भारत में उद्योगों की स्थिति
Short Questions Answer
1. उद्योग से क्या आशय है?
जब किसी एक जैसी वस्तु या सेवा का उत्पादन अनेक फर्मों द्वारा किया जाता है, तो वे सभी मिलकर उद्योग कहलाते हैं।
2. वृहद उद्योग किसे कहते हैं?
जिन औद्योगिक इकाइयों में प्लांट और मशीनरी में दस करोड़ रुपये से अधिक पूँजी लगाई जाती है, वे वृहद उद्योग कहलाते हैं।
3. लघु उद्योग की अधिकतम पूंजी सीमा क्या है?
लघु उद्योगों की अधिकतम पूंजी सीमा पाँच करोड़ रुपये तक है।
4. कुटीर उद्योग से क्या तात्पर्य है?
ऐसे उद्योग जो परिवार के सदस्यों द्वारा अंशकालिक या पूर्णकालिक रूप में चलाए जाते हैं और जिनमें पूंजी निवेश बहुत कम होता है, कुटीर उद्योग कहलाते हैं।
5. भारत का सबसे प्राचीन और प्रमुख उद्योग कौन-सा है?
सूती वस्त्र उद्योग भारत का सबसे प्राचीन और प्रमुख उद्योग है।
6. भारत में पहली सूती कपड़ा मिल कब और कहाँ स्थापित की गई थी?
भारत की पहली सूती कपड़ा मिल सन् 1818 में कोलकाता में स्थापित की गई थी।
7. भारत में जूट उद्योग कहाँ केन्द्रित है?
भारत में 85% जूट मिलें पश्चिम बंगाल में हैं, शेष उड़ीसा, असम, आंध्र प्रदेश और उत्तर प्रदेश में हैं।
8. भारत में काँच उद्योग का प्रमुख केंद्र कौन-सा है?
भारत में काँच उद्योग का प्रमुख केंद्र फिरोजाबाद है।
9. रेशम उद्योग में रोजगार प्राप्त लोगों की संख्या कितनी है?
भारत के रेशम उद्योग में लगभग 58 लाख लोगों को रोजगार प्राप्त है।
10. लघु उद्योगों द्वारा निर्मित वस्तुओं का निर्यात योगदान कितना है?
लघु उद्योगों की वस्तुओं का देश के कुल निर्यात में लगभग 35 प्रतिशत योगदान है।
Long Questions Answer
1. भारत के वृहद उद्योगों की स्थिति का वर्णन कीजिए।
भारत में प्रमुख वृहद उद्योग हैं —
- सूती वस्त्र उद्योग: 1818 में प्रारंभ हुआ, औद्योगिक उत्पादन में 14% और निर्यात में 19% योगदान। मुख्य क्षेत्र – महाराष्ट्र, तमिलनाडु, गुजरात।
- लोहा एवं इस्पात उद्योग: जमशेदजी टाटा द्वारा जमशेदपुर में आरंभ, 10 प्रमुख संयंत्रों में से 9 सार्वजनिक क्षेत्र में हैं।
- जूट उद्योग: विश्व में उत्पादन में भारत का पहला स्थान, 85% मिलें पश्चिम बंगाल में।
- चीनी उद्योग: भारत का दूसरा सबसे बड़ा कृषि आधारित उद्योग, प्रमुख राज्य – उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र।
- सीमेंट उद्योग: भारत विश्व में पाँचवाँ सबसे बड़ा सीमेंट उत्पादक देश है।
2. भारत में उद्योगों का वर्गीकरण किन-किन आधारों पर किया गया है?
