डॉ. अब्दुल कलाम के जीवन के प्रेरक प्रसंग
प्रार्थना – सारांश
यह अध्याय “डॉ. अब्दुल कलाम के जीवन के प्रेरक प्रसंग” भारत के ग्यारहवें राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के जीवन और उनकी उपलब्धियों पर आधारित है। उनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 को रामेश्वरम में हुआ और निधन 27 जुलाई 2015 को हुआ। बचपन से ही उनकी कुशाग्र बुद्धि और शांत स्वभाव था, और उन्होंने संघर्षों के बावजूद दृढ़ इच्छा-शक्ति और आत्मविश्वास से सफलता पाई। रामेश्वरम के सामाजिक परिवेश ने उनकी सामाजिक समरसता की भावना को बढ़ाया। स्कूल में गुरु की डाँट को उन्होंने मार्गदर्शन माना और कठिन परिश्रम से सबसे अधिक अंक प्राप्त किए। वे बच्चों से प्रेम करते थे और गुरु-शिष्य परंपरा के समर्थक थे। उनकी अग्नि मिसाइल के प्रक्षेपण की सफलता ने भारत का गौरव बढ़ाया। व्याकरण में समास (जैसे गुरु-शिष्य) और कारक (जैसे कर्ता, कर्म, करण) के आठ भेद समझाए गए हैं, जिनके चिह्न जैसे ‘को’, ‘से’, ‘का’, ‘में’ आदि हैं। अभ्यास में समास और कारक छाँटना, वाक्य बनाना और वाक्यों में कारक चिह्न पहचानना शामिल है। योग्यता विस्तार में अग्नि मिसाइल की सफलता पर बनी कविता याद करना, ऐसी ही कविता लिखना और अन्य वैज्ञानिकों के चित्र संग्रह करना सिखाया गया है। अंत में कहा गया है कि विद्या का लक्ष्य चरित्र निर्माण होना चाहिए।
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