Solutions
1. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
(क) सही जोड़ी बनाइए
पहला भाग | दूसरा भाग |
---|---|
सज्जनतावश इन्हें भी ‘आदमी’ कह देते हैं | उस वक्त मैं कभी नहीं जाता। |
वे जिस वक्त घर मिलने का वादा करते | उनका बाहर स्वतंत्रता से निकलना बंद है। |
भीतर औरतें परेशान हैं | ‘ऐ, पापा बाहर गए हैं।’ |
लड़का फिर कहता है | ये असल में ‘टाइम पीस है’। |
उत्तर:
पहला भाग | दूसरा भाग |
---|---|
सज्जनतावश इन्हें भी ‘आदमी’ कह देते हैं | ये असल में ‘टाइम पीस है’। |
वे जिस वक्त घर मिलने का वादा करते | उस वक्त मैं कभी नहीं जाता। |
भीतर औरतें परेशान हैं | उनका बाहर स्वतंत्रता से निकलना बंद है। |
लड़का फिर कहता है | ‘ऐ, पापा बाहर गए हैं।’ |
(ख) सही शब्द चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
प्रश्न:
(अ) इसके बाद कुछ मुट्ठी भर … बचते हैं, जो समय पर मिलते हैं। (जीवधारी / चक्रधारी)
(ब) मित्र की भावुकता और … के सामने मैं भी गाफिल हो गया। (शिष्टता / धृष्टता)
(स) इस बार आत्मा ने मनुष्य का … लिया है। (चोला, झोला)
(द) हमारा चेहरा … हो जाता है। (नीला, लाल)
उत्तर:
(अ) इसके बाद कुछ मुट्ठी भर जीवधारी बचते हैं, जो समय पर मिलते हैं।
(ब) मित्र की भावुकता और आत्मीयता के सामने मैं भी गाफिल हो गया।
(स) इस बार आत्मा ने मनुष्य का चोला लिया है।
(द) हमारा चेहरा लाल हो जाता है।
2. अति लघु उत्तरीय प्रश्न
(अ) प्रश्न: परसाई जी के अनुसार मनुष्य कितने प्रकार के होते हैं?
उत्तर: परसाई जी के अनुसार मनुष्य तीन प्रकार के होते हैं:
(1) समय पर घर न मिलने वाले,
(2) समय पर किसी के घर न जाने वाले,
(3) न समय पर घर मिलने वाले और न समय पर किसी के घर जाने वाले।
(ब) प्रश्न: लेखक ने ‘टाइमपीस’ किन मनुष्यों को कहा है?
उत्तर: लेखक ने ‘टाइमपीस’ उन मनुष्यों को कहा है जो समय पर घर मिलते हैं और समय पर दूसरे के घर भी जाते हैं, जो हमेशा घड़ी देखते रहते हैं।
(स) प्रश्न: समाज में किन मनुष्यों की निंदा की जाती है?
उत्तर: समाज में उन मनुष्यों की निंदा की जाती है जो समय का कोई ख्याल नहीं रखते और अपना तथा दूसरों का वक्त खराब करते हैं।
(द) प्रश्न: समय पर न मिलने वाले यदि समय पर मिल जाएँ तो कैसा लगता है?
उत्तर: समय पर न मिलने वाले यदि समय पर मिल जाएँ तो लगता है कि भगवान को पा लिया।
3. लघु उत्तरीय प्रश्न
(अ) प्रश्न: समय निर्धारित कर समय पर न मिलने वालों से क्या कठिनाई होती है?
उत्तर: समय निर्धारित कर समय पर न मिलने वालों से कठिनाई यह होती है कि प्रतीक्षा करने वाले को इंतजार करना पड़ता है, घर में बैठे रहना पड़ता है, और परिवार की बातें सुनकर अवमानना महसूस होती है।
(ब) प्रश्न: समय पर न मिलने वाले की प्रतीक्षा करने में कैसा अनुभव होता है?
