1. विद्युत का महत्व
- विद्युत हमारे जीवन का महत्वपूर्ण भाग है।
- घर, स्कूल, अस्पताल, उद्योग, बस, ट्रेन, हवाई जहाज, जहाज, रेडियो, टीवी, कम्प्यूटर आदि सभी विद्युत पर निर्भर हैं।
- विद्युत ऊर्जा का एक रूप है।
2. आवेश (Charge)
आवेश दो प्रकार के होते हैं :
- धन आवेश (Positive charge)
- ऋण आवेश (Negative charge)
- यदि किसी वस्तु की सतह पर इलेक्ट्रॉनों की अधिकता हो → वह ऋण आवेशित कहलाती है।
- यदि इलेक्ट्रॉनों की कमी हो → वह धन आवेशित कहलाती है।
- हल्की वस्तुओं को आकर्षित करने की क्षमता को स्थिर वैद्युत कहते हैं।
3. विद्युतधारा (Electric Current)
- जब आवेश एक स्थान से दूसरे स्थान की ओर प्रवाहित होते हैं तो उसे विद्युतधारा कहते हैं।
- परिभाषा – एकांक समय में प्रवाहित आवेश को विद्युतधारा कहते हैं।
- विद्युतधारा की दिशा = इलेक्ट्रॉन प्रवाह की विपरीत दिशा।
4. विद्युतधारा के स्रोत
- सेल (Cell)
- विद्युत जनित्र (Generator)
- पवन चक्की (Wind Mill)
- रासायनिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में बदलने की युक्ति = विद्युत सेल।
5. विद्युत सेल (Cell)
- संरचना – इसमें दो इलेक्ट्रोड (धातु की छड़ें) और एक द्रव (विद्युत अपघट्य) होता है।
- कार्यविधि –
- ऋण आवेश कैथोड पर इकट्ठे होते हैं।
- धन आवेश एनोड पर इकट्ठे होते हैं।
- जब इलेक्ट्रोड को तार से जोड़ते हैं तो धारा प्रवाहित होती है।
6. सेलों के प्रकार
1. प्राथमिक सेल (Primary Cell)
- पुनः चार्ज नहीं किए जा सकते।
- उदाहरण : वोल्टीय सेल, डेनियल सेल, शुष्क सेल, बटन सेल।
2. द्वितीयक सेल (Secondary Cell)
- पुनः चार्ज किए जा सकते हैं।
- उदाहरण : सीसा संचायक सेल (Lead accumulator)।
7. प्रमुख सेल
1. वोल्टीय सेल
- ताँबे व जस्ते की छड़, तनु सल्फ्यूरिक अम्ल।
- दोष – अधिक समय तक धारा नहीं देता, ले जाना कठिन।
2.डेनियल सेल
- ताँबे का पात्र (कॉपर सल्फेट घोल) व जस्ते की छड़ (सल्फ्यूरिक अम्ल)।
- लाभ – अधिक समय तक स्थायी धारा देता।
- दोष – रखरखाव कठिन।
3.शुष्क सेल (Dry Cell)
- जस्ते का पात्र, अमोनियम क्लोराइड की लुगदी, कार्बन की छड़।
- उपयोग – टॉर्च, रेडियो, खिलौने।
- दोष – पुनः चार्ज नहीं किया जा सकता।
4.बटन सेल
- आकार में छोटा, घड़ी, कैमरा, कम्प्यूटर, खिलौनों में प्रयोग।
5.सीसा संचायक सेल (Lead Storage Cell)
- पुनः चार्ज योग्य।
- उपयोग – कार, बस, इन्वर्टर।
- दोष – महँगा, भारी, सल्फ्यूरिक अम्ल से खतरा।
6.सौर सेल (Solar Cell)
- सिलिकॉन पट्टिका सूर्य की ऊर्जा को विद्युत में बदलती है।
- उपयोग – उपग्रह, स्ट्रीट लाइट, कैलकुलेटर, टीवी, रेडियो।
8. विद्युत परिपथ (Electric Circuit)
- विद्युतधारा का प्रवाह जिस मार्ग से होता है = विद्युत परिपथ।
- खुला परिपथ – धारा प्रवाहित नहीं होती, बल्ब नहीं जलता।
- बन्द परिपथ – धारा प्रवाहित होती है, बल्ब जलता है।
9. विद्युत परिपथ के संकेत
- सेल
- बैटरी
- बल्ब
- कुंजी (On/Off switch)
- धारा प्रवाह की दिशा
10. चालक और कुचालक
चालक (Conductors) – जिनसे धारा आसानी से गुजरती है।
- उदाहरण : ताँबा, लोहा, एल्युमिनियम, ग्रेफाइट।
कुचालक (Insulators) – जिनसे धारा नहीं गुजरती।
- उदाहरण : लकड़ी, रबर, प्लास्टिक, शुद्ध जल।
11. महत्वपूर्ण तथ्य
- धारा प्रवाह इलेक्ट्रॉनों के कारण होता है।
- शुद्ध जल कुचालक है, पर अशुद्ध जल चालक होता है।
- इलेक्ट्रॉनों का प्रवाह ऋण से धन की ओर होता है जबकि धारा की दिशा धन से ऋण की ओर मानी जाती है।
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