1. अंटार्कटिका की स्थिति
- अंटार्कटिका पृथ्वी का सबसे दक्षिणी महाद्वीप है, जो दक्षिणी ध्रुव के पास ग्लोब के निचले हिस्से में स्थित है।
- यह पूरी तरह दक्षिणी गोलार्ध में है और दक्षिणी ध्रुव इसके लगभग केंद्र में है।
- इसका अक्षांशीय विस्तार 66½° दक्षिण से 90° दक्षिणी ध्रुव तक है।
- क्षेत्रफल: 1 करोड़ 30 लाख वर्ग किमी, जो इसे विश्व का पाँचवाँ सबसे बड़ा महाद्वीप बनाता है।
- यह दक्षिणी महासागर से घिरा हुआ है।
2. अंटार्कटिका की खोज
- अंटार्कटिका की खोज 1820 में हुई, लेकिन वास्तविक अनुसंधान 20वीं सदी में शुरू हुआ।
- कप्तान कुक ने बताया कि दक्षिणी सागरों में सील और व्हेल मछलियाँ बहुत हैं, जिससे मछुआरे आकर्षित हुए।
- 1910 में ब्रिटिश नौसेना के कप्तान रॉबर्ट फैल्कन स्कॉट दक्षिणी ध्रुव की खोज के लिए गए और 1912 में वहाँ पहुँचे।
- लेकिन नार्वे के रोआल्द आमुन्सेन 20 अक्टूबर 1911 को पहले दक्षिणी ध्रुव पर पहुँचे और वहाँ नार्वे का झंडा लगाया।
- स्कॉट और उनके साथी लौटते समय ठंड से मारे गए।
- भारतीय वैज्ञानिकों ने भी अंटार्कटिका की यात्रा की और एक समुद्री पर्वत की खोज की, जिसका नाम इंदिरा रखा।
3. भौतिक संरचना और जलवायु
- अंटार्कटिका लगभग पूरी तरह बर्फ से ढका रहता है, इसलिए इसे श्वेत महाद्वीप कहते हैं।
- 98% भाग पर बर्फ की मोटाई 2 से 5 किमी तक है, जिससे यह सबसे ठंडा और वीरान महाद्वीप है।
- क्वीन मॉड पर्वत श्रृंखला इसे दो हिस्सों में बाँटती है: पश्चिमी भाग (वेडेला) और पूर्वी भाग (रॉस आइलैंड)।
- विन्सन मासिफ (एल्सवर्थ पर्वत, 4897 मीटर) यहाँ की सबसे ऊँची चोटी है।
- एबुर्स शिखर एकमात्र सक्रिय ज्वालामुखी है।
- यहाँ 70 से अधिक झीलें हैं, जो बर्फ के नीचे हैं; वोसटोक झील सबसे बड़ी है।
- बर्फ छत्रक: छोटा क्षेत्र जो हमेशा बर्फ से ढका रहता है।
- बर्फ की चादर: बड़ा क्षेत्र जो मोटी बर्फ से ढका रहता है।
- हिम शैल: समुद्र में तैरते बर्फ के बड़े टुकड़े, जिनकी ऊँचाई समुद्र तल से कम से कम 5 मीटर होती है।
- जलवायु बहुत कठोर है; शीत ऋतु में तापमान -85°C से -90°C और ग्रीष्म में -60°C तक होता है।
- पूर्वी अंटार्कटिका पश्चिमी से अधिक ठंडा है।
- बहुत कम वर्षा होती है, इसलिए इसे ठंडा मरुस्थल भी कहते हैं।
- ग्रीष्म ऋतु (नवंबर-फरवरी): सूर्य नहीं डूबता।
- शीत ऋतु (मई-अगस्त): सूर्य नहीं उगता।
- ऑरोरा आस्ट्रेलिस (दक्षिणी रोशनी): सौर और कॉस्मिक विकिरण से रंगीन रोशनी दिखती है।
4. वनस्पति और जीव-जंतु
- ठंडी जलवायु, कम वर्षा, और सूर्य प्रकाश की कमी के कारण वनस्पति बहुत कम है।
- लिचेन (200+ प्रजातियाँ), शैवाल, और कवक यहाँ की मुख्य वनस्पति हैं, जो गर्मियों में कुछ हफ्तों तक उगती हैं।
- भूभाग पर सूक्ष्म अकशेरुकी जीव हैं।
- समुद्री जीव: पेंग्विन, नीली व्हेल, फर सील, एल्बेस्ट्रास, और क्रिल मछली।
- क्रिल मछली: झुंड में रहती है, व्हेल, सील, और पेंग्विन का भोजन है। इससे मॉस, किल पेस्ट, और प्रोटीन बनता है।
- फर सील, व्हेल, क्रिल, और टूथफिश के शिकार पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध है, क्योंकि अवैध शिकार से इनके विलुप्त होने का खतरा था।
5. संसाधन
- बर्फ के नीचे कोयला, लौह अयस्क, और ताँबा के भंडार मिले हैं, लेकिन कठिनाइयों के कारण इनका व्यावसायिक उपयोग नहीं हो सका।
- विश्व का 90% मीठा पानी अंटार्कटिका में बर्फ के रूप में संचित है।
- यह महाद्वीप वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए महत्वपूर्ण है, इसलिए इसे विज्ञान के लिए समर्पित महाद्वीप कहते हैं।
- यहाँ विशेष आवास गृह बने हैं, जो कठोर जलवायु और तूफानों का सामना कर सकते हैं।
- वैज्ञानिकों के लिए विशेष वस्त्र, डिब्बाबंद भोजन, स्टोव, और मोटर गाड़ियाँ/वायुयान द्वारा सामान लाया जाता है।
6. अंटार्कटिका में भारतीय वैज्ञानिक
- 1982 से 2006 तक भारतीय दल कई बार अंटार्कटिका गए।
- 1982 में दक्षिण गंगोत्री नामक पहला मानवरहित केंद्र स्थापित किया।
- 1988-89 में मैत्री केंद्र (मानवयुक्त) की स्थापना की, जो दक्षिण गंगोत्री से 70 किमी दूर है।
- भारतीय दल ने रास्ते में एक समुद्री पर्वत खोजा, जिसका नाम इंदिरा रखा।
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