आत्मविश्वास
पाठ का परिचय
मुख्य विषय: आत्मविश्वास जीवन में सफलता प्राप्त करने का एक शक्तिशाली साधन है।
जीवन की चुनौतियाँ: हमें अपने जीवन में हर कदम पर कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। जो व्यक्ति अपनी शक्ति और मेहनत पर विश्वास रखता है, वही इन कठिनाइयों को पार कर सफल होता है।
लेखक का उद्देश्य: लेखक कन्हैयालाल मिश्र ‘प्रभाकर’ ने इतिहास के उदाहरणों के माध्यम से आत्मविश्वास की महत्ता को समझाया है।
मुख्य बिंदु
1. आत्मविश्वास की ताकत
बाली का उदाहरण:
- रामायण में सुग्रीव ने राम को बताया कि बाली को ऐसा वरदान प्राप्त था कि जो भी उसके सामने आता है, उसकी आधी ताकत बाली में चली जाती है, जिससे वह आसानी से जीत जाता है।
- लेखक कहते हैं कि यह ताकत हम सभी में है, लेकिन हम इसका उपयोग नहीं करते।
- संदेश: आत्मविश्वास के साथ हम अपने विरोधी की ताकत कम कर सकते हैं और अपनी शक्ति बढ़ा सकते हैं।
आत्मविश्वास की कमी:
- जब हम डर, आत्महीनता, कायरता या कुसंस्कारों के कारण अपने विरोधी को बिना तौले शक्तिशाली मान लेते हैं, तो हमारी आधी ताकत कम हो जाती है।
- उदाहरण: एक व्यक्ति ने जंगल में भेड़िए को देखकर डर के मारे अपनी पत्नी को छोड़कर भाग गया। बाद में पता चला कि वह भेड़िया नहीं, बल्कि कुत्ता था जो पूरियाँ खा रहा था। डर ने उसे आत्मविश्वासहीन बना दिया।
2. आत्मविश्वास का सबसे बड़ा दुश्मन: दुविधा
- दुविधा क्या है?: यह वह स्थिति है जब हम किसी काम को करने में हिचकिचाते हैं या मन में शक रहता है।
प्रभाव:
- दुविधा हमारी एकाग्रता को नष्ट कर देती है।
- यह हमारी शक्ति को बाँट देती है, जिससे हम कमजोर हो जाते हैं।
संदेश: आत्मविश्वास और एकाग्रता के साथ काम करने से सफलता मिलती है।
3. आत्मविश्वास के उदाहरण
कृष्ण और पाण्डव:
- महाभारत में कृष्ण ने पाण्डवों को आत्मविश्वास से भर दिया।
- उन्होंने अर्जुन से कहा, “संशय मत कर, युद्ध कर, तू निश्चित रूप से अपने शत्रुओं पर विजय पाएगा।”
सुभाषचंद्र बोस:
- आई.सी.एस. परीक्षा में अंग्रेज परीक्षक ने सुभाष बाबू से पूछा कि क्या घूमते पंखे की पंखुड़ियाँ गिनी जा सकती हैं। सुभाष ने पंखा बंद करके जवाब दिया, “हाँ, सुगमता के साथ।”
- दूसरा सवाल था कि क्या उनकी अंगूठी में से सुभाषचंद्र बोस निकल सकता है। सुभाष ने अपना विजिटिंग कार्ड मोड़कर उसमें से निकालकर दिखाया।
- संदेश: आत्मविश्वास से हर मुश्किल सवाल या चुनौती का जवाब दिया जा सकता है।
4. आत्मविश्वास को कमजोर करने वाली चीजें
- भय, शंका और अधैर्य: ये ऐसी चीजें हैं जो हमारी ताकत को कम करती हैं और दूसरों का हम पर विश्वास तोड़ देती हैं।
नकारात्मक सोच:
- जो लोग हमेशा असफलता की बात सोचते हैं, वे अपनी सफलता को खुद ही पीछे धकेल देते हैं।
- उदाहरण: एक स्कूल में जंगल के रास्ते आने वाला एक बहादुर लड़का अपने डरपोक साथी की कहानियों के प्रभाव में डरपोक बन गया।
संदेश: नकारात्मक लोगों, निराशावादियों और डरपोकों के सम्पर्क से दूर रहें।
5. हेलेन केलर का उदाहरण
- कौन थीं हेलेन केलर?: वे जन्म से अंधी और बहरी थीं, फिर भी विश्वविख्यात लेखिका और विचारक बनीं।
- उनकी सूक्ति: “सुख का एक द्वार बंद होने पर तुरंत दूसरा खुल जाता है, लेकिन हम बंद द्वार को इतनी तल्लीनता से देखते हैं कि खुला द्वार नहीं देख पाते।”
- संदेश: हमें मुश्किलों पर ध्यान देने के बजाय नई संभावनाओं की ओर देखना चाहिए।
6. आत्मविश्वास की कुंजी
- अविचल श्रद्धा: सफलता, विजय और उन्नति की कुंजी दृढ़ विश्वास है।
सकारात्मक सोच:
- अगर हम खुद को भाग्यवान मानें, तो कोई हमें अभागा नहीं बना सकता।
- अगर हम खुद को अभागा मानें, तो कोई हमें भाग्यवान नहीं बना सकता।
संदेश: हमेशा सकारात्मक सोच और आत्मविश्वास के साथ अपने लक्ष्य की ओर बढ़ें।
7. जीवन में उतार-चढ़ाव
- उदाहरण: जो लोग हमेशा उतार (मुश्किलों) की बात सोचते हैं, वे कूड़ाघर के पास बैठकर गंदगी की शिकायत करने वालों की तरह हैं।
- संदेश: जीवन में उतार-चढ़ाव आते हैं, लेकिन आत्मविश्वास के साथ चढ़ाव की ओर बढ़ना चाहिए।
लेखक परिचय: कन्हैयालाल मिश्र ‘प्रभाकर’
- जन्म: 1906, सहारनपुर (उत्तर प्रदेश) के देवबंद में।
योगदान:
- स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय भागीदारी, कई बार जेल गए।
- प्रसिद्ध पत्रकार; ‘ज्ञानोदय’, ‘नया जीवन’, ‘विकास’ जैसी पत्रिकाओं का सम्पादन।
- साहित्य में रेखाचित्र, संस्मरण, निबंध और रिपोर्ताज लिखे।
प्रसिद्ध रचनाएँ:
- ‘जिंदगी मुस्कराई’, ‘माटी हो गई फूल’, ‘आकाश के तारे’, ‘धरती के फूल’, ‘दीप जले, शंख बजे’।
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