उत्तर: समय पर न मिलने वाले की प्रतीक्षा करने में अनुभव यह होता है कि हम बच्चे जैसे महसूस करते हैं, अखबार पढ़कर समय काटते हैं, परिवार की बातें सुनकर चेहरा लाल हो जाता है, और इंतजार से प्रेम बढ़ता है।
(स) प्रश्न: लड़का पूछने से पहले क्या उत्तर देता है?
उत्तर: लड़का पूछने से पहले उत्तर देता है कि “वे घर में नहीं हैं।” और फिर “पता नहीं” कहता है।
(द) प्रश्न: लेखक ने कई अनुभवों के बाद क्या किया?
उत्तर: लेखक ने कई अनुभवों के बाद सावधानी की दीवार खड़ी कर ली, अर्थात् वे समय तय करके भी उस वक्त नहीं जाते और जब मिलने की संभावना नहीं होती तब जाते हैं।
भाषा की बात
1. प्रश्न: बोलिए एवं लिखिए
मट्ठर, औपचारिकता, स्वतंत्रता, अवहेलना
उत्तर:मट्ठर, औपचारिकता, स्वतंत्रता, अवहेलना
2. प्रश्न: निम्नलिखित शब्दों की शुद्ध वर्तनी पर गोला लगाइए
गलत शब्द | सही शब्द | अन्य रूप |
---|---|---|
शिष्टता | शिस्टता | शिष्ट्यता |
आनिश्चित | अनिश्चित | आनचिता |
अवमानना | अपमानना | अपमनना |
अनूभव | अनुभाव | अनुभव |
उत्तर:
शिष्टता
अनिश्चित
अवमानना
अनुभव
3. प्रश्न: निम्नलिखित शब्दों का वाक्यों में प्रयोग कीजिए
जीवधारी, बैठक, अभ्यास, विश्वास, विज्ञापन।
उत्तर:
जीवधारी – इसके बाद कुछ मुट्ठी-भर जीवधारी बचते हैं।
बैठक – हम उनकी बैठक में इंतजार कर रहे हैं।
अभ्यास – वे हमें अभ्यास कराते हैं कि कैसे इंतजार किया जाता है।
विश्वास – मुझे विश्वास था, वे उस वक्त नहीं आएँगे।
विज्ञापन – समाचार पढ़कर विज्ञापन पढ़ने लगते हैं।
4. प्रश्न: निम्नलिखित शब्दों में से उर्दू, अंग्रेजी और हिन्दी शब्द छाँटकर लिखिए
शिष्टता, अखबार, किताब, स्वतंत्रता, टाइमपीस, अफसोस, अनुचित, ऐजेन्ट, निंदा, कमेटी, तबादला, निमंत्रण, आत्मा, ऑफिस, दिलचस्पी, टेबिल।
उत्तर:
उर्दू: अखबार, किताब, अफसोस, तबादला, दिलचस्पी
अंग्रेजी: टाइमपीस, ऐजेन्ट, कमेटी, ऑफिस, टेबिल
हिन्दी: शिष्टता, स्वतंत्रता, अनुचित, निंदा, निमंत्रण, आत्मा
5. प्रश्न: ‘भव’ में ‘अनु’ उपसर्ग लगाकर अनुभव शब्द बना है। निम्नलिखित शब्दों में इसी प्रकार ‘अनु’ उपसर्ग लगाकर नए शब्द बनाइए
कूल, सार, करण, मोदन, मति, मान
उत्तर:अनुकूल, अनुसार, अनुकरण, अनुमोदन, अनुमति, अनुमान
अब करने की बारी
प्रश्न:आप मित्रों के जन्मदिन पर, रिश्तेदारों के यहाँ शादी विवाह के अवसर पर अवश्य जाते होंगे। समय से पहले और समय के बाद पहुँचने पर कैसा लगता है? अपने अनुभव मित्रों को सुनाएँ और उनसे सुनें।
उत्तर:(छात्रों को अपने अनुभव सुनाने होंगे, जैसे समय से पहले पहुँचने पर इंतजार करना पड़ता है और परिवार की बातें सुनकर असहज लगता है, समय के बाद पहुँचने पर अफसोस होता है और प्रतीक्षा करने वाले को परेशानी होती है। मित्रों से भी अनुभव सुनने होंगे।)
Leave a Reply