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1. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
(क) सही जोड़ी बनाइए
पहला भाग | दूसरा भाग |
---|---|
कौशल्या के मातृमोह के | सुरभियाँ |
शकुंतला की शीतलता के | थपकियाँ |
यशोदा के पलने की | उच्चारण |
नंद की सकल | कारण |
उत्तर:
पहला भाग | दूसरा भाग |
---|---|
कौशल्या के मातृमोह के | उच्चारण |
शकुंतला की शीतलता के | कारण |
यशोदा के पलने की | थपकियाँ |
नंद की सकल | सुरभियाँ |
(ख) सही विकल्प चुनकर रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए
(अ) तुम्हें नंद की सकल सुरभियाँ …….. में बुला रहीं। (मथुरा, वृन्दावन)
उत्तर: तुम्हें नंद की सकल सुरभियाँ वृन्दावन में बुला रहीं।
(ब) गुरु द्रोण की प्रतिमा पूजक …….. के विध्वंसक। (चक्रव्यूह, लक्ष्यभेद)
उत्तर: गुरु द्रोण की प्रतिमा पूजक चक्रव्यूह के विध्वंसक।
(स) तुम बैजू तुम तानसेन हो, वाल्मीकि तुम …….., सूर। (तुलसी, कबीर)
उत्तर: तुम बैजू तुम तानसेन हो, वाल्मीकि तुम तुलसी, सूर।
(द) जीवन की …….. शांति तुम्ही हो, यौवन की परिभाषा हो। (विचित्र, चिर)
उत्तर: जीवन की चिर शांति तुम्ही हो, यौवन की परिभाषा हो।
2. अति लघु उत्तरीय प्रश्न
(अ) कवि ने ‘कुमार’ संबोधन किसके लिए किया है?
उत्तर: कवि ने ‘कुमार’ संबोधन युवा पीढ़ी या देश के युवाओं के लिए किया है।
(ब) ‘कौशल्या के मातृमोह के बने तुम्ही उच्चारण’ से क्या तात्पर्य है?
उत्तर: इसका तात्पर्य है कि युवा पीढ़ी माता कौशल्या के प्रेम और स्नेह का प्रतीक है, जैसे भगवान राम उनके लिए थे।
(स) गुरु द्रोण की प्रतिमा की पूजा कौन करता था?
उत्तर: गुरु द्रोण की प्रतिमा की पूजा चक्रव्यूह के विध्वंसक (अर्जुन या अभिमन्यु) करते थे।
(द) ‘चक्रव्यूह के विध्वंसक’ संबोधन का प्रयोग किसके लिए किया गया है?
उत्तर: ‘चक्रव्यूह के विध्वंसक’ संबोधन का प्रयोग युवा पीढ़ी के लिए किया गया है, जो अर्जुन या अभिमन्यु जैसे वीरों का प्रतीक है।
(ई) बालक को ‘भविष्य का कलाकार’ किस पंक्ति में कहा गया है?
उत्तर: बालक को ‘भविष्य का कलाकार’ पंक्ति में कहा गया है: “तुम भावी के कलाकार हो, तुमने जग साकार किया।”
3. लघु उत्तरीय प्रश्न
(अ) युग की आशा कहकर कवि ने किन-किन आदर्शों की चर्चा की है?
उत्तर: कवि ने युग की आशा कहकर युवा पीढ़ी में देशभक्ति, वीरता, और अतीत के गौरव जैसे आदर्शों की चर्चा की है। कविता में यशोदा, कौशल्या, शकुंतला, गुरु द्रोण, प्रताप, पन्ना, तुलसी, और वाल्मीकि जैसे चरित्रों के माध्यम से मातृप्रेम, साहस, बुद्धि, और रचनात्मकता जैसे गुणों को दर्शाया गया है।
(ब) राष्ट्र के बच्चों को साहसी बनाने के लिए किन पंक्तियों में प्रेरित किया गया है?
उत्तर: राष्ट्र के बच्चों को साहसी बनाने के लिए निम्नलिखित पंक्तियों में प्रेरित किया गया है:
“तुम प्रताप के ‘अमर’ तेज, हो पन्ना के इतिहास प्रसंग” और “विप्लव के हो क्रान्ति गीत, तुम अराजों की आशा हो।”
(स) क्रान्ति गीत में कवि किस भाव को व्यक्त करना चाहता है?
उत्तर: क्रान्ति गीत में कवि युवा पीढ़ी में बदलाव, साहस, और समाज को नई दिशा देने की प्रेरणा के भाव को व्यक्त करना चाहता है। वह चाहता है कि युवा विप्लव और क्रान्ति के माध्यम से देश को उन्नति की ओर ले जाएँ।
(द) निम्नलिखित पंक्तियों के भाव स्पष्ट कीजिए
अ. रूप तुम्हारा दिव्य चिरन्तन, सबने तुमको प्यार किया।
उत्तर: इस पंक्ति का भाव है कि युवा पीढ़ी का रूप (स्वरूप) अति सुंदर और शाश्वत है, जो सभी के लिए प्रिय है। यह युवाओं की महानता और उनके प्रति समाज के प्रेम को दर्शाता है।
ब. तुम्हें नंद की सकल सुरभियाँ, वृन्दावन में बुला रहीं।
उत्तर: इस पंक्ति का भाव है कि युवा पीढ़ी को नंद की गायें (सुरभियाँ) वृन्दावन की पवित्र और प्राकृतिक सुंदरता की ओर आकर्षित कर रही हैं, जैसे भगवान कृष्ण को। यह युवाओं को अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जुड़ने की प्रेरणा देता है।
(ई) कविता के माध्यम से कवि क्या संदेश देना चाहता है?