उद्योगों का वर्गीकरण निम्न आधारों पर किया गया है —
- स्वामित्व के आधार पर – निजी, सरकारी, सहकारी, मिश्रित।
- उपयोगिता के आधार पर – आधारभूत, उपभोक्ता।
- आकार के आधार पर – वृहद, मध्यम, लघु, कुटीर।
- माल की प्रकृति के आधार पर – भारी, हल्के उद्योग।
- कच्चे माल के आधार पर – कृषि आधारित, खनिज आधारित उद्योग।
3. भारत में कागज उद्योग की स्थिति स्पष्ट कीजिए।
भारत में आधुनिक कागज उद्योग 1870 में कोलकाता के निकट बाली में स्थापित हुआ।
- देश में लगभग 515 कारखाने हैं।
- कुल उत्पादन में लघु और मध्यम इकाइयों का योगदान 50% है।
- प्रमुख राज्य – मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, केरल, उड़ीसा, तमिलनाडु।
- इसमें लगभग 15 लाख लोगों को रोजगार प्राप्त है।
4. भारत में चमड़ा उद्योग का विवरण दीजिए।
चमड़ा उद्योग भारत का पारंपरिक उद्योग है।
- इसमें कोट, बेल्ट, जूते, पर्स आदि वस्तुएँ बनती हैं।
- प्रमुख केंद्र – तमिलनाडु, कानपुर, कोलकाता, आगरा, औरंगाबाद।
- उत्पादन का 75% लघु और कुटीर उद्योगों से होता है।
- लगभग 30% महिलाएँ इस क्षेत्र में कार्यरत हैं।
- भारत विश्व की कुल चमड़ा आपूर्ति का 10% उत्पादन करता है।
5. भारत के प्रमुख कुटीर उद्योगों की स्थिति का वर्णन कीजिए।
प्रमुख कुटीर उद्योग हैं –
- काँच उद्योग: फिरोजाबाद में केंद्रित, 225 से अधिक छोटे-बड़े कारखाने।
- रेशम उद्योग: भारत विश्व में दूसरा, कुल विश्व उत्पादन का 17% उत्पादन। प्रमुख क्षेत्र – कश्मीर, कर्नाटक, तमिलनाडु, असम।
- लाख उद्योग: भारत विश्व का प्रमुख उत्पादक, 50% उत्पादन छोटा नागपुर पठार से। प्रमुख ग्राहक – चीन, अमेरिका, रूस, ब्रिटेन।
6. लघु एवं कुटीर उद्योगों का महत्व स्पष्ट कीजिए।
लघु और कुटीर उद्योग भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं –
- ग्रामीण अर्थव्यवस्था के अनुकूल।
- बेरोजगारी में कमी।
- आय की विषमता में कमी।
- व्यक्तिगत कला का विकास।
- कृषि पर जनसंख्या का दबाव कम।
- औद्योगिक विकेंद्रीकरण।
- कम तकनीकी ज्ञान व पूंजी में भी स्थापना संभव।
- शीघ्र उत्पादन व विदेशी मुद्रा अर्जन।
- बड़े उद्योगों के पूरक।
- स्थानीय साधनों का उपयोग।
7. लघु उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा किए गए प्रयास बताइए।
- लघु उद्योग बोर्ड, निगम व परिषद की स्थापना।
- वित्तीय सहायता – आरबीआई, एसबीआई, राज्य वित्त निगम आदि द्वारा।
- तकनीकी सहायता – प्रशिक्षण और विदेशी विशेषज्ञों की सहायता।
- करों में छूट व परिवहन रियायतें।
- विपणन सुविधा हेतु एम्पोरियम और शोरूम की स्थापना।
- लाइसेंस छूट और सरकारी खरीद में प्राथमिकता।
- प्रदर्शनियों का आयोजन।
- अनुसंधान केंद्रों की स्थापना।
- राष्ट्रीय समता कोष व SIDBI की स्थापना।
- लघु उद्यमी क्रेडिट कार्ड योजना (2002-03)।
8. भारत में सूचना एवं प्रौद्योगिकी उद्योग का विकास स्पष्ट कीजिए।
- यह ज्ञान-आधारित उद्योग है जिसमें कंप्यूटर और संचार प्रौद्योगिकी का उपयोग होता है।
- भारत में इस उद्योग का विकास 1994 की अंतर्राष्ट्रीय संधि के बाद हुआ।
- 1994-95 में 6345 करोड़ की आय प्राप्त हुई जो 2002-03 में बढ़कर 79,337 करोड़ हो गई।
- यह भारत का सबसे तेज़ गति से बढ़ता उद्योग है।
9. भारत में लघु उद्योगों की विशेषताएँ लिखिए।
- पूंजी निवेश पाँच करोड़ रुपये तक।
- सेवा क्षेत्र में दो करोड़ रुपये तक।
- स्थानीय कच्चा माल उपयोग करते हैं।
- कम तकनीकी ज्ञान की आवश्यकता।
- शीघ्र उत्पादन संभव।
- ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त करते हैं।
10. लघु उद्योगों के योगदान का वर्णन कीजिए।
- राष्ट्रीय उत्पादन में 10% योगदान।
- औद्योगिक उत्पादन में 39% योगदान।
- रोजगार में 32% योगदान।
- देश के कुल निर्यात में 35% योगदान।
- भारतीय आर्थिक विकास का महत्वपूर्ण आधार।

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