1. ऊर्जा के प्रकार
- ऊर्जा के रूप – यांत्रिक, ऊष्मीय, विद्युत आदि।
- ऊर्जा न बनाई जा सकती है, न नष्ट; केवल एक रूप से दूसरे रूप में बदली जा सकती है।
- दैनिक कार्यों के लिए ऊर्जा आवश्यक है।
2. ऊर्जा के स्रोत
(अ) नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत (बार-बार मिलने वाले)
- पुनः प्राकृतिक क्रियाओं से उपलब्ध होते हैं।
- समाप्त नहीं होते।
- उदाहरण – सूर्य, पवन, जल, बायोगैस, जैव ऊर्जा आदि।
(ब) अनवीकरणीय ऊर्जा स्रोत (खत्म होने वाले)
- उपयोग के बाद पुनः प्राप्त नहीं होते।
- बनने में लाखों-करोड़ों साल लगते हैं।
- उदाहरण – कोयला, पेट्रोलियम, डीज़ल, रसोई गैस, केरोसीन आदि।
3. दहन और ज्वलन ताप
- ज्वलनशील पदार्थ: लकड़ी, पेट्रोल, कोयला आदि।
- अज्वलनशील पदार्थ: पत्थर, लोहा, ईंट आदि।
- दहन: पदार्थ का ऑक्सीजन की उपस्थिति में जलना।
- ज्वलन ताप: वह न्यूनतम ताप जिस पर पदार्थ जलना प्रारंभ करता है।
- पेट्रोल व रसोई गैस का ज्वलन ताप कम, लकड़ी और कोयले का अधिक होता है।
4. ईंधन
परिभाषा:
वे पदार्थ जिन्हें जलाकर ऊष्मा/ऊर्जा प्राप्त की जाए।
ईंधनों की गुणवत्ता उनके कैलोरीमान (ऊष्मीय मान) से मापी जाती है।
ईंधन के प्रकार
1. ठोस ईंधन – लकड़ी, कोयला, चारकोल, गोबर के कंडे।
कोयले से कोक, कोल गैस, कोलतार प्राप्त।
2.द्रव ईंधन – पेट्रोल, डीज़ल, केरोसीन।
पेट्रोलियम से प्राप्त, हाइड्रोकार्बन का मिश्रण।
3.गैसीय ईंधन – LPG, CNG, बायोगैस।
LPG (ब्यूटेन मिश्रण), CNG (मीथेन), बायोगैस (65% मीथेन)।
5. जीवाश्म ईंधन
परिभाषा: करोड़ों वर्षों पूर्व दबे हुए जीव-जंतुओं और वनस्पतियों से बने ईंधन।
उदाहरण: कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस।
अत्यधिक प्रयोग से शीघ्र समाप्त होने की संभावना।
6. वैकल्पिक ऊर्जा स्रोत
(अ) सौर ऊर्जा
- सूर्य से प्राप्त।
- उपकरण: सौर कुकर, सौर जल ऊष्मक, सौर लालटेन, सौर पैनल।
(ब) पवन ऊर्जा
- पवन चक्कियों से उपयोग।
- कार्य: अनाज पीसना, पानी खींचना, बिजली उत्पादन।
- अधिक ऊर्जा हेतु – पवन ऊर्जा फार्म।
(स) जल विद्युत
- बाँध में संग्रहित जल से टरबाइन घुमाकर बिजली उत्पादन।
- प्रमुख परियोजनाएँ – भाखड़ा नांगल, हीराकुंड, इंदिरा सागर।
(द) बायोगैस
- गोबर व कृषि अपशिष्ट से सूक्ष्मजीवों द्वारा ऑक्सीजन रहित वातावरण में।
- मुख्य अवयव – मीथेन (65%)।
- उपयोग – घरेलू ईंधन, प्रकाश व्यवस्था, इंजन चलाना।
(ई) नाभिकीय ऊर्जा
- परमाणु के विखंडन (यूरेनियम) या संलयन (हाइड्रोजन) से।
- संयंत्र – तारापुर, कोटा, कलपक्कम, नरोरा।
- उपयोग – बिजली उत्पादन, जहाज़ व पनडुब्बियाँ चलाना।
7. ऊर्जा खपत और संरक्षण
कारण: उद्योग, परिवहन, व्यक्तिगत वाहन, घरेलू उपकरण, जीवनशैली में बदलाव।
संरक्षण के उपाय:
- CFL/LED का उपयोग।
- उन्नत चूल्हे।
- बिजली उपकरणों की नियमित देखभाल।
- भोजन पकाने से पहले अनाज भिगोना व ढककर पकाना।
- आवश्यकता अनुसार ही ऊर्जा का उपयोग।
8. अग्निशमन
आग के लिए आवश्यक – ईंधन, ऑक्सीजन, ऊष्मा।
किसी एक कारक को हटाने पर आग नियंत्रित।
आग बुझाने के तरीके:
- पानी (पर पेट्रोल/डीज़ल की आग में नहीं)।
- रेत, कम्बल – वायु संपर्क रोकते हैं।
- CO₂ गैस और फोम – आग को ढक देते हैं।
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