जैसे सोन, केन, चम्बल, बेतवा और ताप्ती भी महत्वपूर्ण हैं। भोपाल, जो झीलों की नगरी और राजधानी है, में भारत-भवन, मानव संग्रहालय, बिड़ला मंदिर, ताज-उल-मसाजिद और वन-विहार जैसे दर्शनीय स्थल हैं। भीम बैठका की गुफाएँ मध्य पाषाणकालीन इतिहास को दर्शाती हैं। सanchi, खजुराहो, ग्वालियर, माण्डू और ओरछा जैसे ऐतिहासिक स्थल और कवि बिहारी, अटल बिहारी वाजपेयी जैसी महान हस्तियाँ मध्यप्रदेश का गौरव बढ़ाती हैं। व्याकरण में क्रिया के भेद समझाए गए हैं, जैसे संयुक्त क्रिया (जाना जाता है, प्रतीत होते हैं) जो एक से अधिक क्रियाओं से बनती है। अभ्यास में स्थानों के नाम, नदियों का महत्व, महापुरुषों की जानकारी, संयुक्त क्रियाएँ छाँटना और वाक्य पूरे करना शामिल है। योग्यता विस्तार में मध्यप्रदेश के प्राकृतिक, ऐतिहासिक और पौराणिक स्थलों को लिखना, महापुरुषों के चित्र संकलन, भ्रमण किए स्थानों का वर्णन और अन्य महान व्यक्तियों की जानकारी इकट्ठा करना सिखाया गया है। अंत में कहा गया है कि विद्या के बिना व्यक्ति अंधे के समान है।
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