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1. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
(क) सही शब्द चुनकर जोड़ी बनाइए:
लौहपुरुष, – बाल गंगाधर तिलक
महात्मा, – चितरंजनदास,
देशबन्धु, – गांधी,
लोकमान्य – सरदार पटेल,
उत्तर:
- लौहपुरुष – सरदार पटेल
- महात्मा – गांधी
- देशबन्धु – चितरंजनदास
- लोकमान्य – बाल गंगाधर तिलक
(ख) दिए गए विकल्पों में से सही शब्द चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए:
(अ) सरदार पटेल को ______ कहा जाता है। (शलाका पुरुष, लौह पुरुष)
उत्तर: लौह पुरुष
(ब) सरदार पटेल के ______ बचपन से ही प्रकट होने लगे थे। (प्रमुखगुण, विशिष्ट गुण)
उत्तर: विशिष्ट गुण
(स) उनके पास हाजिर-जवाबी तथा विनोद प्रियता का अक्षय और ______ कोष था। (असीम, निस्सीम)
उत्तर: असीम
(द) हठी विद्रोहियों को ______ में लाना उन्हें भली प्रकार आता था। (अनुशासन, विनयानुशासन)
उत्तर: विनयानुशासन
2. अति लघु उत्तरीय प्रश्न
(अ) प्रश्न: सरदार पटेल का स्वभाव कैसा था?
उत्तर: सरदार पटेल का स्वभाव वीर, निर्भय, दृढ़ निश्चयी, परिश्रमी, लगनशील और सहृदयी था।
(ब) प्रश्न: सहायकों तथा अनुयायियों द्वारा भूल करने पर सरदार पटेल क्या करते थे?
उत्तर: सहायकों और अनुयायियों द्वारा भूल करने पर सरदार पटेल उन पर कृपा करते थे और उनकी देखभाल पितृवत् करते थे।
(स) प्रश्न: सरदार पटेल ने गृहमंत्री के रूप में कौन सा महत्वपूर्ण कार्य किया?
उत्तर: सरदार पटेल ने गृहमंत्री के रूप में देशी रियासतों का एकीकरण किया।
(द) प्रश्न: सरदार पटेल की प्रबल आकांक्षा क्या थी?
उत्तर: सरदार पटेल की प्रबल आकांक्षा थी कि भारत अपनी स्वतंत्रता की रक्षा करने में सबल और सुयोग्य बने।
(इ) प्रश्न: पटेल को सरदार की उपाधि कैसे मिली?
उत्तर: पटेल को बारडोली में किसानों को संगठित कर लगान माफ कराने की उल्लेखनीय सफलता के कारण जनता ने सरदार की उपाधि दी।
3. लघु उत्तरीय प्रश्न
(अ) प्रश्न: सरदार पटेल को लौह पुरुष क्यों कहा जाता है?
उत्तर: सरदार पटेल को लौह पुरुष इसलिए कहा जाता है क्योंकि वे असाधारण प्रतिभा, विशिष्ट बुद्धिमत्ता, अप्रतिम प्रशासनिक क्षमता और प्रतिकूल परिस्थितियों में भी सफलता प्राप्त करने की अद्भुत क्षमता से युक्त थे।
(ब) प्रश्न: सरदार पटेल का अपने अनुयायियों के साथ व्यवहार कैसा था?
उत्तर: सरदार पटेल का अपने अनुयायियों के साथ पितृवत् व्यवहार था। वे उनकी देखभाल करते थे, उनकी भूल पर कृपा करते थे और जिस पर विश्वास कर लेते थे, उस पर सन्देह नहीं करते थे।
(स) प्रश्न: सरदार पटेल किस गुण के कारण अपने विरोधियों को पछाड़ दिया करते थे?
उत्तर: सरदार पटेल अपने विरोधियों को पछाड़ने के लिए अपने मस्तिष्क में व्यक्तिगत ईर्ष्या, द्वेष और विरोधियों की निर्बलताओं का सावधानीपूर्वक लेखा-जोखा रखने के गुण के कारण पछाड़ दिया करते थे।
(द) प्रश्न: सरदार पटेल हठी विद्रोहियों को कैसे विनयानुशासन में लाते थे?
उत्तर: सरदार पटेल हठी विद्रोहियों को अपनी शक्ति और नियंत्रण के साथ-साथ विनयानुशासन में लाने के लिए कुशलता से कार्य करते थे, बिना शक्ति प्राप्त करने की लालसा के।
भाषा की बात
(1) बोलिए और लिखिए:
व्यक्तिगत, यद्यपि, परिलक्षित, तत्कालीन, सार्वजनिक, प्रशासनिक, उल्लेखनीय, कृपालु, विनोदप्रियता
उत्तर: व्यक्तिगत, यद्यपि, परिलक्षित, तत्कालीन, सार्वजनिक, प्रशासनिक, उल्लेखनीय, कृपालु, विनोदप्रियता
(2) सही वर्तनी वाले शब्दों पर गोला लगाइए:
(क) परिलक्षित परिलक्षित परलिक्षित परिलक्षति
उत्तर: परिलक्षित
(ख) दृढ़ता दृढ़ता द्रढ़ता द्रीढ़ता
उत्तर: दृढ़ता
(ग) ईषर्या ईर्ष्या ईर्ष्या इर्ष्या
उत्तर: ईर्ष्या
(घ) व्यक्तिगत व्यक्तिगत व्यक्तीगत वयक्तिगत
उत्तर: व्यक्तिगत
(ड़) अवश्यकता आवश्यकता आवश्यकता अवाश्यकता
उत्तर: आवश्यकता
(च) नीश्चय निशचय निश्चय
उत्तर: निश्चय
(3) नीचे दिए शब्दों के बहुवचन बनाइए:
एकवचन | बहुवचन |
---|---|
साथी | साथी |
मित्र | मित्र |
राज्य | राज्य |
वर्ष | वर्ष |
मनुष्य | मनुष्य |
सेनापति | सेनापति |
भारतीय | भारतीय |
(4) निम्नलिखित शब्दों में उनके सामने दर्शाए प्रत्यय लगाकर नए शब्द बनाइए:
मूल शब्द | प्रत्यय | बना हुआ शब्द |
---|---|---|
साहस | ई | साही |
कृति | त्व | कृतित्व |
गुरू | त्व | गुरुत्व |
अनुकरण | ईय | अनुकरणीय |
स्वर्ग | ईय | स्वर्गीय |
बच्चा | पन | बचपन |
अब करने की बारी
प्रश्न: सरदार पटेल के जन्म दिन पर अपने विद्यालय में आयोजित कार्यक्रमों में पटेल की जीवनी व उनसे मिलने वाली प्रेरणा पर विचार व्यक्त कीजिए। फेन्सी ड्रेस प्रतियोगिता में सरदार पटेल का रूप धारण कीजिए।
उत्तर: छात्रों को 31 अक्टूबर को सरदार पटेल की जीवनी और उनके गुणों पर विचार व्यक्त करना चाहिए और फेन्सी ड्रेस में उनका रूप धारण करना चाहिए।
प्रश्न: स्वतन्त्रता आन्दोलन में योगदान देने वाले महापुरुषों के चित्रों का संकलन कीजिए व उनसे मिलने वाली प्रेरणाएँ अपनी उत्तर पुस्तिका में लिखिए।
उत्तर: छात्रों को स्वतंत्रता आंदोलन में योगदान देने वाले महापुरुषों के चित्र एकत्र कर उनकी प्रेरणाएँ लिखनी चाहिए।
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