1. परिचय
- आस्ट्रेलिया विश्व का सबसे छोटा महाद्वीप है, जो दक्षिणी गोलार्ध में हिन्द महासागर और प्रशांत महासागर में स्थित है।
- इसे द्वीपीय महाद्वीप भी कहते हैं, क्योंकि यह एकमात्र ऐसा देश है जो पूरे महाद्वीप पर फैला है।
- क्षेत्रफल: 7,686,850 वर्ग किलोमीटर।
- आस्ट्रेलिया, तस्मानिया, न्यूजीलैंड और आसपास के द्वीपों को मिलाकर ओसेनिया के नाम से जाना जाता है।
- मुख्य देश: आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, पापुआ न्यूगिनी, फिजी।
2. स्थिति और विस्तार
आक्षांशीय विस्तार: 10° दक्षिण अक्षांश से 39° दक्षिण अक्षांश।
देशान्तरीय विस्तार: 113° पूर्वी देशान्तर से 153° पूर्वी देशान्तर।
मकर रेखा इसके मध्य से गुजरती है।
चारों ओर से महासागरों से घिरा हुआ:
- पूर्व: कोरल सागर, प्रशांत महासागर, तस्मान सागर।
- उत्तर: न्यूगिनी द्वीप, कारपेन्ट्रिया की खाड़ी, तिमोर सागर, अराफरा सागर।
- दक्षिण-पश्चिम: हिन्द महासागर।
- दक्षिण-पूर्व: तस्मानिया द्वीप, न्यूजीलैंड, फिजी।
विस्तार:
- उत्तर से दक्षिण: 3200 किमी।
- पश्चिम से पूर्व: 3900 किमी।
3. धरातलीय स्वरूप
आस्ट्रेलिया के भू-भाग को चार भागों में बांटा गया है:
1.प्राचीन पठार:
- यह महाद्वीप का सबसे बड़ा हिस्सा है, जो दो-तिहाई भाग में फैला है।
- उत्तर से दक्षिण तक फैला हुआ, पुरानी चट्टानों से बना।
- इसमें सोने की खानें प्रसिद्ध हैं।
2.मध्यवर्ती निम्न भूमि:
- प्राचीन पठार और पूर्वी पर्वत श्रृंखलाओं के बीच का मैदान।
- उत्तर में कारपेन्ट्रिया की खाड़ी से दक्षिण तट तक फैला।
- इसमें कई नदियां, छोटी झीलें, झरने और सहायक नदियां हैं।
- मर्रे और डार्लिंग प्रमुख नदियां हैं, जो समुद्र में गिरती हैं।
- दक्षिण-पूर्व में आटिजियन बेसिन है, जहां पाताल तोड़ कुओं से जल मिलता है, जिससे पशुपालन विकसित हुआ।
3.पूर्वी पर्वत श्रृंखलाएं:
- पूर्वी तट पर केपयार्क प्रायद्वीप से तस्मानिया तक फैली।
- इसे ग्रेट डिवाइडिंग रेंज कहते हैं।
- दक्षिण में ये श्रृंखलाएं संकरी और ऊंची हैं।
- कोशियुस्को (2230 मीटर) सबसे ऊंचा पर्वत शिखर है।
4.तटीय मैदान:
- महाद्वीप के चारों ओर संकरे तटीय मैदान हैं।
- यहां समुद्री रेत और नदियों के मुहाने पर जलोढ़ मिट्टी पाई जाती है।
उत्तर-पूर्वी तट पर ग्रेट बैरियर रीफ (1920 किमी लंबी प्रवाल भित्ति) है, जो प्रवाल जीवों के अस्थि-पंजरों से बनी है।
4. जलवायु
आस्ट्रेलिया दक्षिणी गोलार्ध में है, इसलिए यहां की ऋतुएं उत्तरी गोलार्ध (जैसे भारत) के विपरीत होती हैं।
जब भारत में ग्रीष्म ऋतु होती है, आस्ट्रेलिया में शीत ऋतु होती है।
22 दिसंबर को सूर्य की किरणें मकर रेखा पर सीधी पड़ती हैं:
- भारत: शीत ऋतु।
- आस्ट्रेलिया: ग्रीष्म ऋतु।
वर्षा:
- पूर्वी तट: दक्षिणी-पूर्वी व्यापारिक हवाओं से अधिक वर्षा।
- पश्चिमी और मध्य भाग: शुष्क, क्योंकि कोई ऊंचा पर्वत हवाओं को रोककर वर्षा नहीं कराता। यहां विशाल मरुस्थल हैं।
- उत्तरी तट: मानसूनी हवाओं से वर्षा।
- दक्षिणी तट और तस्मानिया: पछुआ हवाओं से वर्षा।
5. वनस्पति
वनस्पति का प्रकार जलवायु और वर्षा पर निर्भर करता है।
तटीय क्षेत्र (अधिक वर्षा): बड़े वृक्ष और घने जंगल।
- उत्तरी और उत्तर-पूर्वी क्षेत्र: उष्ण कटिबंधी वन (देवदार, ताड़, बांस, बाओबाब, बोतल वृक्ष)।
- दक्षिण-पश्चिम, दक्षिण-पूर्व और तस्मानिया: शीतोष्ण वन, मुख्य रूप से यूकेलिप्टस (500+ प्रजातियां)।
पश्चिमी और मध्यवर्ती शुष्क क्षेत्र: कटीली झाड़ियां और घास।
मध्यवर्ती क्षेत्र:
- उत्तरी क्षेत्र: उष्ण कटिबंधी घास भूमि।
- मर्रे-डार्लिंग बेसिन: शीतोष्ण घास भूमि, जिसे डाउन्स कहते हैं।
6. जीव-जंतु
- कंगारू: आस्ट्रेलिया का प्रतीक जंतु, डाउन्स क्षेत्र में बहुतायत में।
- कोआला: यूकेलिप्टस के पेड़ों पर रहता है और इसकी पत्तियां खाता है।
- ऐमू: बड़ा पक्षी, उड़ नहीं सकता, लेकिन तेज दौड़ता है।
- कोकाबर्रा: विचित्र हंसी के कारण इसे ‘लाफिंग जैकाल’ कहते हैं।
- लायर बर्ड: दुनिया के सबसे सुंदर पक्षियों में से एक।
- कीवी: न्यूजीलैंड का राष्ट्रीय पक्षी, उड़ नहीं सकता, तेज दौड़ता है।
- पेंग्विन: न्यूजीलैंड में पाया जाता है।
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