बोध प्रश्न
प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के अर्थ शब्दकोश से खोजकर लिखिए|
उत्तर
- पंछी = पक्षी
- कूप = कुआँ
- मधुकर = भौंरा
- तजि = छोड़कर
- अधम = नीच
- दनुज = राक्षस, दानव
- घन = बादल
- चकोरा = चकोर, चकवा-चकवी
- पूँजी = धन
- छाँड़ि= छोड़कर
- छेरी = बकरी
- अम्बुज = कमल
- उधारे = उद्धार किया
- बास = सुगन्ध।
प्रश्न 2.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर संक्षेप में लिखिए
(क) सूर के मन को सुख कहाँ प्राप्त होता है ?
उत्तर
सूरदास के मन को सुख भगवान श्रीकृष्ण के चरणों की भक्ति में प्राप्त होता है।
(ख) अधम का उद्धारक कौन है ?
उत्तर
अधम के उद्धारक भगवान राम हैं।
(ग) रैदास किसके आराधक थे ?
उत्तर
रैदास ईश्वर के नाम के आराधक थे।
(घ) मीराबाई को कौन-सा रत्न प्राप्त हो गया ?
उत्तर
मीराबाई को राम रत्न प्राप्त हो गया।
प्रश्न 3.
निम्नलिखित विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए
(क) “प्रभुजी तुम चन्दन हम पानी …………… पंक्ति किस कवि की है ?
(अ) सूर
(आ) तुलसी
(इ) रैदास
(ई) मीराबाई
उत्तर
(इ) रैदास
(ख) तुलसीदास की भक्ति निम्नलिखित में से किस भाव की है ?
(अ) सखाभाव
(आ) दासभाव
(इ) मित्रभाव
(ई) गुरु भाव।
उत्तर
(आ) दासभाव
(ग) ब्रज भूमि में किसकी झाड़ियाँ (कुंज) अधिक मिलती हैं?
(अ) आम
(आ) जामुन,
(इ) नीम
(ई) करील।
उत्तर
(ई) करील
(घ) निम्नलिखित रचनाकारों में से किसका सम्बन्ध राजस्थान से था?
(अ) सूर
(आ) तुलसी
(इ) मीरा
(ई) बिहारी।
उत्तर
(इ) मीरा।
प्रश्न 4.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर विस्तार से लिखिए।
(क) ‘जहाज का पक्षी’ किस बात का प्रतीक है? आशय स्पष्ट कीजिए।
उत्तर
‘जहाज़ का पक्षी’ स्वतंत्रता, निर्भीकता और ऊँचे आदर्शों का प्रतीक है। यह उस व्यक्ति या शक्ति का द्योतक है जो जीवन के तूफ़ानों (कठिनाइयों) से जूझते हुए भी बिना थके, बिना डरे, आगे बढ़ता है।
कवि यह दिखाना चाहता है कि जैसे जहाज़ का पक्षी खुले आकाश में ऊँची उड़ान भरता है और समुद्र के तूफ़ानों में भी नहीं डरता, वैसे ही मनुष्य को भी अपने जीवन में साहस और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ना चाहिए।
(ख) तुलसी ने किस-किसके उद्धार का उल्लेख किया है ?
उत्तर
तुलसी के अनुसार भगवान ने त्रेतायुग में खग जटायु, मृग मारीच, व्याध वाल्मीकि, पाषाण बनी अहिल्या आदि का उद्धार किया। द्वापर युग में श्रीकृष्ण ने यमलार्जुन वृक्ष आदि का उद्धार किया। इस प्रकार भगवान ने समय-समय पर पतित प्राणियों को विभिन्न रूपों में मुक्त कर उनका कल्याण किया।
(ग) रैदास ने भगवान से अपना सम्बन्ध स्थापित करते हुए किस-किससे अपने को जोड़ा है?
उत्तर
रैदास ने भगवान से अपने सम्बन्ध को अनेक रूपों में बताया है। उन्होंने भगवान को चन्दन, बादल, चन्द्रमा, दीपक, मोती और सोना माना है तथा अपने को क्रमशः पानी, मोर, चकोर, बत्ती, धागा और सुहागा के रूप में चित्रित किया है। इन उदाहरणों से वे दिखाते हैं कि जैसे पानी चन्दन को घिसता है, मोर बादल पर कूकता है, चकोर चन्द्रमा को निहारता है, बत्ती दीपक में जलती है, धागा मोतियों को जोड़कर माला बनाता है और सोना सुहागे से चमकता है, वैसे ही जीव का ईश्वर से अटूट सम्बन्ध है।
(घ) मीरा की भक्ति भावना पर अपने विचार प्रकट कीजिए।
उत्तर
मीरा की भक्ति दास भावना से परिपूर्ण है। वे स्वयं को भगवान कृष्ण की दासी मानती हैं। उनके अनुसार ईश्वर की भक्ति ऐसा अमूल्य रत्न है जिसे न कोई चुरा सकता है, न खर्च करने पर समाप्त होता है, बल्कि प्रतिदिन बढ़ता ही जाता है। इसी भक्ति से सतगुरु की कृपा मिलती है और मनुष्य की जीवन-नौका सरलता से संसार-सागर पार कर जाती है। यह भक्ति तभी प्राप्त होती है जब मनुष्य संसार की वस्तुओं के प्रति मोह त्याग देता है।
प्रश्न 5.
