Short Questions Answer
प्रश्न: डॉ. शंकर दयाल शर्मा का जन्म कब हुआ था?
उत्तर: डॉ. शंकर दयाल शर्मा का जन्म 19 अगस्त 1918 को हुआ था।
प्रश्न: अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म कहाँ हुआ था?
उत्तर: अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म ग्वालियर जिले की शिंदे की छावनी में हुआ था।
प्रश्न: डॉ. शर्मा ने किन विषयों में स्नातकोत्तर उपाधियाँ प्राप्त की थीं?
उत्तर: डॉ. शर्मा ने हिन्दी, अंग्रेजी, और संस्कृत साहित्य में स्नातकोत्तर उपाधियाँ प्राप्त की थीं।
प्रश्न: अटल बिहारी वाजपेयी ने किन पत्रों का संपादन किया?
उत्तर: अटल बिहारी वाजपेयी ने ‘स्वदेश’, ‘पाञ्चजन्य’, और ‘वीर अर्जुन’ पत्रों का संपादन किया।
प्रश्न: डॉ. शंकर दयाल शर्मा कब उपराष्ट्रपति बने?
उत्तर: डॉ. शंकर दयाल शर्मा 21 अगस्त 1987 को उपराष्ट्रपति बने।
प्रश्न: अटल बिहारी वाजपेयी प्रथम बार कब प्रधानमंत्री बने?
उत्तर: अटल बिहारी वाजपेयी प्रथम बार 1996 में प्रधानमंत्री बने।
प्रश्न: डॉ. शंकर दयाल शर्मा की पुस्तकों के नाम क्या हैं?
उत्तर: उनकी पुस्तकें हैं: ‘प्रतिष्ठित भारतीय’, ‘हमारे चिंतन की मूल धारा’, और ‘देश मणि’।
प्रश्न: अटल बिहारी वाजपेयी को कौन-सी उपाधि से सम्मानित किया गया?
उत्तर: अटल बिहारी वाजपेयी को ‘पद्मभूषण’ और ‘हिन्दी गौरव विभूति’ से सम्मानित किया गया।
प्रश्न: डॉ. शंकर दयाल शर्मा जन-सामान्य से कब मिलते थे?
उत्तर: डॉ. शंकर दयाल शर्मा प्रातः 9 बजे से अपराह्न 1:30 बजे तक जन-सामान्य से मिलते थे।
प्रश्न: अटल बिहारी वाजपेयी की काव्य रुचि कैसे जागृत हुई?
उत्तर: अटल बिहारी वाजपेयी की काव्य रुचि अपने पिता की रचनाएँ पढ़ते-पढ़ते और हिन्दी साहित्य सभा की गोष्ठियों में जाने से जागृत हुई।
Long Questions Answer
प्रश्न: डॉ. शंकर दयाल शर्मा की शैक्षिक उपलब्धियों और उनके सार्वजनिक जीवन के प्रारंभ के बारे में बताइए।
उत्तर: डॉ. शंकर दयाल शर्मा ने अपनी शैक्षिक यात्रा में मेधावी छात्र के रूप में ख्याति प्राप्त की। उन्होंने हिन्दी, अंग्रेजी, और संस्कृत साहित्य में प्रथम श्रेणी में स्नातकोत्तर उपाधियाँ प्राप्त कीं। इसके अतिरिक्त, उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय से एल.एल.एम. और केम्ब्रिज विश्वविद्यालय से कानून में पी-एच.डी. की उपाधि प्राप्त की। उन्होंने लखनऊ और केम्ब्रिज विश्वविद्यालय में अध्यापन कार्य भी किया। उनके सार्वजनिक जीवन का प्रारंभ 7 नवंबर 1948 को सीहोर की एक विशाल जनसभा में विलीनीकरण आंदोलन के लिए जनआह्वान के साथ हुआ, जिसके सिलसिले में उन्हें जेल भी जाना पड़ा। वे 1952 में भोपाल राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री बने और बाद में मध्यप्रदेश के विभिन्न मंत्रालयों में सेवा दी।
प्रश्न: अटल बिहारी वाजपेयी के व्यक्तित्व और उनके साहित्यिक योगदान का वर्णन करें।
उत्तर: अटल बिहारी वाजपेयी सहज, सरल, और भावुक हृदय के धनी थे। वे गरीब बच्चों की सहायता करने और उन्हें पुस्तकें प्रदान करने में हमेशा तत्पर रहते थे। उनके पिता, जो एक अध्यापक और कवि थे, की रचनाओं ने उनकी काव्य रुचि को जागृत किया। उन्होंने ब्रजभाषा में कविताएँ लिखीं और हिन्दी साहित्य सभा की गोष्ठियों में भाग लिया। उनकी प्रमुख रचनाएँ हैं: ‘मेरी इक्यावन कविताएँ’, ‘कैदी कविराय की कुण्डलियाँ’, ‘न देन्यं न पलायनम्’, और ‘मेरी संसदीय यात्रा’। पत्रकारिता में भी उन्होंने ‘राष्ट्रधर्म’, ‘स्वदेश’, ‘पाञ्चजन्य’, और ‘वीर अर्जुन’ जैसे पत्रों का संपादन कर अपनी अलग पहचान बनाई। उनकी कवित्वमय और प्रेरक भाषण शैली ने उन्हें संसद और जन-सामान्य में अत्यंत लोकप्रिय बनाया।
प्रश्न: डॉ. शंकर दयाल शर्मा ने अपने राजनीतिक जीवन में किन-किन महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया और उनकी विशेषताएँ क्या थीं?
