1. गांधीजी का प्रवेश और नई राजनीति
- 1919 ई. के बाद गांधीजी ने राष्ट्रीय आंदोलन को नया स्वरूप दिया।
- उनके नेतृत्व में कई आंदोलन हुए।
2. रौलेट एक्ट (1919)
1. उद्देश्य – क्रांतिकारियों को दबाना और राष्ट्रीय भावना को कुचलना।
2. सरकार को अधिकार –
- बिना मुकदमा चलाए बंदी बनाना।
- बिना वारंट तलाशी और गिरफ्तारी।
3. विरोध में 6 अप्रैल 1919 को राष्ट्रीय अपमान दिवस मनाया गया।
3. जलियांवाला बाग हत्याकांड (13 अप्रैल 1919)
- पंजाब में डॉ. सत्यपाल और डॉ. किचलू की गिरफ्तारी से आक्रोश।
- वैशाखी के दिन सभा में 10,000 लोग उपस्थित।
- जनरल डायर ने बिना चेतावनी भीड़ पर गोलियाँ चलवाईं।
- हजारों लोग मारे गए और घायल हुए।
- डायर को हटाया गया लेकिन उसकी निंदा नहीं हुई।
4. खिलाफत आंदोलन (1919)
- प्रथम विश्व युद्ध में तुर्की की हार और खलीफा को हटाने का विरोध।
- भारत के मुसलमानों ने अंग्रेजों की खिलाफत की।
- नेतृत्व – मोहम्मद अली, शौकत अली, मौलाना आजाद।
- गांधीजी और कांग्रेस ने सहयोग किया।
5. असहयोग आंदोलन (1920 – 1922)
कारण :
- अंग्रेजों के वादाखिलाफी।
- रौलेट एक्ट।
- जलियांवाला बाग हत्याकांड।
- आर्थिक संकट, बेरोजगारी।
- खिलाफत प्रश्न।
कार्यक्रम :
(क) बहिष्कार पक्ष
- सरकारी पद, स्कूल-कॉलेज, न्यायालय, कर, विदेशी वस्त्रों का बहिष्कार।
(ख) रचनात्मक पक्ष
- राष्ट्रीय विद्यालय, पंचायतें, सत्य-अहिंसा पर बल।
- चरखे का प्रोत्साहन।
- स्वयंसेवकों की भर्ती।
6. स्वराज दल (1923)
1. गठन – असहयोग आंदोलन के स्थगन के बाद।
2. नेता – चितरंजन दास (अध्यक्ष), मोतीलाल नेहरू।
उद्देश्य –
- स्वराज्य प्राप्त करना।
- सरकारी कामों में बाधा डालना।
- कौंसिल में प्रवेश कर विरोध करना।
3. उपलब्धियाँ – सरकार के कार्यों में रुकावटें डालीं, लेकिन 1926 के बाद कमजोर पड़ गया।
7. साइमन कमीशन (1927)
- अध्यक्ष – सर जॉन साइमन।
- सभी सदस्य अंग्रेज थे, कोई भारतीय नहीं।
- पूरे देश में विरोध – “साइमन गो बैक”।
- लाला लाजपत राय पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया, जिससे उनकी मृत्यु हो गई।
8. लाहौर अधिवेशन (1929)
- अध्यक्ष – जवाहरलाल नेहरू।
- पूर्ण स्वराज्य (पूर्ण स्वतंत्रता) का प्रस्ताव पारित।
- गांधीजी को नया आंदोलन चलाने का अधिकार मिला।
9. सविनय अवज्ञा आंदोलन (1930 – 1934)
- कारण – नमक कर बढ़ा, गरीबों के लिए कठिनाई।
- गांधीजी ने 12 मार्च 1930 को दांडी यात्रा शुरू की (78 साथी)।
- 6 अप्रैल 1930 को दांडी में नमक बनाकर कानून तोड़ा।
- पूरे देश में आंदोलन फैल गया।
- महिलाओं की बड़ी भागीदारी रही।
- हजारों लोग जेल गए।
गांधी-इरविन समझौता (1931) – आंदोलन स्थगित, गांधीजी लंदन गोलमेज सम्मेलन में गए।
10. साम्प्रदायिक पंचाट (1932)
- प्रधानमंत्री मैक्डोनाल्ड की घोषणा – हरिजनों के लिए अलग निर्वाचक मंडल।
- गांधीजी ने इसका विरोध किया और 21 दिन का उपवास किया।
- पूना पैक्ट के माध्यम से समाधान हुआ।
11. प्रांतीय सरकारें (1937)
- 1935 के एक्ट के अनुसार चुनाव हुए।
- 11 में से 7 प्रांतों में कांग्रेस की सरकार बनी।
12. द्वितीय विश्व युद्ध और भारत
- 1939 में ब्रिटेन ने भारत को बिना पूछे युद्ध में झोंक दिया।
- विरोध में कांग्रेस मंत्रिमंडल ने इस्तीफा दिया।
13. अगस्त प्रस्ताव (1940)
- वायसराय लार्ड लिनलिथगो द्वारा।
- युद्ध के बाद औपनिवेशिक स्वराज्य देने का आश्वासन।
14. पाकिस्तान प्रस्ताव (1940)
- मुस्लिम लीग का अधिवेशन लाहौर में।
- अलग मुस्लिम राष्ट्र की मांग।
15. क्रिप्स मिशन (1942)
- उद्देश्य – भारत का सहयोग लेना।
- प्रस्ताव – युद्ध के बाद अधिराज्य का दर्जा और संविधान सभा।
- सभी दलों ने अस्वीकार कर दिया।
16. भारत छोड़ो आंदोलन (1942)
- 8 अगस्त 1942, मुंबई में कांग्रेस अधिवेशन।
- गांधीजी का नारा – “करो या मरो” (Do or Die)।
- 9 अगस्त को गांधीजी सहित सभी बड़े नेता गिरफ्तार।
- आंदोलन हिंसक रूप लेने लगा – रेल पटरियाँ, सरकारी संपत्ति नष्ट।
- बलिया और सतारा जैसे स्थान आज़ाद हुए।
- भीषण दमन से आंदोलन दबा दिया गया।
17. स्वतंत्रता और विभाजन (1947)
- 1946 – कैबिनेट मिशन, अंतरिम सरकार बनी।
- 20 फरवरी 1947 – माउंटबेटन वायसराय बने।
- माउंटबेटन योजना – भारत-पाकिस्तान विभाजन।
- 15 अगस्त 1947 – भारत स्वतंत्र।
- पं. जवाहरलाल नेहरू प्रथम प्रधानमंत्री बने।
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