निम्नलिखित पंक्तियों का आशय स्पष्ट कीजिए
(क) कौन देव बराय बिरद-हित, हठि-हठिअधम उचारे ?
उत्तर
तुलसीदास जी कहते हैं कि भगवान राम ! मैं आपके चरणों की भक्ति को छोड़कर कहाँ जाऊँ ? आपके अतिरिक्त किसका नाम पतितपावन है ? दीनों के प्रति किसे अति प्रेम है ? अन्य कौन-सा देवता है जिसने हठपूर्वक अपने यश के लिए पापियों का उद्धार किया हो ? पक्षी (जटायु), मृग (मारीच), व्याध वाल्मीकि), पाषान (अहिल्या), वृक्ष (यमलार्जुन),जड़ (भरत मुनि) आदि का किस देवता ने संसार-सागर से उद्धार किया है ? देव, राक्षस, मुनि, नाग और मनुष्य आदि सभी माया के वशीभूत होकर दयनीय बने हुए हैं। इसलिए, तुलसीदास अपने आपको समझाते हुए कहते हैं कि इनके समक्ष तू (तुलसी) अपनी दीनता का बखान क्यों करता है ?
(ख) सूरदास प्रभु काम धेनु तजि, छेरी कौन दुहावै ?
उत्तर
मेरा मन दूसरे स्थान पर किस तरह सुख प्राप्त कर सकता है। जिस तरह समुद्री जहाज से जमीन के होने की जानकारी के लिए छोड़ा गया पक्षी लौटकर फिर से जहाज पर ही आ जाता है, क्योंकि स्थल पास में नहीं होता है। उसे उसी जहाज पर शरण प्राप्त होती है। उसी पक्षी की तरह यह मेरा मूर्ख बना मन श्रीकृष्ण को झेड़कर किसी दूसरे देव का ध्यान क्यों धरता है। महान् पुण्यशाली पवित्र गंगा को छोड़कर मूर्ख और कुबुद्धि मनुष्य ही कुआँ खोदने की बात सोचता है। जिस भौरे ने कमल के पराग का ही पान किया हो, वह भौरा करील के फल (टेंटी) क्यों खायेगा ? सूरदास वर्णन करते हैं कि कामधेनु को छोड़कर बकरी दुहने का विचार कौन करता है ? तात्पर्य यह है कि भगवान श्रीकृष्ण को छोड़कर, हे मेरे मन ! तू किस दूसरे देव की आराधना करने का विचार करता है ? यदि तू ऐसा करता है तो निश्चय ही तू बड़ा मूर्ख है, उचित और अनुचित के भेद को तू नहीं जानता है।
प्रश्न 6.
निम्नलिखित पंक्तियों का सन्दर्भ सहित भाव स्पष्ट कीजिए
(क) प्रभु जी तुम चन्दन हम पानी, जाकी अंग-अंग बास समानी।
उत्तर
इस पंक्ति के सन्दर्भ सहित भाव के लिए ‘सम्पूर्ण पद्यांशों की व्याख्या’ शीर्षक के पद्यांश-03 की व्याख्या सन्दर्भ-प्रसंग सहित देखिए।
(ख) पायो जी मैंने राम रतन धन पायो।
वस्तु अमोलक दी मेरे सतगुरु, किरपा कर अपनायो।।
जनम-जनम की पूँजी पाई, जग में सभी खोवायो।
खरचै नहिकोई चोर नलेवे, दिन-दिन बढ़त सवायो।।
उत्तर
इन पंक्तियों के सन्दर्भ सहित भाव के लिए ‘सम्पूर्ण पद्यांशों की व्याख्या’ शीर्षक के पद्यांश-04 की व्याख्या सन्दर्भ-सहित देखिए।
भाषा-अध्ययन
प्रश्न 1.
दिये गये विकल्पों में से सही विकल्प छाँटकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
(क) पंछी तद्भव शब्द है। इसका तत्सम रूप …… है। (पक्षी, पक्षि, पंच्छी)
(ख) चरन तद्भव शब्द है। इसका तत्सम रूप ……………… है। (पैर, चारन, चरण)
(ग) कमल का पर्यायवाची ……. शब्द है। (नीरद, जलद, नीरज)
(घ) रात का पर्यायवाची ……… है। (दिननाथ, रजनीपति, रजनी)
उत्तर
(क) पक्षी
(ख) चरण
(ग) नीरज
(घ) रजनी।
प्रश्न 2.
निम्नलिखित वर्ग पहेली में रात, पानी, कमल के दो-दो पर्यायवाची शब्द दिए हैं। उन्हें ढूँदिए तथा लिखिए।
उत्तर
शब्द – पर्यायवाची
रात = रात्रि, रजनी।
पानी = तोय, जल।
कमल = नीरज, तोयज।
प्रश्न 3.
तालिका में दिए गए शब्दों की सही जोड़ी बनाइए
उत्तर
तद्भव शब्द – तत्सम शब्द
(क) महातम – (1) दुर्मति
(ख) दुरमति – (2) स्वर्ण
(ग) मानुस – (3) माहात्म्य
(घ) सोना – (4) मनुष्य
उत्तर
(क)-(3),(ख)→(1),(ग)→(4),(घ)→2
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