Short Questions Answer
प्रश्न: कपूत की गति किसके समान होती है?
उत्तर: कपूत की गति दीपक की गति के समान होती है।
प्रश्न: रहीम ने सबसे बड़ा लाभ किसे माना है?
उत्तर: रहीम ने समय का लाभ सबसे बड़ा माना है।
प्रश्न: पावस आने पर कौन मौन साध लेता है?
उत्तर: पावस आने पर कोयल मौन साध लेता है।
प्रश्न: रहीम के अनुसार अब कौन से वृक्ष नहीं दिखते?
उत्तर: अब गंभीर छाया वाले वृक्ष नहीं दिखते।
प्रश्न: दीनबंधु के समान कौन हो जाता है?
उत्तर: जो दीन को समझता है, वह दीनबंधु के समान हो जाता है।
प्रश्न: जीभ के बावलेपन का क्या परिणाम होता है?
उत्तर: जीभ के बावलेपन से जूती खाने की नौबत आती है।
प्रश्न: रहीम ने सच्चा मित्र किसे कहा है?
उत्तर: रहीम ने विपत्ति में साथ देने वाले को सच्चा मित्र कहा है।
प्रश्न: रिस की गाँस की तुलना किससे की गई है?
उत्तर: रिस की गाँस की तुलना मिश्री में बाँस की फाँस से की गई है।
प्रश्न: तन की तुलना रहीम ने किससे की है?
उत्तर: तन की तुलना रहीम ने उलटी नाव से की है।
प्रश्न: वर्षा में कौन वक्ता बन जाता है?
उत्तर: वर्षा में मेढ़क वक्ता बन जाता है।
Long Questions Answer
प्रश्न: रहीम ने ‘रिस की गाँस’ के बारे में क्या कहा है?
उत्तर: रहीम कहते हैं कि क्रोध की चुभन अमृत जैसे वचनों को बेकार कर देती है। यह मिश्री में बाँस की फाँस की तरह दुख देती है।
प्रश्न: जीभ के बावलेपन का दुष्परिणाम क्या होता है?
उत्तर: जीभ का बावलापन स्वर्ग-पाताल की बातें कहलवाता है। इससे अपमान होता है और जूती खाने की नौबत आती है।
प्रश्न: रहीम ने तन की तुलना नाव से क्यों की है?
उत्तर: रहीम ने तन को उलटी नाव से इसलिए तुलना की क्योंकि कर्म के वश में रहकर मन को सही दिशा में रखना पड़ता है। यह नाव की तरह कठिन कार्य है।
प्रश्न: कवि के अनुसार सच्चा मित्र कौन है?
उत्तर: सच्चा मित्र वह है जो विपत्ति में साथ देता है। संपत्ति में तो कई लोग मित्र बनते हैं, पर विपत्ति में सच्चे मित्र की पहचान होती है।
प्रश्न: दोहे “विपति भए धन ना रहे…” के माध्यम से कवि क्या कहना चाहते हैं?
उत्तर: कवि कहते हैं कि विपत्ति में धन नहीं रहता, जैसे भोर होने पर तारे छिप जाते हैं। यह दर्शाता है कि कठिन समय में सच्चे साथी ही टिकते हैं।
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