न यह समझो कि हिन्दुस्तान की तलवार सोई है
पाठ का परिचय
यह कविता भारत की वीरता और देशभक्ति को दर्शाती है। भारत ने विश्व को शांति और अहिंसा का संदेश दिया, लेकिन अपने स्वाभिमान और देश की रक्षा के लिए हमेशा तैयार रहा। भारत के वीरों ने आक्रमणकारियों को डराया और अपने प्राणों का बलिदान दिया। यह कविता हमें इतिहास के गौरवशाली पलों को याद कराती है और देशप्रेम की भावना जगाती है।
पाठ का उद्देश्य
सीखने के लक्ष्य: स्वाभिमान, शौर्य, वीरता, दृढ़संकल्प और देशप्रेम की भावना को समझना। इतिहास से प्रेरणा लेना। विदेशी शब्दों के स्थान पर हिन्दी शब्दों का उपयोग सीखना। रस और छंद (तुकान्त/अतुकान्त) की जानकारी प्राप्त करना।
कविता का सार
मुख्य थीम: भारत की शक्ति (तलवार) कभी कमजोर नहीं हुई। यह कविता भारत के गौरवशाली इतिहास, वीरों की बहादुरी और देश के लिए बलिदान को दर्शाती है।
ऐतिहासिक संदर्भ: सिकंदर, बाबर, शिवाजी, राणा प्रताप और चित्तौड़ के जौहर जैसे प्रसंगों का उल्लेख।
संदेश: भारत शांति और अहिंसा में विश्वास रखता है, लेकिन अपनी स्वतंत्रता और सम्मान की रक्षा के लिए हमेशा तैयार है।
कविता की पंक्तियों का सार
1. पहला छंद: भारत की तलवार की शक्ति ऐसी थी कि सिकंदर और बाबर जैसे आक्रमणकारी डरते थे। शत्रुओं की सेनाएँ बिखर जाती थीं और उनकी नावें डूब जाती थीं। भारत की वीरता आज भी उतनी ही प्रबल है।
2. दूसरा छंद: भारत की भूमि से हर्ष और विक्रमादित्य जैसे महान राजा पैदा हुए। शिवाजी और राणा प्रताप ने देश के लिए अंतिम साँस तक युद्ध किया। चित्तौड़ के जौहर ने देश के सम्मान की रक्षा की।
3. तीसरा छंद: भारत ने विश्व को शांति और अहिंसा का संदेश दिया। इसका मतलब यह नहीं कि हम कमजोर हैं या अपमान सहन करेंगे। अगर कोई हम पर हमला करेगा, तो हम चुप नहीं रहेंगे।
4. चौथा छंद: भारत ने कभी किसी की जमीन या संपत्ति पर कब्जा नहीं चाहा। लेकिन अगर कोई हमारी स्वतंत्रता छीनने की कोशिश करेगा, तो हम अपना खून बहाएँगे, पर देश की मिट्टी नहीं देंगे।
कवि परिचय: रामकुमार चतुर्वेदी ‘चंचल’
जन्म और कर्मस्थली: ग्वालियर।
रचनाएँ: वीर रस, रौद्र रस और शृंगार रस की कविताएँ लिखीं।
विशेषता: उनकी कविताएँ देशभक्ति और भावनाओं को प्रेरित करती हैं।
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