Short Questions Answer
प्रश्न: पंछी को किस तरह का गगन पसंद है?
उत्तर: पंछी को उन्मुक्त (स्वतंत्र) गगन पसंद है।
प्रश्न: पंछी पिंजरे में क्यों नहीं गा पाता?
उत्तर: क्योंकि पिंजरे में बंद होने से उसके पंख टूटने का डर रहता है।
प्रश्न: पंछी को कनक-कटोरी की मैदा से बेहतर क्या लगता है?
उत्तर: पंछी को कटुक-निबोरी बेहतर लगती है।
प्रश्न: स्वर्ण-श्रृंखला में पंछी क्या भूल जाता है?
उत्तर: पंछी अपनी गति और उड़ान भूल जाता है।
प्रश्न: पंछी अपने सपनों में क्या देखता है?
उत्तर: पंछी तरु की फुनगी पर झूले देखता है।
प्रश्न: पंछी का अरमान क्या है?
उत्तर: पंछी का अरमान नील-गगन से होड़ा-होड़ी करना है।
प्रश्न: कविता में नीड़ का क्या अर्थ है?
उत्तर: नीड़ का अर्थ घोंसला है।
प्रश्न: पंछी को क्या नहीं देना चाहिए?
उत्तर: पंछी को प्राचीरों (चार दीवारी) में नहीं बाँधना चाहिए।
प्रश्न: कविता में कनक का अर्थ क्या है?
उत्तर: कनक का अर्थ सोना है।
प्रश्न: पंछी को उड़ान में क्या नहीं डालना चाहिए?
उत्तर: पंछी की उड़ान में विध्न (बाधा) नहीं डालना चाहिए।
Long Questions Answer
प्रश्न: पंछी को सोने की सलाखों के पिंजरे में किस बात का डर रहता है और क्यों?
उत्तर: पंछी को सोने की सलाखों से टकराकर पंख टूटने का डर रहता है। यह डर इसलिए है क्योंकि पिंजरा उसकी स्वतंत्रता छीन लेता है।
प्रश्न: कविता में स्वतंत्र जीवन जीने वालों की क्या विशेषता बताई गई है?
उत्तर: स्वतंत्र जीवन जीने वाले बहता जल पीते हैं और कटुक-निबोरी को मैदा से बेहतर मानते हैं। वे बंधनों को स्वीकार नहीं करते।
प्रश्न: पंछी को कनक-कटोरी की मैदा से कटुक-निबोरी क्यों अच्छी लगती है?
उत्तर: कटुक-निबोरी स्वतंत्रता में मिलती है, जो पंछी को प्रिय है। कनक-कटोरी की मैदा बंधन में मिलती है, इसलिए वह उसे पसंद नहीं।
प्रश्न: पंछी को पिंजरे की सुविधाएँ क्यों पसंद नहीं हैं?
उत्तर: पिंजरे की सुविधाएँ पंछी की स्वतंत्रता छीन लेती हैं। वह स्वतंत्र गगन में उड़ना चाहता है, न कि बंधन में रहना।
प्रश्न: कविता में पक्षी के अरमान को कैसे दर्शाया गया है?
उत्तर: पक्षी का अरमान नील-गगन से होड़ा-होड़ी करना और क्षितिज तक उड़ान भरना है। वह तरु की फुनगी पर झूले का सपना देखता है।
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