Short Question Answer
प्रश्न: सरदार पटेल का जन्म कब और कहाँ हुआ था?
उत्तर: सरदार पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1875 को नाडियाड, गुजरात में हुआ था।
प्रश्न: सरदार पटेल के माता-पिता का नाम क्या था?
उत्तर: उनके पिता का नाम जवेर भाई और माता का नाम लाडबाई था।
प्रश्न: सरदार पटेल को लौह पुरुष क्यों कहा जाता था?
उत्तर: उनकी वीरता, दृढ़ निश्चय, और अप्रतिम प्रशासनिक क्षमता के कारण उन्हें लौह पुरुष कहा जाता था।
प्रश्न: सरदार पटेल ने मेट्रिक की परीक्षा कब उत्तीर्ण की?
उत्तर: उन्होंने 1897 में मेट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण की।
प्रश्न: सरदार पटेल का स्वभाव कैसा था?
उत्तर: वे वीर, निर्भय, दृढ़ निश्चयी, परिश्रमी, और लगनशील थे।
प्रश्न: सरदार पटेल के हृदय की तुलना किससे की गई है?
उत्तर: उनके हृदय की तुलना नारियल से की गई, जो बाहर से कठोर और अंदर से कोमल था।
प्रश्न: सरदार पटेल को सरदार की उपाधि कैसे मिली?
उत्तर: सत्याग्रह आंदोलन और बारडोली में किसानों को संगठित करने की सफलता के कारण जनता ने उन्हें सरदार कहा।
प्रश्न: सरदार पटेल ने गृहमंत्री के रूप में कौन सा महत्वपूर्ण कार्य किया?
उत्तर: उन्होंने देशी रियासतों का एकीकरण किया।
प्रश्न: सरदार पटेल की प्रबल आकांक्षा क्या थी?
उत्तर: उनकी आकांक्षा थी कि भारत स्वतंत्रता की रक्षा में सबल और सुयोग्य बने।
प्रश्न: सरदार पटेल अपने अनुयायियों के साथ कैसा व्यवहार करते थे?
उत्तर: वे अपने अनुयायियों की पितृवत् देखभाल और चिंता करते थे।
Long Question Answer
प्रश्न: सरदार पटेल के व्यक्तित्व के प्रमुख गुणों का वर्णन करें।
उत्तर: सरदार वल्लभ भाई पटेल का व्यक्तित्व असाधारण प्रतिभा, विशिष्ट बुद्धिमत्ता, और अप्रतिम प्रशासनिक क्षमता से युक्त था। वे स्वाभाव से वीर, निर्भय, दृढ़ निश्चयी, परिश्रमी, और लगनशील थे। वे किसी भी विषय को तत्काल समझकर तुरंत कार्यवाही करते थे। उनका हृदय नारियल के समान बाहर से कठोर और अंदर से कोमल था। वे हाजिर-जवाबी और विनोदप्रियता के धनी थे, और अपने अनुयायियों के प्रति कृपालु और विश्वासपात्र थे। उनकी ये विशेषताएँ उन्हें लौह पुरुष बनाती थीं।
प्रश्न: सरदार पटेल ने स्वतंत्रता संग्राम में क्या योगदान दिया?
उत्तर: सरदार पटेल ने स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने सत्याग्रह आंदोलन में सक्रिय भाग लिया और बारडोली में किसानों को संगठित कर लगान माफ कराने में सफलता प्राप्त की। इन उल्लेखनीय कार्यों के कारण जनता ने उन्हें सरदार की उपाधि दी। उनकी कुशल नेतृत्व क्षमता और संगठन शक्ति ने स्वतंत्रता आंदोलन को मजबूती प्रदान की।
प्रश्न: सरदार पटेल ने देशी रियासतों के एकीकरण में कैसे योगदान दिया?
उत्तर: स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद, अंग्रेजों ने भारत में 500 से अधिक रियासतों को स्वतंत्र छोड़ दिया था, जिससे स्वतंत्र भारत के सामने एक विकट समस्या उत्पन्न हुई। सरदार पटेल ने प्रथम गृहमंत्री के रूप में अपनी कुशल राजनीतिक सूझ-बूझ का परिचय देते हुए इन सभी रियासतों का एकीकरण किया। उनकी दृढ़ता और कूटनीतिक क्षमता ने इस जटिल समस्या का समाधान चुटकियों में कर दिया, जिससे एकीकृत भारत का निर्माण संभव हुआ।
प्रश्न: सरदार पटेल के हठी विद्रोहियों को विनयानुशासन में लाने की प्रक्रिया का वर्णन करें।
उत्तर: सरदार पटेल को शक्ति का नियंत्रण और सटीक संचालन करने की कला भली-भाँति आती थी। वे हठी विद्रोहियों को विनय और अनुशासन में लाने में माहिर थे। वे व्यक्तिगत ईर्ष्या, द्वेष, और विरोधियों की कमजोरियों का सावधानीपूर्वक लेखा-जोखा रखते थे। इस जानकारी का उपयोग करके वे अपने विरोधियों को रणनीतिक रूप से पछाड़ देते थे। उनकी यह क्षमता उन्हें युद्ध कौशल में निपुण बनाती थी, और वे अपनी आज्ञा को अंतिम रूप देकर कार्य को पूर्ण करते थे।
प्रश्न: सरदार पटेल की महती आकांक्षा और उनके राष्ट्र निर्माण के प्रति दृष्टिकोण को समझाइए।
उत्तर: सरदार पटेल की महती आकांक्षा थी कि भारत अपनी स्वतंत्रता की रक्षा करने में सबल और सुयोग्य बने। वे मानते थे कि स्वराज्य प्राप्त करने के लिए किया गया श्रम महत्वपूर्ण था, लेकिन सुराज (अच्छा शासन) के लिए उससे भी अधिक श्रम की आवश्यकता है। वे चाहते थे कि देश का उत्थान सही अर्थों में हो और स्वतंत्रता के लिए किए गए त्याग और बलिदान सार्थक हों। जीवन के अंतिम दिनों में भी, अस्वस्थ होने के बावजूद, वे राष्ट्र निर्माण के लिए निरंतर कार्य करते रहे, क्योंकि उनका ध्यान हमेशा राष्ट्र की समस्याओं और उनके समाधान पर केंद्रित रहता था।
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