कार्बन की उपस्थिति
- कार्बन एक अधातु है, संकेत – C।
- यह प्रकृति में स्वतंत्र रूप और यौगिक रूप दोनों में पाया जाता है।
कार्बन की उपस्थिति
- भू-पर्पटी में (0.03%)
- तत्व रूप में – हीरा, ग्रेफाइट, फुलरीन
- पौधों व जन्तुओं में – कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा
- भोज्य पदार्थों में – चावल, दाल, शक्कर आदि
- ईंधनों में – कोयला, पेट्रोलियम, CNG, बायोगैस
- खनिजों में – कार्बोनेट (संगमरमर, चूना पत्थर)
- वायुमंडल में – CO₂ गैस
- तारों के बीच आकाश में – फुलरीन
अपररूपता (Allotropy)
- जब कोई तत्व विभिन्न रूपों में पाया जाता है जिनके भौतिक गुण भिन्न लेकिन रासायनिक गुण समान हों तो इसे अपररूपता कहते हैं।
कार्बन के अपररूप:
- क्रिस्टलीय – हीरा, ग्रेफाइट, फुलरीन
- अक्रिस्टलीय – चारकोल, कोयला, कोक, काजल
हीरा (Diamond)
- संरचना: प्रत्येक कार्बन परमाणु चार अन्य कार्बन परमाणुओं से जुड़ा, चतुष्फलकीय संरचना।
गुण:
- सबसे कठोर प्राकृतिक पदार्थ
- रंगहीन, पारदर्शी, चमकदार
- उच्च घनत्व (3.5 gm/cm³)
- विद्युत का कुचालक, पर ऊष्मा का अच्छा चालक
- वायु में जलने पर CO₂ बनाता है
उपयोग:
- गहनों और रत्नों में
- काँच काटने और पत्थर छेदने वाले औजारों में
- नेत्र शल्यक्रिया में चाकू की नोक
- अंतरिक्ष यानों व संवेदनशील थर्मामीटरों में
ग्रेफाइट (Graphite)
- संरचना: कार्बन परमाणु षट्कोणीय परतों में, परतों के बीच कमजोर बंध → मुलायम व चिकना।
गुण:
- काला-भूरा ठोस
- मुलायम, अपारदर्शी
- घनत्व 1.9-2.3 gm/cm³
- विद्युत का सुचालक
- उच्च गलनांक (3700°C)
उपयोग:
- पेंसिल की लीड
- मशीनों में स्नेहक (Lubricant)
- शुष्क सेल व विद्युत भट्टियों में इलेक्ट्रोड
- काले पेंट, स्याही, एंटेना, टेनिस रैकेट बनाने में
फुलरीन (Fullerene)
- कार्बन का क्रिस्टलीय रूप।
- मूल संरचना C₆₀ (फुटबॉल जैसी आकृति)।
- भविष्य में उपयोग – अतिचालक, अर्द्धचालक, स्नेहक, उत्प्रेरक, तंतु आदि बनाने में।
अक्रिस्टलीय रूप
1. चारकोल (Charcoal) – लकड़ी, हड्डी या शक्कर से प्राप्त काला ठोस।
- उपयोग: ईंधन, गैस मास्क, पानी छानना, शक्कर उद्योग में शुद्धिकरण, धातु ऑक्साइड से धातु प्राप्ति।
2.कोक (Coke) – कोयले को वायु की अनुपस्थिति में गर्म करने से बनता है।
- उपयोग: ईंधन, धातु निकालने में, बिना धुआँ जलता है।
3.काजल (Soot/Carbon black) – तेल/ईंधन का अपूर्ण दहन।
- उपयोग: स्याही, काला पेंट, टायर, प्लास्टिक, कार्बन पेपर, जूते की पालिश।
कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂)
- वायुमंडल में 0.03%।
- प्रयोगशाला विधि:CaCO₃ + 2HCl → CaCl₂ + H₂O + CO₂↑
गुण:
- रंगहीन, गंधहीन गैस
- जल में घुलकर H₂CO₃ (कार्बोनिक अम्ल) बनाती है
- क्षारों से अभिक्रिया करके लवण बनाती है
- चूने के पानी को दूधिया करती है
विशेष रूप: ठोस CO₂ = शुष्क बर्फ (Dry Ice)
उपयोग:
- प्रकाश संश्लेषण में
- आग बुझाने वाले यंत्रों में
- शीतल पेय पदार्थों में
- पदार्थों को ठंडा रखने में
हाइड्रोकार्बन
- कार्बन + हाइड्रोजन से बने यौगिक।
- उदाहरण – मेथैन (CH₄), एथेन (C₂H₆), प्रोपेन (C₃H₈), ब्यूटेन (C₄H₁₀)।
मेथैन (CH₄)
- प्राकृतिक स्रोत: दलदली भूमि, कोयला खदान, प्राकृतिक गैस।
- प्रयोगशाला विधि:CH₃COONa + NaOH → CH₄ + Na₂CO₃
गुण:
- रंगहीन, गंधहीन गैस
- जल में अविलेय, वायु से हल्की
- नीली लौ के साथ जलती है → CO₂ + H₂O + ऊष्मा
उपयोग:
- घरेलू व औद्योगिक ईंधन
- CNG (Compressed Natural Gas)
- काजल बनाने में
- अनेक कार्बनिक यौगिकों के निर्माण में
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