Solutions
1. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
(क) सही जोड़ी बनाइए
श्रेणी | विवरण |
---|---|
शरीर के आंतरिक अंग | योग, ध्यान, प्राणायाम |
नकारात्मक भावनाएँ | शारीरिक, मानसिक व भावनात्मक स्वास्थ्य |
सफलता अर्जित करने हेतु आवश्यक है | हृदय, वृक्क, पाचन तंत्र, कंकाल |
मानसिक स्वास्थ्य के लिए किए गए प्रयास | क्रोध, ईर्ष्या, द्वेष, तनाव, चिन्ता, अहंकार, निर्दयता |
उत्तर:
श्रेणी | विवरण |
---|---|
शरीर के आंतरिक अंग | हृदय, वृक्क, पाचन तंत्र, कंकाल |
योग, ध्यान, प्राणायाम | मानसिक स्वास्थ्य के लिए किए गए प्रयास |
नकारात्मक भावनाएँ | क्रोध, ईर्ष्या, द्वेष, तनाव, चिन्ता, अहंकार, निर्दयता |
शारीरिक, मानसिक व भावनात्मक स्वास्थ्य | सफलता अर्जित करने हेतु आवश्यक है |
(ख) सही विकल्प चुनकर रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए
(अ) भावनात्मक एवं मानसिक स्वास्थ्य का शारीरिक स्वास्थ्य पर गहरा ……… पड़ता है। (परिणाम, प्रभाव)
उत्तर: भावनात्मक एवं मानसिक स्वास्थ्य का शारीरिक स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ता है।
(ब) एक्सरे से और …….. से शरीर के भीतरी अंगों के बारे में पता चलता है। (सोनोग्राफी, रेडियोग्राफी)
उत्तर: एक्सरे से और सोनोग्राफी से शरीर के भीतरी अंगों के बारे में पता चलता है।
(स) मनुष्य तभी पूर्ण रूप से स्वस्थ हो सकता है जब परिस्थितियों का …… के साथ सामना करे। (आत्म विश्वास, अटल विश्वास)
उत्तर: मनुष्य तभी पूर्ण रूप से स्वस्थ हो सकता है जब परिस्थितियों का आत्म विश्वास के साथ सामना करे।
(द) भावनात्मक रूप से परिपक्व व्यक्ति अपनी भावनाओं पर …… कर विवेकपूर्ण कार्य करता है। (अनियंत्रण, नियंत्रण)
उत्तर: भावनात्मक रूप से परिपक्व व्यक्ति अपनी भावनाओं पर नियंत्रण कर विवेकपूर्ण कार्य करता है।
2. अति लघु उत्तरीय प्रश्न
(अ) बौद्धिक स्वास्थ्य से लेखक का क्या आशय है?
उत्तर: बौद्धिक स्वास्थ्य से लेखक का आशय मानसिक स्वास्थ्य से है, जो बुद्धि से संबंधित होता है और समस्या समाधान में मदद करता है।
(ब) व्यक्ति पूर्ण रूप से स्वस्थ कब कहा जा सकता है?
उत्तर: व्यक्ति पूर्ण रूप से स्वस्थ तब कहा जा सकता है जब वह शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक और आध्यात्मिक रूप से स्वस्थ हो तथा परिस्थितियों का आत्मविश्वास से सामना करे।
(स) व्यक्ति कब हर्ष का अनुभव करता है?
उत्तर: व्यक्ति हर्ष का अनुभव तब करता है जब इच्छानुसार परिणाम प्राप्त होता है।
(द) आध्यात्मिक स्वास्थ्य के अच्छे बने रहने के कौन-कौन से लाभ हैं?
उत्तर: आध्यात्मिक स्वास्थ्य के अच्छे बने रहने के लाभ हैं- सफल जीवन में संतोष और आनन्द प्राप्ति, भावनात्मक संवेगों पर नियंत्रण, तथा शारीरिक व्याधियों पर नियंत्रण।
3. लघु उत्तरीय प्रश्न
(अ) सफलता अर्जित करने के लिए भावनात्मक स्वास्थ्य अच्छा होना क्यों आवश्यक है?
