सूक्ष्मजीव क्या हैं?
- बहुत छोटे जीव, नग्न आँखों से नहीं दिखते, सूक्ष्मदर्शी की आवश्यकता।
- एक या अधिक कोशिकाओं से बने।
- उपयोगी: खाद्य पदार्थ (दही), दवाइयाँ, रंग, रेशे।
- हानिकारक: कुछ बीमारियाँ फैलाते हैं।
सूक्ष्मजीवों का आवास
- हर जगह: हवा, मिट्टी, जल, भोजन, सड़ी-गली वस्तुएँ, मल, नमी वाले स्थान, बीमार प्राणी/पौधे।
- विशेष: कुछ सूक्ष्मजीव 10°C से 70°C तापमान पर जीवित रहते हैं, सिस्ट (कठोर आवरण) बनाते हैं।
- हमारे शरीर, कपड़े, बर्तन, धूल, गर्म झरने, और बर्फ में भी पाए जाते हैं।
क्रियाकलाप-1
- उद्देश्य: सूक्ष्मजीवों का अवलोकन।
- प्रक्रिया: रोटी पर पानी छिड़ककर डिब्बे में 4 दिन रखें।
- निष्कर्ष: रोटी पर हरे-स्लेटी कवक (फफूंद) उगते हैं।
सूक्ष्मजीवों के प्रकार
- शैवाल
- जीवाणु
- कवक
- प्रोटोजोआ
- विषाणु (वायरस)
1. शैवाल
नीली-हरी शैवाल (सायनोबैक्टीरिया)
- विवरण: एक/बहुकोशिकीय, रुके पानी में फिसलन बनाते हैं।
- लक्षण: नीला-हरा रंग, थैलस (तन्तुवत), म्यूसीलेज आवरण, केन्द्रक अस्पष्ट।
- उदाहरण: एनाबीना, नास्टॉक, ऑसीलेटोरिया।
- लाभ: नाइट्रोजन स्थिरीकरण, जैविक खाद।
- हानि: जल प्रदूषण, तालाब के जीव/पौधों को नुकसान।
स्वर्ण शैवाल (डायटम्स)
- विवरण: समुद्री/स्वच्छ जल में, सुनहरे-भूरे, चमकदार।
- लक्षण: कोशिका में सिलिका, डिब्बे जैसी रचना।
- उदाहरण: नेवीकुला, पेनुलेरिया।
- लाभ: समुद्री जीवों का भोजन, टूथपेस्ट, तापरोधी ईंटें, पेंट।
2. जीवाणु (बैक्टीरिया)
- विवरण: एक कोशिकीय, गोल/दण्डाकार/सर्पाकार, तेजी से द्विखण्डन।
- संरचना: कोशिका भित्ति, जीव द्रव्य, फ्लैजिला (गति के लिए)।
- लाभ: दही, प्रतिजैविक दवाइयाँ, किण्वन, खाद, एल्कोहल/सिरका।
- हानि: रोग (निमोनिया, टी.बी., हैजा), पौधों में रोग, भोजन विषैला करना।
3. कवक (फफूंद)
- विवरण: भोजन, अचार, चमड़े पर उगते हैं, छाता जैसी रचना।
- संरचना: थैलस (धागे जैसे तन्तु), जाल रचना, सुविकसित केन्द्रक।
- लाभ: खमीर (जलेबी, डोसा), पेनीसिलीन, मशरूम, रंग।
- हानि: रोग (आलू का वार्ट, त्वचीय रोग)।
4. प्रोटोजोआ
- विवरण: एक कोशिकीय, जल, मिट्टी, जीवों के शरीर में।
- संरचना: जन्तु कोशिका जैसी, प्रचलन अंग (फ्लैजिला, सिलिया, कूटपाद)।
- उदाहरण: अमीबा, पैरामीशियम, युग्लीना।
- हानि: रोग (मलेरिया, पेचिस, निद्रा रोग)।
5. विषाणु (वायरस)
- विवरण: जीवित-अजीवित लक्षण, कोशिका में ही जीवित।
- संरचना: प्रोटीन आवरण, DNA/RNA।
- उदाहरण: सर्दी, पोलियो, तम्बाकू का मौजेक।
- विशेष: गंगा के जल में बैक्टीरियोफेजेज वायरस सड़न रोकते हैं।
महत्वपूर्ण बिंदु
- सूक्ष्मजीव हर जगह, लाभदायक और हानिकारक दोनों।
- लाभ: नाइट्रोजन स्थिरीकरण, दही, दवाइयाँ, मशरूम।
- हानि: रोग, भोजन/सामग्री खराब करना।
- गंगा का पानी बैक्टीरियोफेजेज के कारण नहीं सड़ता।
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