Short Questions Answer
प्रश्न: कुदरत हमें क्या सिखाती है?
उत्तर: कुदरत हमें जग-हित में कुछ करना सिखाती है।
प्रश्न: सूरज हमें क्या देता है?
उत्तर: सूरज हमें रोशनी देता है।
प्रश्न: तारे रात में क्या बरसाते हैं?
उत्तर: तारे शीतलता बरसाते हैं।
प्रश्न: चाँद क्या बाँटता है?
उत्तर: चाँद अमृत बाँटता है।
प्रश्न: पेड़ बिना अभिमान के क्या-क्या देते हैं?
उत्तर: पेड़ बीज, फूल, फल, और ठंडी छाया देते हैं।
प्रश्न: पर्वतों को सोतों का जनक क्यों कहा गया है?
उत्तर: क्योंकि पर्वतों से नदियाँ और झरने निकलते हैं।
प्रश्न: धरती क्या उगाती है?
उत्तर: धरती अन्न उगाती है।
प्रश्न: जुगनू हमें क्या सिखाता है?
उत्तर: जुगनू हमें थोड़ा-थोड़ा अंधकार हरना सिखाता है।
प्रश्न: दधीचि ने क्या दान किया था?
उत्तर: दधीचि ने अपनी हड्डियाँ दान की थीं।
प्रश्न: युग्म शब्दों का उदाहरण कविता से दीजिए।
उत्तर: दिन-रात और ऊँचे-नीचे।
Long Questions Answer
प्रश्न: कविता “हम भी सीखें” में प्रकृति से हमें क्या-क्या सीखने की प्रेरणा मिलती है?
उत्तर: कविता “हम भी सीखें” में प्रकृति हमें निस्वार्थ भाव से दूसरों के लिए जीने और त्याग करने की प्रेरणा देती है। सूरज हमें रोशनी देकर, तारे शीतलता बरसाकर, और चाँद अमृत बाँटकर बिना कुछ माँगे सबके लिए कार्य करने का पाठ पढ़ाते हैं। बादल वर्षा-जल देकर जीवन को समृद्ध करते हैं। पेड़ बिना अभिमान के बीज, फूल, फल, और छाया देकर न्यौछावर होने की सीख देते हैं। नदियाँ और झरने निर्मल जल बहाकर त्याग का उदाहरण प्रस्तुत करते हैं। धरती अन्न उगाकर और प्राणवायु देकर सबका पालन करती है। इस प्रकार प्रकृति हमें निस्वार्थ सेवा, त्याग, और दूसरों के हित में कार्य करने की प्रेरणा देती है।
प्रश्न: कविता में पेड़ों की तुलना दधीचि से क्यों की गई है?
उत्तर: कविता में पेड़ों की तुलना दधीचि से इसलिए की गई है क्योंकि पेड़ बिना किसी अभिमान के अपनी हर चीज-बीज, फूल, फल, और छाया-दूसरों को दे देते हैं। ठीक उसी तरह, पौराणिक कथा में दधीचि ऋषि ने देवताओं के लिए अपनी हड्डियाँ तक दान कर दी थीं, जिनसे वज्र बनाकर राक्षसों को परास्त किया गया। पेड़ भी हर युग में अपनी काया न्यौछावर कर देते हैं और मौसम चाहे कैसा भी हो, वे सदा निखरते रहते हैं। यह तुलना पेड़ों के त्याग और निस्वार्थ भाव को दर्शाती है।
प्रश्न: कविता में जुगनुओं से हमें क्या सीखने को कहा गया है और यह सीख हमारे जीवन में कैसे उपयोगी है?
उत्तर: कविता में जुगनुओं से हमें थोड़ा-थोड़ा अंधकार हरने की सीख मिलती है। जुगनू अपनी छोटी-सी रोशनी से अंधेरे को कम करता है, जो हमें सिखाता है कि छोटे-छोटे प्रयासों से भी हम समाज में बदलाव ला सकते हैं। यह सीख हमारे जीवन में उपयोगी है क्योंकि यह हमें बताती है कि हमें बड़े कार्यों की प्रतीक्षा करने की बजाय अपनी क्षमता के अनुसार छोटे-छोटे कार्यों से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने चाहिए। इससे हम दूसरों के जीवन को बेहतर बना सकते हैं।
प्रश्न: कविता में धरती को सबका पालन करने वाली क्यों कहा गया है और इससे हमें क्या सीख मिलती है?
उत्तर: कविता में धरती को सबका पालन करने वाली इसलिए कहा गया है क्योंकि धरती अन्न उगाती है, जो सभी प्राणियों का भरण-पोषण करती है। वह उथल-पुथल सहकर भी जीवन को महकाती है और प्राणवायु प्रदान करके चारों ओर जीवन का संचार करती है। इससे हमें सीख मिलती है कि हमें भी धरती की तरह निस्वार्थ भाव से दूसरों का पालन-पोषण करना चाहिए। हमें अपने संसाधनों को बाँटकर और दूसरों की मदद करके जीवन को सुंदर और समृद्ध बनाना चाहिए।
प्रश्न: कविता में युग्म शब्दों और पुनरुक्त शब्दों का उपयोग कैसे कविता की सुंदरता बढ़ाता है?
उत्तर: कविता में युग्म शब्द जैसे “दिन-रात” और “ऊँचे-नीचे” तथा पुनरुक्त शब्द जैसे “थोड़ा-थोड़ा” और “बूंद-बूंद” का उपयोग कविता की सुंदरता को बढ़ाता है। युग्म शब्द विपरीत अर्थों को जोड़कर कविता में लय और गहराई लाते हैं, जैसे “दिन-रात” समय की निरंतरता को दर्शाता है। पुनरुक्त शब्द, जैसे “बूंद-बूंद”, कविता में लयबद्धता और जोर देकर विचार को प्रभावशाली बनाते हैं। ये शब्द कविता को सरल, प्रवाहमय, और आकर्षक बनाते हैं, जिससे पाठक के मन पर गहरा प्रभाव पड़ता है।
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