उत्तर: सफलता अर्जित करने के लिए भावनात्मक स्वास्थ्य अच्छा होना आवश्यक है क्योंकि इससे संयम और धैर्य बढ़ता है, जो भावनाओं के वेग को नियंत्रित करता है। यह व्यक्ति को अपनी मानसिक योग्यता का अधिकतम उपयोग करने में मदद करता है, जिससे वह कार्यों में गलतियाँ करने से बचता है और उद्देश्य प्राप्ति में सफल होता है।
(ब) “भावनात्मक एवं मानसिक स्वास्थ्य का शारीरिक स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ता है।” इस कथन को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: यह कथन बताता है कि भावनात्मक और मानसिक स्वास्थ्य का शारीरिक स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ता है। तनाव, चिंता, क्रोध, ईर्ष्या आदि नकारात्मक भावनाएँ पेट में अम्लता, अल्सर, हृदय रोग, सिर दर्द, थकान और रक्त-दाब जैसे शारीरिक विकार उत्पन्न करती हैं। इसके विपरीत, योग, ध्यान और प्राणायाम जैसे प्रयास मानसिक शांति प्रदान करते हैं, जो शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाते हैं।
(स) शरीर में हारमोन असंतुलित क्यों हो जाते हैं?
उत्तर: शरीर में हारमोन असंतुलित क्रोध, ईर्ष्या, द्वेष आदि नकारात्मक भावनाओं के कारण हो जाते हैं, जिससे रक्त-दाब बढ़ता है और कई शारीरिक विकार उत्पन्न होते हैं।
(द) चिन्ता और तनाव से कौन-कौन से रोग हो सकते हैं?
उत्तर: चिन्ता और तनाव से पेट में अम्लता, अल्सर, हृदय रोग, सिर दर्द, और थकान जैसे रोग हो सकते हैं।
भाषा की बात
1. बोलिए और लिखिए
प्रश्न: संयम, ईर्ष्या, द्वेष, दृष्टि, स्वास्थ्य, धैर्य
उत्तर: संयम, ईर्ष्या, द्वेष, दृष्टि, स्वास्थ्य, धैर्य
2. निम्नलिखित शब्दों की शुद्ध वर्तनी पर गोला लगाइए
शब्द | |||
---|---|---|---|
अनूभूति | अनुभुति | अनुभूती | अनुभूति |
शंतोष | संतोष | सम्तोष | संतोष |
विषेश | विशेष | विशष्य | विशेश |
परीणाम | परिनाम | परिणाम | परीनाम |
उत्तर:
अनुभूति
संतोष
विशेष
परिणाम
प्रश्न 3. निम्नलिखित शब्दों का वाक्यों में प्रयोग कीजिए-
हृदयाघात, आत्मविश्वास, असंतुलित, परिस्थिति
उत्तर:
हृदयाघात: अत्यधिक तनाव और दुख के कारण उसे हृदयाघात हो गया।
आत्मविश्वास: आत्मविश्वास के साथ उसने कठिन परिस्थितियों का सामना किया।
असंतुलित: क्रोध और ईर्ष्या के कारण उसके शरीर में हारमोन असंतुलित हो गए।
परिस्थिति: वह हर परिस्थिति में धैर्य और संयम बनाए रखता है।
प्रश्न 4. निम्नलिखित शब्दों में से उर्दू, अंग्रेजी और हिन्दी (तत्सम) शब्द छाँटकर क्रम से लिखिए-
अखबार, समाचार, एक्सरे, मस्तिष्क, खराबी, खुशी, कंकाल, कमजोर, सोनोग्राफी, हारमोन, मृत्यु, दिल, दिमाग, व्यक्ति, करूण, अल्सर, ब्लडप्रेशर, डायबिटीज
उत्तर:
उर्दू: अखबार, खुशी, दिल
अंग्रेजी: एक्सरे, सोनोग्राफी, हारमोन, अल्सर, ब्लडप्रेशर, डायबिटीज
हिन्दी (तत्सम): समाचार, मस्तिष्क, खराबी, कंकाल, मृत्यु, दिमाग, व्यक्ति, करुणा
