1. कवि बालकृष्ण शर्मा ‘नवीन’ – परिचय
- जन्म : 1897 ई॰, शुजालपुर गाँव, जिला शाजापुर (मध्य प्रदेश)।
- युवा होने पर वे गणेश शंकर विद्यार्थी और गांधीजी के संपर्क में आए।
- स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लिया।
- वे भारतीय संविधान निर्माण परिषद के सदस्य भी रहे।
- हिन्दी को राष्ट्रभाषा का सम्मान दिलाने में इनका विशेष योगदान था।
- इनकी रचनाओं में-
- भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन
- देशभक्ति
- प्रेम
- श्रृंगार
- मानवता
- प्रकृति
- रहस्यवादके स्वर मिलते हैं।
- निधन : 1960 ई॰
प्रमुख कृतियाँ
- उर्मिला
- कुंकुम
- रश्मि रेखा
- अपलक
- क्वासि
- विनोबा-स्तवन
- प्राणार्पण
काव्य-विशेषताएँ
- देशप्रेम और राष्ट्रीयता का उत्कट स्वर।
- ओजस्वी शैली – ऊर्जा, उत्साह और पराक्रम से भरपूर।
- कहीं-कहीं कोमलता व रहस्यवाद की झलक।
- प्रकृति के विविध रूपों का सुंदर चित्रण।
- आधुनिक काल की राष्ट्रीय काव्य धारा के प्रमुख कवि।
2. कविता : “हिन्दुस्तान हमारा है” – सार
इस कविता में कवि ने ओजपूर्ण शैली में भारत के
- इतिहास
- संस्कृति
- प्राकृतिक संपदा
- नदियों और पर्वतों
- मानव जीवन की प्रारंभिक घटनाओं
का सुंदर और गर्वपूर्ण उल्लेख किया है।
कविता के मुख्य बिंदु
- भारत की पहचान सबसे प्राचीन और गौरवशाली है।
- मानव सभ्यता की अनेक प्रारंभिक क्रियाएँ भारत में ही आरंभ हुईं।
- समुद्र, नभ, तारे, सूर्य, चंद्र-सबने भारत को प्राचीन काल से गौरवान्वित किया।
- भारत की नदियाँ-गंगा, यमुना, ब्रह्मपुत्र, कृष्णा, कावेरी आदि देश को सिंचित करती हैं।
- हिमालय, विंध्य, सतपुड़ा आदि पर्वत भारत की शक्ति और रक्षा के प्रतीक हैं।
- भारत का अतीत और वर्तमान दोनों ही उज्ज्वल हैं।
- भारतीय इतिहास बार-बार क्रांतियों और वीर कर्मों से भरा पड़ा है।
- भविष्य भी पूरी तरह उज्ज्वल और आशापूर्ण है।
- पूरी कविता में प्रबल वीर रस और राष्ट्रीय गर्व प्रकट हुआ है।
3. कवि : गोपाल सिंह ‘नेपाली’ – परिचय
- जन्म : 11 अगस्त 1903, बेतिया (बिहार), नेपाली परिवार।
- 14 वर्ष की आयु से ही कविता लेखन शुरू।
- विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में कार्य तथा अनेक कवि सम्मेलनों में प्रसिद्धि।
- 50 से अधिक फिल्मों के गीत भी लिखे।
- 1962 के चीन युद्ध के समय देश भर में घूमकर कविताओं द्वारा देशभक्ति का संदेश फैलाया।
- निधन : 17 अप्रैल 1962।
प्रमुख कृतियाँ
- उमंगें
- पंथी
- रागिनी
- नीलिमा
- पंचमी
- सावन
- कल्पना
- आँचल
- रिमझिम
- नवीन हिन्दुस्तान
- हिमालय पुकार रहा है
काव्य-विशेषताएँ
- प्रकृति का मनोहर और रमणीय चित्रण।
- प्रेम, राष्ट्रप्रेम और संघर्ष का संदेश।
- भाषा अत्यंत सरल, सहज और संगीतात्मक।
- प्रतीकात्मक शैली में अभिव्यक्ति।
- गीति-कविता शैली को आगे बढ़ाया।
- उन्हें “जन कवि” कहा जाता है।
4. कविता : “स्वतंत्रता का दीपक” – सार
कवि ने स्वतंत्रता को दीपक का रूप देकर अत्यंत प्रभावशाली संदेश दिया है।
कविता के मुख्य भाव
- चाहे अंधकार हो, आँधियाँ हों या तूफान-स्वतंत्रता का दीपक बुझना नहीं चाहिए।
- यह दीपक-
- शक्ति से जलाया गया है
- भक्ति से पोषित है
- शहीदों के प्राण-दान की पवित्र स्मृति है
- यह दीपक शांति, अशांति, युद्ध, संधि,हर परिस्थिति में जलता रहना चाहिए।
- यह दीपक देश की आत्मा और राष्ट्र-चेतना का प्रतीक है।
- हवा, तूफान, धूल, काँटे, बाधाएँ-कुछ भी इसे बुझा नहीं सकते।
- इसे बुझने देना, शहीदों के बलिदान का अपमान है।
5. दोनों कविताओं का संदेश
“हिन्दुस्तान हमारा है”
- भारत का गौरव महान है।
- हमारी सभ्यता प्राचीन और समृद्ध है।
- देश की रक्षा हमारा धर्म है।
- हम एकजुट होकर राष्ट्र को महान बना सकते हैं।
“स्वतंत्रता का दीपक”
- स्वतंत्रता की रक्षा हमारा कर्तव्य है।
- हर परिस्थिति में स्वाधीनता की लौ जलाए रखना जरूरी है।
- शहीदों के बलिदान को सदैव स्मरण रखना चाहिए।
6. काव्य-विशेषताएँ
(1) वीर रस और ओजगुण
- कविताओं में उत्साह, शक्ति, साहस और तेजस्विता।
(2) प्रतीकवाद
- “दीपक” = स्वतंत्रता
- “बयार, आँधी” = विपरीत परिस्थितियाँ
- “विहान” = आशा व नए युग की किरण
(3) संगीतात्मकता और लय
- दोनों कवियों की कविताओं में गीतात्मक लय।
(4) चित्रात्मक वर्णन
- नदियाँ, पर्वत, बदलियाँ, आँधियाँ – सभी दृश्य जीवंत बन जाते हैं।

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