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1. वस्तुनिष्ठ प्रश्न-
(क) सही जोड़ी बनाइए –
कहने वाला | विकल्प |
---|---|
अलगू चौधरी ने कहा | .बुढ़िया न जाने कब तक जिएगी। .दोस्ती के लिए कोई अपना ईमान नहीं बेचता। .रुपये क्या यहाँ फलते हैं? .जुम्मन मेरा मित्र है। |
जुम्मन की पत्नी ने कहा | |
मौसी ने कहा | |
जुम्मन ने कहा |
उत्तर:
कहने वाला | कहा गया वाक्य |
---|---|
अलगू चौधरी ने कहा | दोस्ती के लिए कोई अपना ईमान नहीं बेचता। |
जुम्मन की पत्नी ने कहा | बुढ़िया न जाने कब तक जिएगी। |
मौसी ने कहा | रुपये क्या यहाँ फलते हैं? |
जुम्मन ने कहा | जुम्मन मेरा मित्र है। |
(ख) सभी शब्द चुनकर रिक्त स्थान को पूर्ण कीजिए –
अ. दोस्तों के लिए कोई अपना ______ नहीं बेचता। (मकान, ईमान)
ब. अलगू ने ______ की जोड़ी खरीदी थी। (बैलों, जेटी)
स. एक दिन ______ खेप में साहू ने दूना बोझ लादा। (टिस्सी, चौथी)
द. ______ की मुरझाई लता फिर से हरी हो गई। (राहुआ, मित्रता)
उत्तर:
अ. दोस्तों के लिए कोई अपना ईमान नहीं बेचता।
ब. अलगू ने बैलों की जोड़ी खरीदी थी।
स. एक दिन चौथी खेप में साहू ने दूना बोझ लादा।
द. मित्रता की मुरझाई लता फिर से हरी हो गई।
2. अति लघु उत्तरीय प्रश्न –
(अ) गाढ़ी मित्रता किसके बीच थी?
उत्तर: अलगू चौधरी और जुम्मन शेख के बीच थी।
(ब) जुम्मन खाला की पूरी खातिरदारी कब तक करता रहा?
उत्तर: जब तक खाला ने अपनी संपत्ति जुम्मन के नाम नहीं लिख दी।
(स) अलगू चौधरी सरपंच क्यों नहीं बनना चाहता था?
उत्तर: क्योंकि जुम्मन उसका मित्र था।
(द) अलगू चौधरी ने बैल किसको बेचा था?
उत्तर: समझू साहू को।
(ई) “पंच परमेश्वर की जय” का घोष किसने किया?
उत्तर: उपस्थित जनता ने।
3. लघु उत्तरीय प्रश्न –
(अ) जुम्मन की मौसी ने पंचायत क्यों बुलाई थी?
उत्तर: जुम्मन की मौसी ने पंचायत इसलिए बुलाई थी क्योंकि जुम्मन और उसकी पत्नी उसकी खातिरदारी नहीं कर रहे थे और उसे रोटी-दाल तक के लिए तरसना पड़ रहा था।
(ब) सरपंच अलगू चौधरी ने खालाजान के मामले में क्या फैसला सुनाया?
उत्तर: अलगू चौधरी ने फैसला सुनाया कि जुम्मन को मौसी के खेतों से होने वाली कमाई से माहवार खर्च देना होगा, अन्यथा खेतों की लिखा-पढ़ी उसके नाम पर नहीं रहेगी।
(स) जुम्मन को उत्तरदायित्व का बोध कब हुआ?
उत्तर: जुम्मन को उत्तरदायित्व का बोध तब हुआ जब वह सरपंच के आसन पर बैठा और उसने अपने पुराने बैर-भाव को भूलकर निष्पक्ष फैसला सुनाया।
(द) जुम्मन ने समझू साहू के मामले में क्या फैसला सुनाया?
