प्रेरक प्रसंग – सारांश
यह अध्याय “प्रेरक प्रसंग” हमें समय का महत्व, त्याग, सेवा भावना, परिश्रम, लगन और ईमानदारी जैसे गुणों को अपनाने की शिक्षा देता है। इसमें दो महापुरुषों – महावीर प्रसाद द्विवेदी और अब्राहम लिंकन के जीवन के प्रेरणादायी प्रसंग प्रस्तुत किए गए हैं।
महावीर प्रसाद द्विवेदी का जन्म निर्धन परिवार में हुआ, लेकिन उन्होंने कठिन परिश्रम और अध्ययन से अनेक भाषाओं का ज्ञान अर्जित किया। रेलवे की नौकरी छोड़कर वे सरस्वती पत्रिका के संपादक बने और साहित्य व समाज सेवा में जीवन लगा दिया। वे समय के बहुत पाबंद थे और हर कार्य को निश्चित समय में करते थे। उनका मानना था कि समय का सही नियोजन मनुष्य की क्षमता को निखारता है। उनका जीवन त्याग, सेवा और साहित्य साधना का अद्भुत उदाहरण है।
अब्राहम लिंकन का जीवन भी अत्यंत संघर्षपूर्ण था। वे गरीब परिवार से थे और मजदूरी करके अपनी पढ़ाई पूरी करते थे। किताबें माँगकर पढ़ते और लकड़ी के लट्ठों पर कोयले से गणित के सवाल हल करते। पढ़ाई के प्रति उनकी लगन इतनी प्रबल थी कि कठिन परिस्थितियों के बावजूद उन्होंने शिक्षा हासिल की। ईमानदारी और परिश्रम के बल पर वे आगे चलकर अमेरिका के राष्ट्रपति बने।
इस प्रकार यह अध्याय हमें सिखाता है कि परिस्थितियाँ चाहे कैसी भी हों, यदि मनुष्य में लगन, मेहनत, ईमानदारी और सेवा भाव हो तो वह ऊँचाइयों तक पहुँच सकता है और समाज के लिए प्रेरणा बन सकता है।
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