1858 ई. के बाद ब्रिटिश प्रशासन और नीतियाँ
Short Questions
प्रश्न: 1858 के अधिनियम से क्या हुआ?
उत्तर: ईस्ट इंडिया कंपनी का शासन समाप्त।
प्रश्न: भारत का प्रशासन किसके अधीन किया गया?
उत्तर: इंग्लैंड की महारानी।
प्रश्न: भारत का प्रथम वायसराय कौन था?
उत्तर: लार्ड केनिंग।
प्रश्न: भारत सचिव की परिषद में कितने सदस्य थे?
उत्तर: 15।
प्रश्न: महारानी की घोषणा कहाँ पढ़ी गई?
उत्तर: इलाहाबाद में।
प्रश्न: सेना में यूरोपीय सैनिकों का अनुपात क्या बढ़ाया गया?
उत्तर: 3:1।
प्रश्न: ब्रिटिश आर्थिक नीति का मुख्य उद्देश्य क्या था?
उत्तर: ब्रिटेन के हितों की रक्षा।
प्रश्न: लार्ड रिपन ने किस आयोग का गठन किया?
उत्तर: हंटर आयोग।
प्रश्न: 1876 में महारानी को क्या घोषित किया गया?
उत्तर: भारत की साम्राज्ञी।
प्रश्न: ब्रिटिश शिक्षा नीति का उद्देश्य क्या था?
उत्तर: भारतीयों को मानसिक गुलाम बनाना।
Long Questions
प्रश्न: 1858 के अधिनियम में क्या निर्णय लिए गए?
उत्तर: ईस्ट इंडिया कंपनी का शासन समाप्त किया गया और भारत का प्रशासन महारानी के अधीन किया। वायसराय महारानी का प्रतिनिधि बना और भारत सचिव की परिषद बनी।
प्रश्न: महारानी की घोषणा के मुख्य बिंदु क्या थे?
उत्तर: कोई नया क्षेत्र नहीं मिलाया जाएगा और राजाओं के अधिकार सुरक्षित रहेंगे। न्याय में समानता होगी और भारतीयों को ब्रिटिश प्रजा के समान माना जाएगा।
प्रश्न: सेना के पुनर्गठन का वर्णन करें।
उत्तर: यूरोपीय सैनिकों की संख्या बढ़ाई गई और भारतीय सैनिक कम किए गए। महत्वपूर्ण पदों पर यूरोपीय अधिकारी रखे गए और सेना को प्रांतों से अलग किया गया।
प्रश्न: ब्रिटिश आर्थिक नीतियों का मूल्यांकन करें।
उत्तर: भारत को कच्चे माल का स्रोत बनाया और ब्रिटेन के उत्पाद बेचे। जमींदारों और व्यापारियों को लाभ मिला लेकिन किसान और दस्तकार गरीब हुए।
प्रश्न: ब्रिटिश शिक्षा नीति का स्वरूप क्या था?
उत्तर: अंग्रेजी शिक्षा से भारतीयों को गुलाम बनाया और मिशनरियों से ईसाई धर्म फैलाया। वुड प्रस्ताव से भारतीय भाषाओं का अध्ययन और हंटर आयोग से प्राथमिक शिक्षा को बढ़ावा दिया।
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