प्रश्न 5. निम्नलिखित शब्दों में मूल शब्द और प्रत्यय अलग करके लिखिए-
चारित्रिक, धार्मिक, योग्यता, अम्लता, कुशलता, सहायता, निर्दयता, आन्तरिक, पारिवारिक, मानसिक
उत्तर:
चारित्रिक: मूल शब्द – चरित्र, प्रत्यय – इक
धार्मिक: मूल शब्द – धर्म, प्रत्यय – इक
योग्यता: मूल शब्द – योग्य, प्रत्यय – ता
अम्लता: मूल शब्द – अम्ल, प्रत्यय – ता
कुशलता: मूल शब्द – कुशल, प्रत्यय – ता
सहायता: मूल शब्द – सहाय, प्रत्यय – ता
निर्दयता: मूल शब्द – निर्दय, प्रत्यय – ता
आन्तरिक: मूल शब्द – अन्तर, प्रत्यय – इक
पारिवारिक: मूल शब्द – परिवार, प्रत्यय – इक
मानसिक: मूल शब्द – मनस, प्रत्यय – इक
अब करने की बारी
अपने आस-पास के किसी पूर्ण स्वस्थ एवं खुशहाल व्यक्ति से संपर्क कर उससे स्वस्थ रहने का रहस्य जानिए।
सुझाव: अपने पड़ोस या परिवार में किसी ऐसे व्यक्ति से मिलें जो शारीरिक, मानसिक, और भावनात्मक रूप से स्वस्थ दिखाई दे। उनसे पूछें कि वे संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, योग, ध्यान, और सकारात्मक सोच जैसे उपायों का उपयोग कैसे करते हैं। उदाहरण के लिए, दस्तावेज़ में उल्लेख है कि योग, संतुलित आहार, और सकारात्मक सोच पूर्ण स्वास्थ्य के आधार हैं। उनकी दिनचर्या, जैसे सुबह जल्दी उठना, तनाव से बचना, और संयम बनाए रखना, के बारे में नोट्स बनाएँ।
स्वस्थ रहने के लिए योग अभ्यास के संबंध में अपने शिक्षक से जानकारी प्राप्त कीजिए।
सुझाव: अपने स्कूल के शिक्षक, विशेष रूप से योग या शारीरिक शिक्षा के शिक्षक, से संपर्क करें। उनसे पूछें कि योग, ध्यान, और प्राणायाम जैसे अभ्यास कैसे मानसिक शांति और शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाते हैं। दस्तावेज़ में बताया गया है कि योग से अस्थमा, रक्त-दाब, और हारमोन से उत्पन्न रोग नियंत्रित हो सकते हैं। शिक्षक से सरल योग आसनों जैसे सूर्य नमस्कार या अनुलोम-विलोम के बारे में सीखें और इन्हें अपनी दिनचर्या में शामिल करने की योजना बनाएँ।
शिक्षक के साथ स्वास्थ्य केंद्र अथवा शाला की रेडक्रॉस समिति में जाकर प्राथमिक उपचार (फर्स्ट-एड) के बारे में जानकारी लीजिए और शाला में फर्स्ट-एड बॉक्स की व्यवस्था कीजिए।
सुझाव: अपने शिक्षक के साथ स्कूल की रेडक्रॉस समिति या नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र जाएँ। वहाँ प्राथमिक उपचार के बारे में जानकारी लें, जैसे कि छोटी चोटों, जलने, या बेहोशी के मामले में क्या करना चाहिए। दस्तावेज़ में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता पर जोर दिया गया है, इसलिए प्राथमिक उपचार की मूल बातें, जैसे पट्टी बाँधना या घाव साफ करना, सीखें। इसके बाद, स्कूल में फर्स्ट-एड बॉक्स तैयार करने के लिए शिक्षक और सहपाठियों के साथ मिलकर आवश्यक सामग्री जैसे बैंडेज, एंटीसेप्टिक क्रीम, और दवाएँ इकट्ठा करें और इसे स्कूल में उपयुक्त स्थान पर रखें।
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