नन्हा सत्याग्रही
Short Questions
1. मोहन क्यों रोये जा रहा था?
उत्तर: पुलिस वाले ने उसे चाँटा मारा था।
2. मोहन ने पुलिस वाले को क्यों टोका?
उत्तर: पुलिस वाले ने दूध की कतार तोड़ी थी।
3.लोग मोहन को क्या समझाते थे?
उत्तर: बड़े हैं, प्यार करते हैं, चपत लगाई तो क्या हुआ।
4. मोहन की माँ ने क्या कहा?
उत्तर: बड़े हैं, बाप बराबर, चुप हो जा।
5. मोहन पुलिस वाले के घर क्यों गया?
उत्तर: अपना कसूर जानने के लिए।
6.शेरसिंह ने मोहन को क्या कहा?
उत्तर: दफा हो जा, नहीं तो और पिटेगा।
7.मोहन फाटक पर क्यों बैठ गया?
उत्तर: कसूर बताने तक नहीं हटने के लिए।
8. मोहन की तख्ती पर क्या लिखा था?
उत्तर: अत्याचार को सहना उसे बढ़ावा देना है।
9. बच्चे मोहन का साथ कैसे दिए?
उत्तर: प्रभात फेरी रोककर नारे लगाए।
10.शेरसिंह ने अंत में क्या कहा?
उत्तर: मैं शर्मिंदा हूँ, कसूर मेरा था।
Long Questions
1. मोहन को चाँटा लगने पर लोग क्या-क्या कहते थे?
उत्तर: लोग कहते थे कि बड़े हैं, जल्दी होगी, टोकने पर चपत लगाई। रोता है, रोने दो, थककर चुप हो जाएगा।
2. मोहन ने शेरसिंह के घर जाकर क्या पूछा?
उत्तर: मोहन ने पूछा कि आपने मुझे क्यों मारा, मेरा कसूर क्या था। वह बोला कि बताओ ताकि आगे गलती न करूँ।
3.शेरसिंह की पत्नी ने मोहन को क्या समझाया?
उत्तर: पत्नी ने कहा कि गुस्सा आ गया था, नाश्ता कर ले। मोहन बोला कि चाचा सबके सामने कहें कि गुस्से में पीट दिया।
4. फरीद बाबा ने क्या भूमिका निभाई?
उत्तर: फरीद बाबा शेरसिंह से बात करके बाहर लाए। उन्होंने बच्चों से कहा कि चाचा कुछ कहना चाहते हैं।
5.इस कहानी से क्या सीख मिलती है?
उत्तर: स्वाभिमान रखना चाहिए, अत्याचार न सहें। दृढ़ निश्चय से सत्याग्रह करके गलती स्वीकार करवाई जा सकती है।
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