मध्यप्रदेश के गौरव – सारांश
पाठ “मध्यप्रदेश के गौरव” में दो महान विभूतियों – डॉ. शंकर दयाल शर्मा और अटल बिहारी वाजपेयी – के व्यक्तित्व और योगदान का वर्णन किया गया है। डॉ. शर्मा का जन्म 19 अगस्त 1918 को भोपाल में हुआ। वे अत्यंत मेधावी छात्र रहे और उन्होंने हिन्दी, अंग्रेज़ी, संस्कृत तथा कानून में उच्च शिक्षा प्राप्त की। उन्होंने अध्यापन कार्य के साथ ही साहित्य, संगीत और खेलों में भी अपनी प्रतिभा दिखाई। सार्वजनिक जीवन में वे स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़े और बाद में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री, मंत्री, कांग्रेस अध्यक्ष, राज्यपाल, उपराष्ट्रपति और अंततः भारत के नवें राष्ट्रपति बने। वे सरल, विनम्र और जनता से आत्मीयता से मिलने वाले व्यक्ति थे।
दूसरे गौरव, अटल बिहारी वाजपेयी, का जन्म 25 दिसम्बर 1925 को ग्वालियर में हुआ। बचपन से ही उनमें सरलता, भावुकता और सेवा का भाव था। छात्र जीवन से ही वे गरीब बच्चों की मदद करते और कविताएँ लिखते थे। राजनीति में उन्होंने जनसंघ और भारतीय जनता पार्टी की स्थापना व नेतृत्व किया। वे कई बार लोकसभा के सदस्य बने और तीन बार प्रधानमंत्री के पद पर आसीन हुए। उनकी ओजस्वी व कवित्वपूर्ण भाषण-शैली ने उन्हें जनता का प्रिय नेता बना दिया। साहित्य में भी उन्होंने कई कृतियाँ दीं जैसे मेरी इक्यावन कविताएँ और मेरी संसदीय यात्रा।
यह पाठ हमें बताता है कि मध्यप्रदेश की धरती ने ऐसे महान व्यक्तित्व दिए जिन्होंने शिक्षा, साहित्य, राजनीति और राष्ट्रसेवा में अपनी अमिट छाप छोड़ी। डॉ. शर्मा और अटलजी दोनों ही ज्ञान, सेवा और विनम्रता के प्रतीक थे और उनकी जीवन यात्रा सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
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