उत्तर: जुम्मन ने फैसला सुनाया कि समझू साहू को बैल का पूरा दाम चुकाना होगा, क्योंकि बैल खरीदते समय वह स्वस्थ था और उसकी मृत्यु समझू की लापरवाही और निर्दयता के कारण हुई।
(ई) “दूध का दूध और पानी का पानी” का भाव इस कथन को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: “दूध का दूध और पानी का पानी” का भाव इस कहानी में यह दर्शाता है कि पंचायत में सच्चा और निष्पक्ष न्याय होता है। अलगू और जुम्मन, दोनों ने सरपंच के रूप में अपने निजी संबंधों को दरकिनार कर सत्य और न्याय के आधार पर फैसला सुनाया, जिससे सही और गलत का स्पष्ट अंतर हुआ।
भाषा की बात
1. बोलिए और लिखिए –
अ. गाढ़ी, वृद्धा, संपत्ति, दुष्टता, नम्रता, क्रुद्ध
उत्तर:गाढ़ी, वृद्धा, संपत्ति, दुष्टता, नम्रता, क्रुद्ध
2. दिए गए शब्दों की शुद्ध वर्तनी लिखिए –
अ. चोधरी, चौधरी, चौधरि, चौघरी
ब. मीसी, मोसी, मौसी, मौशी
स. खातिरीदारी, खातिरदारी, खातीरदारी
द. रुपये, रूपये, रुपिये, रुपए
उत्तर:
अ. चौधरी
ब. मौसी
स. खातिरदारी
द. रुपये
3. निम्नलिखित शब्दों का वाक्यों में प्रयोग कीजिए –
प्रश्न: घर-द्वार, आना-कानी, आस-पास, लिखा-पढ़ी, दाना-पानी
उत्तर:
घर-द्वार: अलगू चौधरी अपने घर-द्वार की जिम्मेदारी जुम्मन को सौंपता था।
आना-कानी: जुम्मन सरपंच चुनने में आना-कानी करने लगा।
आस-पास: पंचायत में पंच अलगू के आस-पास बैठे थे।
लिखा-पढ़ी: मौसी ने अपनी संपत्ति की लिखा-पढ़ी जुम्मन के नाम कर दी।
दाना-पानी: समझू साहू बैल के दाना-पानी का उचित प्रबंध नहीं करता था।
4. रेखांकित शब्दों के स्थान पर विपरीत शब्द रखकर वाक्य पुनः लिखिए –
अ. राम श्याम का मित्र था।
ब. अलगू चौधरी बेईमान था।
स. जुम्मन की पत्नी मीठी बातें कहती थीं।
द. समझू साहू बैलों को सूखा घास खिलाता था।
ञ. पंचायत ने खालाजान को सजा दी।
उत्तर:
अ. राम श्याम का शत्रु था।
ब. अलगू चौधरी ईमानदार था।
स. जुम्मन की पत्नी कड़वी बातें कहती थीं।
द. समझू साहू बैलों को हरी घास खिलाता था।
ञ. पंचायत ने खालाजान को इनाम दी।
5. उदाहरण के अनुसार कोष्ठक में दी गई क्रियाओं के उचित रूप बनाकर रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए –
• मौसी ने दौड़-धूप करके पंचायत ______। (बैठना)
• मौसी की बात सुनकर अलगू चौधरी का सोया ईमान ______। (जागना)
• पंचों के दिल में खुदा ______। (बसना)
• अलगू चौधरी ने बैलों की एक नई जोड़ी ______। (खरीदना)
• न्यायाधीश ने ऐसे-ऐसे सवाल किए कि चोर के होश ______। (उड़ना)
• शैलेन्द्र ने एक महीने में मकान की कीमत देने का वादा ______। (करना)
उत्तर:
• मौसी ने दौड़-धूप करके पंचायत बैठाई।
• मौसी की बात सुनकर अलगू चौधरी का सोया ईमान जाग उठा।
• पंचों के दिल में खुदा बसता है।
• अलगू चौधरी ने बैलों की एक नई जोड़ी खरीदी।
• न्यायाधीश ने ऐसे-ऐसे सवाल किए कि चोर के होश उड़ गए।
• शैलेन्द्र ने एक महीने में मकान की कीमत देने का वादा किया।
6. अधोलिखित सरल वाक्य, मिश्र वाक्य और संयुक्त वाक्यों को पहचान कर दिए गए स्थान में लिखिए –
• राम मिठाई खरीदने बाजार गया।
• जब अलगू चौधरी कहीं बाहर जाता था तब अपना घर जुम्मन के भरोसे छोड़ जाता था।
