प्रार्थना – सारांश
पाठ “जानकारियाँ बढ़ीं, आपदाएँ घटीं” में प्राकृतिक आपदाओं और उनसे बचाव के उपायों पर जानकारी दी गई है। इसमें वार्तालाप शैली के माध्यम से बताया गया है कि अचानक बाढ़, चक्रवात, भूकंप, ज्वालामुखी, सूखा जैसी आपदाएँ कैसे आती हैं और उनका जन-धन पर कितना बुरा असर पड़ता है। बाढ़ अधिक वर्षा, वनों की कटाई, नदियों की वहन क्षमता कम होने और पानी के बहाव में रुकावट से आती है। चक्रवात समुद्र में उठने वाले तूफानों के कारण होता है और यह तटीय क्षेत्रों में भारी नुकसान पहुँचाता है। सूखा वर्षा न होने या कम होने से पड़ता है, जिसका असर फसलों, पशुओं और मनुष्यों पर गहराई से पड़ता है। इन आपदाओं से बचने के लिए सरकार अनेक उपाय करती है, जैसे – बाँध बनवाना, तटबंध तैयार करना, मौसम की भविष्यवाणी करना, राहत कार्यक्रम चलाना, रोजगार योजनाएँ लागू करना और ज़रूरतमंदों को खाद्यान्न उपलब्ध कराना। पाठ यह संदेश देता है कि यदि लोग प्राकृतिक आपदाओं और उनके बचाव के उपायों की जानकारी रखें तो बड़ी हानियों से बच सकते हैं और सुरक्षित जीवन जी सकते हैं।
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