उत्तर: डॉ. शंकर दयाल शर्मा ने अपने राजनीतिक जीवन में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया। वे 1952 में भोपाल राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री बने, फिर मध्यप्रदेश के शिक्षा, विधि, लोक निर्माण, और वाणिज्य मंत्री रहे। 1967 में वे मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बने, 1972 में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने गए, और 1974 से 1977 तक भारत सरकार के संचार मंत्री रहे। उन्होंने आंध्र प्रदेश, पंजाब, और महाराष्ट्र के राज्यपाल के रूप में भी सेवा दी। 1987 में वे उपराष्ट्रपति और 1992 में देश के नवें राष्ट्रपति बने। उनकी विशेषताएँ थीं-आध्यात्मिक और लौकिक मूल्यों का संतुलन, नैतिकता के प्रति प्रतिबद्धता, और जन-सामान्य के प्रति आत्मीयता। वे बिना दंभ के जनता से मिलते थे और राजनीति में नैतिक मूल्यों का समर्थन करते थे।
प्रश्न: अटल बिहारी वाजपेयी के राजनीतिक और सामाजिक योगदान को संक्षेप में समझाइए।
उत्तर: अटल बिहारी वाजपेयी ने भारतीय जनसंघ और भारतीय जनता पार्टी की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वे 1968 से 1973 तक जनसंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे। 1957 में बलरामपुर से लोकसभा सदस्य चुने गए और 1996, 1998, और 1999 में तीन बार भारत के प्रधानमंत्री बने। उनकी सरकार के कार्यों की सराहना हुई, और उन्हें ‘पद्मभूषण’ और ‘हिन्दी गौरव विभूति’ से सम्मानित किया गया। सामाजिक रूप से, वे गरीब बच्चों की सहायता और शिक्षा के लिए समर्पित थे। उनकी कवित्वमय भाषण शैली और तथ्य-प्रस्तुति की कला ने उन्हें जन-सामान्य और संसद में लोकप्रिय बनाया। वे स्वतंत्रता संग्राम में भी सक्रिय थे और किशोरावस्था में ‘भारत छोड़ो’ आंदोलन में जेल गए।
प्रश्न: डॉ. शंकर दयाल शर्मा और अटल बिहारी वाजपेयी के व्यक्तित्व में समानताएँ और उनके द्वारा मध्यप्रदेश को गौरवान्वित करने के कार्यों का वर्णन करें।
उत्तर: डॉ. शंकर दयाल शर्मा और अटल बिहारी वाजपेयी दोनों ही मध्यप्रदेश के गौरव थे और दोनों का अध्यापन से गहरा नाता था। दोनों में ज्ञान-दान, साहित्य, और संस्कृति के प्रति रुचि थी। डॉ. शर्मा ने हिन्दी, अंग्रेजी, और संस्कृत साहित्य में योगदान दिया, जबकि अटलजी ने कविता और पत्रकारिता में अपनी पहचान बनाई। दोनों ने नैतिकता और जन-सेवा को प्राथमिकता दी। डॉ. शर्मा ने राष्ट्रपति के रूप में और अटलजी ने प्रधानमंत्री के रूप में भारतीय लोकतंत्र को गौरवान्वित किया। डॉ. शर्मा ने विलीनीकरण आंदोलन और विभिन्न शासकीय पदों पर कार्य कर मध्यप्रदेश का नाम रोशन किया, जबकि अटलजी ने जनसंघ और भाजपा की स्थापना, स्वतंत्रता संग्राम, और पत्रकारिता के माध्यम से मध्यप्रदेश को गौरव प्रदान किया। दोनों की सादगी, आत्मीयता, और निस्वार्थ सेवा ने उन्हें जन-सामान्य का प्रिय बनाया।
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