• जुम्मन की पत्नी गर्म मिजाज की थी।
उत्तर:
• राम मिठाई खरीदने बाजार गया। – सरल वाक्य
• जब अलगू चौधरी कहीं बाहर जाता था तब अपना घर जुम्मन के भरोसे छोड़ जाता था। – मिश्र वाक्य
• जुम्मन की पत्नी गर्म मिजाज की थी। – सरल वाक्य
अब करने की बारी
1. ‘सच्चा न्याय’ इस भाव से संबंधित कहानी खोजकर पढ़िए और बाल सभा में सुनाइए।
उत्तर:
छात्रों को निर्देश दिया जाए कि वे पाठ “पंच परमेश्वर” को ध्यान से पढ़ें, क्योंकि यह कहानी ‘सच्चा न्याय’ के भाव को दर्शाती है। इस कहानी में अलगू चौधरी और जुम्मन शेख दोनों पंच के रूप में निष्पक्ष फैसले लेते हैं, चाहे वह उनके मित्र के खिलाफ ही क्यों न हो। छात्र इस कहानी को बाल सभा में उचित हाव-भाव के साथ सुना सकते हैं, जिसमें वे “दूध का दूध और पानी का पानी” के भाव को समझाकर यह दिखाएँ कि पंचायत में सच्चा न्याय कैसे होता है। उदाहरण के लिए, वे अलगू के खालाजान के पक्ष में और जुम्मन के समझू साहू के मामले में निष्पक्ष फैसले को हाइलाइट कर सकते हैं।
2. ‘लोकतंत्र में पंचायत के महत्व’ पर दस वाक्य लिखिए।
उत्तर:
पंचायत लोकतंत्र का आधार है, क्योंकि यह गाँव स्तर पर लोगों को न्याय प्रदान करती है।
पाठ “पंच परमेश्वर” में दिखाया गया है कि पंचायत निष्पक्षता के साथ फैसले लेती है।
पंचायत में चुने गए पंच न किसी के मित्र होते हैं और न ही शत्रु, जैसा कि खालाजान ने कहा।
यह लोगों के बीच विवादों को सुलझाने का एक सरल और सुलभ तरीका है।
पंचायत में सभी पक्षों को सुनने के बाद फैसला लिया जाता है, जैसा कि अलगू और जुम्मन ने किया।
यह लोगों में सहानुभूति और मित्रता की भावना को बढ़ावा देती है।
पंचायत के फैसले से समाज में सच्चाई और ईमानदारी बनी रहती है।
पाठ में जुम्मन और अलगू के उदाहरण से पता चलता है कि पंचायत व्यक्तिगत बैर-भाव को भूलकर न्याय करती है।
पंचायत गाँव के लोगों को स्वयं अपने मामले सुलझाने की शक्ति देती है।
यह लोकतंत्र में सामुदायिक भागीदारी को मजबूत करती है और लोगों को एकजुट रखती है।
3. इस कहानी का नाट्य रूपांतर कर मंचन कीजिए।
उत्तर:
छात्रों को पाठ “पंच परमेश्वर” का नाट्य रूपांतर करने के लिए निम्नलिखित दिशा-निर्देश दिए जा सकते हैं:
दृश्य 1: अलगू चौधरी और जुम्मन शेख की गाढ़ी मित्रता को दर्शाएँ, जिसमें वे एक-दूसरे के घर-द्वार की जिम्मेदारी लेते हैं।
दृश्य 2: जुम्मन की मौसी (खालाजान) की शिकायत को दिखाएँ, जिसमें वह जुम्मन और उसकी पत्नी के निष्ठुर व्यवहार से दुखी है।
दृश्य 3: खालाजान की पंचायत का मंचन करें, जहाँ अलगू चौधरी को सरपंच चुना जाता है और वह निष्पक्ष फैसला सुनाता है।
दृश्य 4: जुम्मन का अलगू से बैर और बैल की मृत्यु के बाद समझू साहू के साथ विवाद को दर्शाएँ।
दृश्य 5: समझू साहू और अलगू के मामले की पंचायत में जुम्मन का सरपंच बनना और निष्पक्ष फैसला देना।
दृश्य 6: अंत में जुम्मन और अलगू की दोस्ती का फिर से हरा होना, जहाँ वे एक-दूसरे के गले लगते हैं।
छात्रों को उचित हाव-भाव, संवाद (जैसे “पंचों के दिल में खुदा बसता है” और “पंच परमेश्वर की जय”) और पाठ के नैतिक संदेश को मंचन में शामिल करने को कहें।
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