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1. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
(क) सही जोड़ी बनाइए:
सूरज हमें रोशनी देता, – निर्मल जल दिन-रात बहाते
बिन अभिमान पेड़ देते है – अन्न उगाती धरती प्यारी
गहरी नदियाँ, निर्झर नाले, – बीज फूल, फल, ठण्डी छाया
सबका पालन करने वाली – तारे शीतलता बरसाते,
उत्तर:
- सूरज हमें रोशनी देता – तारे शीतलता बरसाते
- गहरी नदियाँ, निर्झर नाले – निर्मल जल दिन-रात बहाते
- बिन अभिमान पेड़ देते है – बीज फूल, फल, ठण्डी छाया
- अन्न उगाती धरती प्यारी – सबका पालन करने वाली
(ख) दिए गए विकल्पों से रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए प्रश्न:
(अ) अपने लिए सभी जीते हैं, ……………… मरना सीखें।
(औरों के हित, दूसरों के हित)
(क) कोई बाता …………… सबको, बादल वर्षा-जल दे जाते।
(अमृत, चाँदनी)
(ख) ऊँचे-नीचे …………… ही तो, इन सोतों के जनक कहाते।
(पहाड़, पर्वत)
(ग) ऐसे ही त्यागी बनकर हम, बूंद-बूंद कर …………… सीखें।
(घटना, झरना)
उत्तर: (अ) अपने लिए सभी जीते हैं, दूसरों के हित मरना सीखें।
(क) कोई बाता अमृत सबको, बादल वर्षा-जल दे जाते।
(ख) ऊँचे-नीचे पर्वत ही तो, इन सोतों के जनक कहाते।
(ग) ऐसे ही त्यागी बनकर हम, बूंद-बूंद कर झरना सीखें।
3. अति लघु उत्तरीय प्रश्न
(अ) प्रश्न: कुदरत हमें क्या सिखाती है?
उत्तर: कुदरत हमें जग-हित में कुछ करना सिखाती है।
(ब) प्रश्न: तरु हमें क्या देते हैं?
उत्तर: तरु (पेड़) हमें बीज, फूल, फल और ठण्डी छाया देते हैं।
(स) प्रश्न: धरती क्या कार्य करती है?
उत्तर: धरती अन्न उगाती है और सबका पालन करती है।
4. लघु उत्तरीय प्रश्न
(अ) प्रश्न: पर्वतों को सोतों का जनक क्यों कहा गया है?
उत्तर: पर्वतों को सोतों का जनक कहा गया है क्योंकि ऊँचे-नीचे पर्वतों से ही नदियाँ, निर्झर और नाले निकलते हैं, जो निर्मल जल बहाते हैं।
(ब) प्रश्न: पेड़ों को दधीचि क्यों माना गया है?
उत्तर: पेड़ों को दधीचि माना गया है क्योंकि वे बिना अभिमान के बीज, फूल, फल और ठण्डी छाया देकर अपनी काया न्यौछावर कर देते हैं, जैसे दधीचि ऋषि ने अपनी हड्डियाँ दान की थीं।
(स) प्रश्न: जुगनू से हमें क्या सीख मिलती है?
उत्तर: जुगनू से हमें थोड़ा-थोड़ा ही सही, अंधकार को दूर करना सीखने की प्रेरणा मिलती है।
भाषा की बात
1. प्रश्न: बोलिए और लिखिए कुदरत, अमृत, दधीचि, नदी, पर्वत, त्यागी
उत्तर: कुदरत, अमृत, दधीचि, नदी, पर्वत, त्यागी
2. प्रश्न: सही बोलने वाले शब्दों पर गोला लगाइए
- सिखती, सखाती, सिखाती, सीखाति
- वरषा, वर्रषा, वर्षा, वार्ष
- जुगनू, जुगन, जुगुन, जुगनू
- अंधकर, अंधाकार, अंधकार, अधंकारा
उत्तर:
- सिखाती
- वर्षा
- जुगनू
- अंधकार
3. प्रश्न: निम्नलिखित शब्दों में उचित स्थान पर अनुनासिक चिह्न (~) का प्रयोग कीजिए
माग, टाग, जाच, तागा, ऊट, नदिया, बाटना
उत्तर: माँग, टाँग, जाँच, ताँगा, ऊँट, नदियाँ, बाँटना
4. प्रश्न: कोष्ठक में दिए गए शब्द की आवृत्ति से शब्द बनाकर रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए
…………………….. चलता भैया। (आगे)
………………………आई गैया। (पीछे)
…………………… लो घास खिलाई। (हरी)
………………….. उसने वह खाई। (खुशी)
उत्तर: आगे-आगे चलता भैया।
पीछे-पीछे आई गैया।
हरी-हरी लो घास खिलाई।
खुशी-खुशी उसने वह खाई।
5. प्रश्न: निम्नलिखित शब्दों के विपरीतार्थी शब्द लिखिए
अग्रज, सुगंध, आदि, आदान
उत्तर: अग्रज – अनुज
सुगंध – दुर्गंध
आदि – अंत
आदान – प्रदान
6. प्रश्न: निम्नलिखित शब्दों में ‘अभि’ उपसर्ग का प्रयोग करते हुए नए शब्द बनाइए
ज्ञान, नंदन, यान, रूचि, नेता, मत
उत्तर: अभिज्ञान, अभिनंदन, अभियान, अभिरुचि, अभिनता, अभिमत
अब करने की बारी
1. प्रश्न: अपने-अपने मित्रों को उनकी परेशानी के समय में कब-कब सहयोग दिया है? याद कीजिए और डायरी में नोट कीजिए।
उत्तर: (छात्रों को अपनी डायरी में व्यक्तिगत अनुभव लिखने होंगे, जैसे कि उन्होंने अपने मित्रों को कब और कैसे मदद की। उदाहरण के लिए, किसी मित्र को पढ़ाई में मदद करना या उनकी परेशानी में साथ देना।)
2. प्रश्न: अपने उन मित्रों के नाम लिखिए जिन्होंने आपको सहयोग दिया है।
उत्तर: (छात्रों को अपनी डायरी में उन मित्रों के नाम लिखने होंगे जिन्होंने उनकी मदद की, जैसे कि स्कूल में सहायता करना या किसी मुश्किल समय में साथ देना।)
3. प्रश्न: “प्रकृति और हमारा दैनिक जीवन” विषय पर निबंध लिखिए।
उत्तर: (छात्रों को निबंध लिखना होगा। निबंध में प्रकृति के विभिन्न तत्वों जैसे सूरज, चाँद, पेड़, नदियाँ, और धरती के दैनिक जीवन में योगदान का वर्णन करना होगा। उदाहरण: सूरज रोशनी देता है, पेड़ छाया और फल देते हैं, धरती अन्न उगाती है, और नदियाँ निर्मल जल प्रदान करती हैं।)
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