1. आर्थिक विकास
1. आर्थिक विकास का अर्थ – उत्पादन, सेवाओं और आय में बढ़ोतरी।
2. राष्ट्रीय आय = देश के सभी व्यक्तियों की कुल आय।
3. प्रति व्यक्ति आय = राष्ट्रीय आय ÷ देश की जनसंख्या।
4. विकसित देश – अमेरिका, जापान, ब्रिटेन, सिंगापुर।
5. विकासशील देश – भारत, पाकिस्तान, चीन, नेपाल।
6. स्वतंत्रता से पहले भारत –
- ब्रिटिश शासन ने भारतीय अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुँचाया।
- भारत को कच्चा माल सप्लाई करने और तैयार माल का बाज़ार बना दिया।
- भारतीय उद्योग कमजोर हो गए और निर्धनता बढ़ी।
2. कृषि विकास
1. भारत कृषि प्रधान देश है – 60% से अधिक लोग कृषि से जुड़े।
2. कृषि का योगदान – सकल घरेलू उत्पाद में 26%।
3. कृषि से खाद्यान्न और उद्योगों को कच्चा माल दोनों मिलते हैं।
4. कृषि के प्रकार :
- आत्मनिर्वाह कृषि – परम्परागत औजार, कम उत्पादन, परिवार के उपभोग हेतु।
- स्थानांतरी कृषि – जंगल काटकर खेती, उत्पादन बहुत कम, अब हतोत्साहित।
- रोपण कृषि – वैज्ञानिक विधियों से चाय, रबर जैसी फसलें।
- गहन कृषि – बार-बार खेती, उर्वरक व सिंचाई से अधिक उत्पादन।
5. प्रमुख फसलें :
- खरीफ – धान, ज्वार, बाजरा, मक्का, कपास।
- रबी – गेहूँ, जौ, चना, मसूर, सरसों, अलसी।
- नकदी फसलें – कपास, चाय, कॉफी, जूट, मूँगफली, सोयाबीन।
- आज भारत खाद्यान्नों में आत्मनिर्भर है।
3. औद्योगिक विकास
1. आर्थिक शक्ति का आधार – औद्योगिक उत्पादन।
उद्योगों से –
- रोजगार मिलता है।
- कृषि पर निर्भरता घटती है।
- विदेशी मुद्रा मिलती है।
उद्योगों के प्रकार
- कृषि आधारित – कपड़ा, चीनी, खाद्य तेल।
- सूती वस्त्र मिलें – महाराष्ट्र, गुजरात, पश्चिम बंगाल।
- जूट उद्योग – दूसरा बड़ा उद्योग।
- ऊनी वस्त्र – पंजाब, महाराष्ट्र, गुजरात आदि।
- चीनी उद्योग – उत्तरप्रदेश और महाराष्ट्र प्रमुख।
- खनिज आधारित – लोहा-इस्पात, सीमेंट, रसायन।
- पहला इस्पात कारखाना – 1830, तमिलनाडु (पोर्टोनोवा)।
- आधुनिक इस्पात कारखाना – 1907, जमशेदपुर।
- एल्यूमीनियम, तांबा, रसायन, उर्वरक, औषधि, इलेक्ट्रॉनिक उद्योग।
- कृषि आधारित – कपड़ा, चीनी, खाद्य तेल।
4. सेवा क्षेत्र
- इसमें बैंक, बीमा, वित्तीय संस्थान, सूचना प्रौद्योगिकी।
- भारत सॉफ्टवेयर विकास में विश्व प्रसिद्ध।
5. कुटीर व लघु उद्योग
- कम पूँजी और घरेलू कार्य पर आधारित।
- उदाहरण – खिलौने, पापड़, बड़ी, मसाले, बीड़ी, कपड़ा बुनना।
- लघु उद्योग – कम मजदूर, सरकार ऋण उपलब्ध कराती है।
- ग्रामीण बेरोजगारों को रोजगार मिलता है।
6. पंचवर्षीय योजनाएँ
- नियोजित विकास के लिए 1950 में योजना आयोग बना।
- उद्देश्य –
- विकास के लक्ष्य तय करना।
- संसाधनों का सही उपयोग।
- उत्पादन और लाभ का न्यायपूर्ण वितरण।
- 2007-2012 – 11वीं पंचवर्षीय योजना।
7. भारत की मुख्य आर्थिक समस्याएँ
1. जनसंख्या वृद्धि –
- 1951 में 36 करोड़, 2001 में 102 करोड़।
- कारण – निर्धनता, अशिक्षा, कम उम्र में विवाह।
- प्रभाव – कृषि व उद्योग पर दबाव, भूमि की कमी।
2. निर्धनता –
- न्यूनतम आवश्यकताएँ (भोजन, वस्त्र, मकान) पूरी न होना।
- गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों की दशा सुधारना सरकार का कार्य।
3. बेरोजगारी –
- काम चाहने पर भी न मिलना।
- कारण – धीमा आर्थिक विकास, बढ़ती जनसंख्या।
- शिक्षित बेरोजगारी भी समस्या।
- 2005 – ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (100 दिन का रोजगार)।
4. मूल्यवृद्धि –
- वस्तुओं के दाम लगातार बढ़ना।
- थोक व उपभोक्ता मूल्य सूचकांक से मापन।
- अनियंत्रित मूल्यवृद्धि से निर्धन वर्ग पर सबसे अधिक असर।
5. भ्रष्टाचार –
- रिश्वत व कर चोरी।
- आर्थिक असमानता बढ़ती है।
- चुनावों में खर्च और लालच कारण।
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