विनम्रता – सारांश
इस पाठ “विनम्रता” में जीवन में विनम्रता और बड़ों के प्रति आदर की महत्ता बताई गई है। इसमें दो बच्चों – विराट और विधु – के व्यवहार से उदाहरण दिया गया है। विराट पढ़ाई में अच्छा और स्वस्थ है, लेकिन उसने अतिथि का स्वागत आदरपूर्वक नहीं किया, जबकि विधु ने बड़े ही नम्र और शिष्टाचा+रपूर्ण ढंग से अतिथि का स्वागत किया। इससे यह स्पष्ट होता है कि केवल विद्या या स्वास्थ्य नहीं, बल्कि विनम्रता ही व्यक्ति को समाज में सम्मान दिलाती है। विनम्रता को चरित्र का सद्गुण और सुसंस्कृत होने का परिचय-पत्र बताया गया है। विनम्र व्यक्ति की भाषा मधुर और व्यवहार शिष्ट होता है। यह केवल बड़ों के प्रति ही नहीं बल्कि समान आयु के साथियों और छोटे बच्चों के प्रति स्नेह के रूप में भी प्रकट होती है। इसमें बताया गया है कि विनम्रता सफलता की गारंटी और समस्या समाधान की कुंजी है। समुद्र और वृक्षों के उदाहरण से यह समझाया गया है कि विनम्रता हमें स्थिर, सहनशील और जीवनदायी बनाती है, जबकि अहंकार विनाश का कारण होता है। अंत में संदेश दिया गया है कि मीठे बोल और विनम्र आचरण से कठिन से कठिन कार्य भी संभव हो जाते हैं और इससे व्यक्ति का व्यक्तित्व आकर्षक बनता है।
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