1. संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना
1.कब: 24 अक्टूबर 1945 को।
2.क्यों: द्वितीय विश्व युद्ध (1939-1945) के बाद विश्व शांति बनाए रखने और भविष्य में युद्ध रोकने के लिए। यह युद्ध बहुत विनाशकारी था, जिसमें परमाणु बम तक का उपयोग हुआ।
3.ऐतिहासिक पृष्ठभूमि:
- प्रथम विश्व युद्ध के बाद 1920 में लीग ऑफ नेशन्स बनाया गया, लेकिन यह द्वितीय विश्व युद्ध को रोकने में असफल रहा।
- 1943 में अमेरिका, सोवियत संघ, और ब्रिटेन ने विश्व शांति के लिए एक संगठन बनाने की बात शुरू की।
- 1944 में डम्बर्टन ऑक्स में संगठन का प्रस्ताव तैयार हुआ।
- 1945 में सैन फ्रांसिस्को में 50 देशों ने संयुक्त राष्ट्र चार्टर बनाया, जिस पर 51 देशों (भारत सहित) ने हस्ताक्षर किए।
4.मुख्यालय: न्यूयॉर्क।
5.सदस्य देश: वर्तमान में 196 देश।
6.संयुक्त राष्ट्र दिवस: 24 अक्टूबर को मनाया जाता है।
2. संयुक्त राष्ट्र संघ के उद्देश्य
- विश्व में शांति और सुरक्षा बनाए रखना।
- देशों के बीच मैत्रीपूर्ण संबंध बनाना, समान मानव अधिकार और आत्म-निर्णय को बढ़ावा देना।
- आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और मानवीय समस्याओं को शांतिपूर्ण ढंग से हल करना।
- विभिन्न देशों के कार्यों में सामंजस्य स्थापित करने के लिए एक केंद्र के रूप में कार्य करना।
मुख्य लक्ष्य: युद्ध की भयावहता से मानवता को बचाना और विश्व शांति स्थापित करना। भारत का संविधान इन उद्देश्यों का समर्थन करता है।
3. संयुक्त राष्ट्र संघ की सदस्यता
- प्रारंभिक सदस्य: 51 देश जो सैन फ्रांसिस्को सम्मेलन में शामिल थे और चार्टर पर हस्ताक्षर किए (भारत सहित)।
- नए सदस्य: शांतिप्रिय देश जो अंतरराष्ट्रीय जिम्मेदारियों को निभाने की इच्छा रखते हैं, उन्हें महासभा और सुरक्षा परिषद की सिफारिश पर सदस्यता मिलती है।
4. संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रमुख अंग
1.महासभा:
- सभी सदस्य देश शामिल, प्रत्येक को एक वोट।
- वर्ष में एक बार बैठक, महत्वपूर्ण मुद्दों पर सिफारिशें देती है।
- दो-तिहाई बहुमत से निर्णय लेती है।
2.सुरक्षा परिषद:
- विश्व शांति और सुरक्षा की जिम्मेदारी।
- 15 सदस्य: 5 स्थायी (अमेरिका, रूस, चीन, ब्रिटेन, फ्रांस) और 10 अस्थायी (2 साल के लिए चुने जाते हैं)।
3.आर्थिक और सामाजिक परिषद:
- 54 सदस्य, 18 सदस्य हर साल 3 साल के लिए चुने जाते हैं।
- सामाजिक, आर्थिक, स्वास्थ्य, बाल और महिला कल्याण के लिए काम।
- मानव अधिकारों को बिना भेदभाव बढ़ावा देना।
4.न्यास परिषद:
- विदेशी शासन से प्रदेशों को स्वतंत्र कराने में मदद।
- अधिकांश प्रदेश (जैसे नामीबिया) अब स्वतंत्र।
5.अंतरराष्ट्रीय न्यायालय:
- 15 न्यायाधीश, 9 साल के लिए चुने जाते हैं।
- देशों के बीच विवादों का निर्णय और संगठनों को परामर्श।
- इसे विश्व अदालत भी कहते हैं।
6.सचिवालय:
- रोजमर्रा के कार्य संभालता है।
- महासचिव: सर्वोच्च अधिकारी, सुरक्षा परिषद की सिफारिश पर महासभा द्वारा नियुक्त।
- वर्तमान महासचिव: बान की-मून (दक्षिण कोरिया)।
- शांति भंग करने वाले मुद्दों पर ध्यान दिलाता है।
5. संयुक्त राष्ट्र की विशेष संस्थाएँ
1.यूनेस्को (UNESCO):
- स्थापना: 1946, मुख्यालय: पेरिस।
- शिक्षा, विज्ञान और संस्कृति में सहयोग को बढ़ावा देना।
2.विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO):
- स्थापना: 1948।
- शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य सुधार।
3.यूनिसेफ (UNICEF):
- स्थापना: 1946।
- बच्चों को स्वास्थ्य, पोषण और शिक्षा में सहायता, बिना भेदभाव।
4.अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO):
- स्थापना: 1946।
- सामाजिक न्याय और श्रमिकों की स्थिति में सुधार।
5.खाद्य और कृषि संगठन (FAO):
- स्थापना: 1945।
- भूखमरी, कुपोषण और गरीबी के खिलाफ काम।
6.अन्य संस्थाएँ: अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF), विश्व बैंक (WB), विश्व डाक शक्ति संगठन (WPU), अंतरराष्ट्रीय अणु शक्ति संगठन (IAEA)।
6. संयुक्त राष्ट्र की उपलब्धियाँ
- कई युद्धों (कश्मीर, कांगो, साइप्रस, यमन, गल्फ युद्ध) को रोकने में मदद।
- देशों (जैसे नामीबिया) को स्वतंत्र कराने में सहायता।
- मानव अधिकार, पर्यावरण और समुद्र तल के संसाधनों की रक्षा।
- परमाणु हथियारों की दौड़ रोकने का प्रयास।
- विकासशील देशों (खासकर भारत) के सामाजिक-आर्थिक विकास में योगदान।
- बच्चों के स्वास्थ्य और शिक्षा में सुधार।
7. भारत और संयुक्त राष्ट्र
1.समर्थन: भारत शुरू से ही संयुक्त राष्ट्र का समर्थक रहा, इसे शांति और समृद्धि का साधन माना।
2.स्वतंत्रता आंदोलन: भारत ने इंडोनेशिया, लीबिया, ट्यूनीशिया, घाना, मोरक्को, अलजीरिया की स्वतंत्रता का समर्थन किया।
3.रंगभेद विरोध: दक्षिण अफ्रीका की रंगभेद नीति का विरोध।
4.शांति मिशन में योगदान:
- कोरिया युद्ध में चिकित्सा दल भेजा।
- गाजा में सबसे बड़ा सैन्य दल भेजा।
- साइप्रस में पहले दो सेनापति भारतीय।
- कांगो में बड़ा सैन्य दल भेजकर संकट खत्म करने में मदद।
5.निःशस्त्रीकरण: भारत परमाणु हथियारों के उन्मूलन और शांतिपूर्ण उपयोग का समर्थक।
6.आर्थिक असमानता: भारत ने व्यापार और विकास सम्मेलनों में योगदान दिया।
7.सदस्यता: भारत सुरक्षा परिषद का 5 बार, न्यास परिषद का 12 साल, आर्थिक-सामाजिक परिषद का 20 साल सदस्य रहा। अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में भी भारतीय अध्यक्ष रहा।
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