वसीयतनामे का रहस्य
पाठ का परिचय
- यह कहानी एक बुद्धिमान और न्यायप्रिय वृद्ध किसान की है, जो अपने गाँव में झगड़ों का निष्पक्ष और समझदारी से समाधान करता था।
- किसान के चार बेटे और एक सुंदर बेटी थी। उसने अपनी वसीयत में लिखा कि उसकी जायदाद को तीन बेटों में बाँटा जाए और विवाद होने पर जो निष्पक्ष न्याय करे, उससे उसकी बेटी की शादी हो।
- किसान की मृत्यु के बाद, जायदाद के बँटवारे को लेकर चारों बेटों में झगड़ा हो गया। कोई यह तय नहीं कर पाया कि जायदाद किन तीन बेटों को मिले।
- आखिरकार, चारों बेटे और बेटी राजा के पास न्याय के लिए गए। राजा ने निष्पक्ष फैसला किया और बेटी की शादी राजा से हो गई।
कहानी का सारांश
1. वृद्ध किसान की खासियत:
- गाँव में एक वृद्ध किसान रहता था, जो बहुत बुद्धिमान, दूरदर्शी और न्यायप्रिय था।
- वह झगड़ों का इस तरह समाधान करता था कि दोनों पक्ष खुश होकर लौटते थे।
- उसकी प्रसिद्धि एक निष्पक्ष पंच के रूप में दूर-दूर तक फैली थी।
2. वसीयत का रहस्य:
- किसान के चार बेटे और एक सुंदर बेटी थी। उसने अपनी जायदाद को तीन हिस्सों में बाँटने की वसीयत लिखी।
- वसीयत में दो बातें थीं:
- जायदाद को तीन बेटों में बाँटा जाए, लेकिन यह नहीं बताया कि चौथा बेटा कौन होगा।
- जो पंच इस विवाद का निष्पक्ष फैसला करे, उससे बेटी की शादी हो।
चारों बेटे जायदाद के बँटवारे को लेकर आपस में झगड़ने लगे। कोई भी अपना हिस्सा छोड़ने को तैयार नहीं था।
3. पंचायत और विवाद:
- गाँव में पंचायत बुलाई गई, लेकिन कोई फैसला नहीं हो सका।
- पंचों को शक था कि शायद एक बेटा किसान का नहीं है, लेकिन पूछताछ में पता चला कि चारों बेटे उसके ही हैं।
- एक राहगीर ने सलाह दी कि इस जटिल मामले का फैसला केवल महाराजा ही कर सकते हैं।
4. महाराजा के पास यात्रा:
- चारों बेटे, उनकी बहन और कुछ साथी महाराजा के पास गए।
- महाराजा एक शानदार महल में रहते थे। रास्ते में दो महल पार करने पड़े।
- पहले महल में एक युवक ने कहा, “महाराजा को मरे तीन साल हो गए।”
- दूसरे महल में एक सुंदर कन्या ने कहा, “महाराजा अंधे हो गए हैं।”
- ये बातें सुनकर भाइयों को अजीब लगा, लेकिन वे आगे बढ़े।
5. महाराजा का न्याय:
महाराजा ने पहले दो सवालों का जवाब दिया:
- युवक उनका भाई था, जो राजकाज में व्यस्तता के कारण तीन साल से उनसे नहीं मिला था, इसलिए उसने कहा कि “महाराजा मर गए।”
- कन्या उनकी बहन थी, जो विवाह के लिए वर न खोज पाने के कारण नाराज थी और बोली कि “महाराजा अंधे हो गए।”
फिर महाराजा ने चारों भाइयों को अलग-अलग बुलाया और तलवार देकर कहा कि अपने भाइयों को मारकर पूरी जायदाद ले लो और उनकी बहन से शादी कर लो।
- पहले तीन भाइयों ने तलवार लेने से मना कर दिया और कहा कि वे अपने भाइयों को मारकर जायदाद नहीं लेंगे।
- चौथा भाई तैयार हो गया, लेकिन महाराजा ने उसे जेल में डाल दिया।
6. फैसला और शादी:
- महाराजा ने फैसला किया कि चौथा बेटा लालची और स्वार्थी है, इसलिए उसे जायदाद नहीं मिलेगी।
- जायदाद तीन हिस्सों में बँट गई और तीन भाइयों को मिली।
- महाराजा ने किसान की बेटी से शादी कर ली, जो न केवल सुंदर थी, बल्कि गुणवती भी थी।
- बाद में, उसने अपने देवर और ननद की भी शादी कराई।
शिक्षण बिंदु
नैतिक मूल्य: समस्या में ही समाधान छिपा होता है। हमें बुद्धिमानी, निष्पक्षता और ईमानदारी से फैसले लेने चाहिए।
वसीयत का रहस्य: वसीयत में किसान ने जानबूझकर तीन बेटों का जिक्र किया ताकि लालची बेटे की पहचान हो सके।
भाषा और व्याकरण:
कारक और विभक्ति: कारक वह रूप है, जो संज्ञा या सर्वनाम का क्रिया के साथ संबंध बताता है। जैसे- “ने”, “को”, “के लिए” आदि।
वाक्य के प्रकार: साधारण, मिश्रित और संयुक्त वाक्य।
शब्द युग्म और पुनरुक्ति: जैसे- “दूर-दूर” (पुनरुक्त), “युवक-युवती” (शब्द युग्म)।
अनुतान: वाक्य को अलग-अलग लहजे में बोलने से उसका अर्थ बदल जाता है। जैसे- “मोहन जाएगा।” (कथन), “मोहन जाएगा?” (प्रश्न), “मोहन जाएगा!” (विस्मय)।
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