1. राष्ट्रीय एकीकरण क्या है?
- राष्ट्र केवल राज्य या जाति नहीं है, बल्कि एक भावात्मक इकाई है।
- राष्ट्रीय एकीकरण का अर्थ है – जाति, पंथ, भाषा, क्षेत्र का भेदभाव किए बिना नागरिकों में समानता और सुख-दुख की साझेदारी की भावना।
- यह नागरिकों के विचार, व्यवहार और संकल्प से उत्पन्न होता है।
- प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है कि वह राष्ट्रीय एकता को कमजोर करने वाली शक्तियों का विरोध करे।
2. ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
- प्राचीन भारत में राष्ट्रीय एकीकरण की कोई समस्या नहीं थी।
- बाहर से आए लोग भारत में बस गए और भारतीय संस्कृति का हिस्सा बन गए।
- भारतीय संस्कृति किसी एक पंथ की नहीं, बल्कि पूरे भारत की संस्कृति है।
- चारों धामों की यात्राएँ और महाकुंभ जैसे आयोजन राष्ट्रीय एकता को मजबूत करते रहे।
3. राष्ट्रीय एकीकरण का स्वरूप
- एकरूपता पर आधारित – भाषा, रहन-सहन, रीति-रिवाज, पंथ समान होना।
- बहुरूपता के बावजूद एकता – अलग-अलग भाषा, रीति-रिवाज और पंथ होते हुए भी राष्ट्रीय हितों पर समान दृष्टिकोण।
- भारत में दूसरा स्वरूप देखने को मिलता है जिसे “अनेकता में एकता” कहते हैं।
- भारत में 22 भाषाएँ मान्यता प्राप्त हैं और लगभग सभी प्रमुख धर्म पाए जाते हैं।
4. राष्ट्रीय एकीकरण में सहायक तत्व
- लोकतंत्र – जनता अपने प्रतिनिधि चुनती है।
- मौलिक अधिकार – सभी नागरिकों को समान अधिकार, स्वतंत्रता, सामाजिक न्याय।
- मौलिक कर्तव्य – संविधान, ध्वज, राष्ट्रगान का आदर, राष्ट्रीय एकता की रक्षा।
- एकीकृत न्याय व्यवस्था – पूरे देश में समान न्याय प्रणाली।
- पंथनिरपेक्षता – सभी धर्मों को समान स्वतंत्रता।
- राष्ट्रीय प्रतीक चिह्न और पर्व – तिरंगा, जनगणमन, वंदेमातरम्, अशोक चिह्न, स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस, गांधी जयंती।
- पर्यटन – लोगों को जोड़ता है और आपसी समझ बढ़ाता है।
5. राष्ट्रीय एकीकरण में बाधक तत्व
- साम्प्रदायिकता – अपने धर्म को श्रेष्ठ और दूसरों को हीन समझना।
- 1947 के विभाजन और दंगों का कारण।
- भाषावाद – अपनी भाषा को राष्ट्रहित से ऊपर रखना, अन्य भाषाओं के प्रति संकीर्ण दृष्टिकोण।
- जातिवाद – जन्म पर आधारित जाति-प्रथा, भेदभाव, शोषण।
- सुधारक: रामानंद, कबीर, चैतन्य, राजाराम मोहन राय, विद्यासागर, दयानंद सरस्वती, गांधीजी, डॉ. भीमराव अंबेडकर।
- आतंकवाद – भय और हिंसा से विचार मनवाने का प्रयास, लोकतंत्र और मानवता के लिए अपराध।
- पृथकतावाद – अलग राज्य की मांग, बाहरी ताकतों द्वारा भड़काई जाने वाली प्रवृत्ति।
6. निष्कर्ष
- भारत फूलों की माला की तरह है जिसमें विभिन्न रंग और खुशबू वाले फूल एक धागे में पिरोए गए हैं।
- “अनेकता में एकता” ही भारत की शक्ति है।
- राष्ट्रीयता की भावना भारत को एक समृद्ध और शक्तिशाली राष्ट्र बनाती है।
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