उत्तर: कविता के माध्यम से कवि युवा पीढ़ी को देशभक्ति, वीरता, और अतीत के गौरव से प्रेरित कर भविष्य के निर्माण का संदेश देना चाहता है। वह युवाओं को क्रान्तिकारी, रचनात्मक, और निष्पक्ष बनने के लिए प्रेरित करता है, ताकि वे युग को नई दिशा दें और समाज में शांति व उन्नति लाएँ।
भाषा की बात
1. बोलिए और लिखिए
चिरन्तन, थपकियाँ, मातृमोह, विध्वंसक, वाल्मीकि, क्षितिज, चिरशान्ति, विप्लव
उत्तर:चिरन्तन, थपकियाँ, मातृमोह, विध्वंसक, वाल्मीकि, क्षितिज, चिरशान्ति, विप्लव
2. सही वर्तनी वाले शब्दों को कोष्ठक में लिखिए
दीव्य, दिव्य, दिवय
उत्तर: (दिव्य)
वृन्दावन, व्रन्दावन, वृनदावन
उत्तर: (वृन्दावन)
विधंवसक, विध्वंसक, वीध्वसंक
उत्तर: (विध्वंसक)
कृान्ती, क्रान्ति, कृान्ति
उत्तर: (क्रान्ति)
3. विलोम शब्दों की सही जोड़ी बनाइए
शब्द 1 | शब्द 2 |
---|---|
सबल | अशान्ति |
डरपोक | निर्बल |
सूर्योदय | शोक |
सार्थक | बहादुर |
शान्ति | सूर्यास्त |
हर्ष | निरर्थक |
उत्तर:
शब्द | विलोम |
---|---|
सबल | निर्बल |
अशान्ति | शान्ति |
डरपोक | बहादुर |
सूर्योदय | सूर्यास्त |
शोक | हर्ष |
सार्थक | निरर्थक |
4. उदाहरण के अनुसार दिए गए शब्दों में आवट, आहट प्रत्यय लगाकर नए शब्द बनाइए
मूल (क्रिया/शब्द) | प्रत्यय | नया शब्द |
---|---|---|
लिख (ना) | आवट | लिखावट |
थक (ना) | ………. | ………….. |
दिख (ना) | ………. | ………….. |
सजा (ना) | ………. | ………….. |
घबरा (ना) | ……… | ………….. |
चिल्ला (ना) | ………. | ………….. |
तिलमिला (ना) | ………. | ………….. |
उत्तर:
मूल (क्रिया/शब्द) | प्रत्यय | नया शब्द |
---|---|---|
थक (ना) | आवट | थकावट |
दिख (ना) | आवट | दिखावट |
सजा (ना) | आवट | सजावट |
घबरा (ना) | आवट | घबराहट |
चिल्ला (ना) | आवट | चिल्लाहट |
तिलमिला (ना) | आवट | तिलमिलाहट |
अब करने की बारी
1. कविता में आए कवियों की रचनाओं का संकलन कर कक्षा या बालसभा में सुनाइए।
उत्तर:
छात्रों को कविता में उल्लिखित कवियों वाल्मीकि, तुलसी, और सूर की रचनाओं का संकलन करने को कहें। उदाहरण के लिए, वे वाल्मीकि की “रामायण” की कुछ पंक्तियाँ, तुलसीदास की “रामचरितमानस” की चौपाइयाँ, और सूरदास के भक्ति भरे पद जैसे “मैया मोरी मैं नहिं माखन खायो” का चयन कर सकते हैं। इन्हें कक्षा या बालसभा में उचित लय और हाव-भाव के साथ सुनाने का अभ्यास करें।
2. ‘युग की आशा’ जैसी अन्य प्रेरित करने वाली कविताओं का संग्रह कीजिए और उन्हें कंठस्थ कीजिए।
उत्तर:
छात्रों को सलाह दी जाए कि वे “युग की आशा” जैसी प्रेरणादायक कविताएँ खोजें, जो युवा पीढ़ी को देशभक्ति और साहस का संदेश दें। वे ऐसी कविताओं को कंठस्थ करें और कक्षा में सुनाएँ। उदाहरण के लिए, वे पाठ में दी गई पंक्तियों जैसे “तुम युग की आशा हो” और “विप्लव के हो क्रान्ति गीत” को प्रेरणा के रूप में ले सकते हैं।
3. कविता को समवेत स्वर में प्रार्थना सभा में सुनाइए।
उत्तर:
छात्रों को कविता “युग की आशा” को समवेत स्वर में प्रार्थना सभा में सुनाने के लिए तैयार करें। वे कविता की पंक्तियों जैसे “युग की आशा हो, कुमार! तुम युग की आशा हो” और “जीवन की चिर-शान्ति तुम्ही हो, यौवन की परिभाषा हो” को लय और उत्साह के साथ गाएँ, ताकि देशभक्ति और वीरता का भाव जाग्रत हो।
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