भारत में खाद्यान्न सुरक्षा
Short Questions Answer
प्रश्न: खाद्यान्न सुरक्षा का क्या अर्थ है?
उत्तर: सभी लोगों को पौष्टिक भोजन की उपलब्धता ही खाद्यान्न सुरक्षा है।
प्रश्न: भारत में मुख्य खरीफ फसल कौन-सी है?
उत्तर: धान (चावल) मुख्य खरीफ फसल है।
प्रश्न: बफर स्टॉक किसे कहते हैं?
उत्तर: आपात स्थिति में खाद्यान्न की कमी को पूरा करने हेतु सरकार द्वारा बनाया गया भंडार बफर स्टॉक कहलाता है।
प्रश्न: समर्थन मूल्य किसे कहा जाता है?
उत्तर: वह न्यूनतम मूल्य जो सरकार किसानों को उनकी उपज के लिए सुनिश्चित करती है, समर्थन मूल्य कहलाता है।
प्रश्न: सार्वजनिक वितरण प्रणाली का उद्देश्य क्या है?
उत्तर: गरीबों को सस्ते दर पर आवश्यक खाद्य वस्तुएँ उपलब्ध कराना इसका उद्देश्य है।
प्रश्न: भारत में गेहूँ उत्पादन में अग्रणी राज्य कौन-से हैं?
उत्तर: उत्तरप्रदेश, पंजाब और हरियाणा।
प्रश्न: हरित क्रांति का उद्देश्य क्या था?
उत्तर: कृषि उत्पादन बढ़ाने और तकनीक सुधारने का उद्देश्य था।
प्रश्न: अन्त्योदय अन्न योजना के तहत कितना खाद्यान्न दिया जाता है?
उत्तर: 25 किलोग्राम खाद्यान्न दिया जाता है।
प्रश्न: सहकारिता का उद्देश्य क्या है?
उत्तर: समानता और सहयोग के आधार पर सामूहिक हित के लिए कार्य करना।
प्रश्न: भारत की प्रमुख खाद्यान्न फसलें कौन-सी हैं?
उत्तर: चावल, गेहूँ, ज्वार, बाजरा, मक्का, और दालें।
Long Questions Answer
प्रश्न: खाद्यान्न सुरक्षा क्या है एवं इसकी आवश्यकता क्यों है?
उत्तर: खाद्यान्न सुरक्षा का अर्थ है सभी व्यक्तियों को सभी समय पर पौष्टिक भोजन की उपलब्धता। इसकी आवश्यकता इसलिए है क्योंकि भारत की जनसंख्या बहुत अधिक है, मानसून अनिश्चित है, उत्पादन कम है और खाद्यान्नों की कीमतें बढ़ती रहती हैं। आत्मनिर्भरता, महंगाई नियंत्रण और राष्ट्रीय सम्मान की रक्षा हेतु खाद्यान्न सुरक्षा आवश्यक है।
प्रश्न: भारत की प्रमुख खाद्यान्न फसलें कौन-सी हैं?
उत्तर: भारत की प्रमुख खाद्यान्न फसलें चावल, गेहूँ, ज्वार, बाजरा, मक्का और दालें हैं।
- चावल: पश्चिम बंगाल, उत्तरप्रदेश, आंध्रप्रदेश प्रमुख राज्य हैं।
- गेहूँ: पंजाब, हरियाणा, उत्तरप्रदेश प्रमुख राज्य हैं।
- ज्वार व बाजरा: महाराष्ट्र, राजस्थान, कर्नाटक प्रमुख हैं।
- मक्का: बिहार, मध्यप्रदेश, गुजरात आदि में होती है।
प्रश्न: खाद्यान्न सुरक्षा हेतु सरकार के मुख्य प्रयास कौन-कौन से हैं?
उत्तर:
- खाद्यान्न उत्पादन बढ़ाने के प्रयास (हरित क्रांति)।
- न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा।
- बफर स्टॉक का निर्माण।
- सार्वजनिक वितरण प्रणाली (राशन दुकानों के माध्यम से वितरण)।
प्रश्न: हरित क्रांति से खाद्यान्न उत्पादन में क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर: हरित क्रांति के कारण उन्नत बीज, उर्वरक, कीटनाशक और सिंचाई सुविधाओं का प्रयोग बढ़ा। इससे खाद्यान्न उत्पादन में आत्मनिर्भरता आई और भारत अब कई अनाजों का निर्यात भी करने लगा है।
प्रश्न: सार्वजनिक वितरण प्रणाली क्या है?
उत्तर: यह ऐसी प्रणाली है जिसके अंतर्गत गरीब वर्ग को सस्ते दर पर खाद्यान्न जैसे चावल, गेहूँ, चीनी, मिट्टी का तेल आदि राशन की दुकानों के माध्यम से उपलब्ध कराए जाते हैं। यह केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा संयुक्त रूप से संचालित की जाती है।
प्रश्न: लक्ष्य आधारित सार्वजनिक वितरण प्रणाली क्या है?
उत्तर: यह प्रणाली 1997 में प्रारंभ हुई थी, जिसका उद्देश्य गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले परिवारों को विशेष राशन कार्ड द्वारा कम कीमत पर 35 किलोग्राम खाद्यान्न प्रति माह देना है।
प्रश्न: खाद्यान्न सुरक्षा में सहकारिता की भूमिका समझाइए।
उत्तर: सहकारी समितियाँ गरीब लोगों के लिए राशन की दुकानें चलाती हैं और सस्ते दामों पर आवश्यक वस्तुएँ उपलब्ध कराती हैं। राष्ट्रीय, राज्य, जिला और ग्राम स्तर पर सहकारी उपभोक्ता संगठन कार्य करते हैं।
प्रश्न: बफर स्टॉक का निर्माण क्यों किया जाता है?
उत्तर: यह आपातकालीन स्थिति जैसे सूखा या अकाल के समय खाद्यान्न की कमी को पूरा करने के लिए बनाया जाता है। इससे सरकार को गरीबों को उचित दर पर अनाज उपलब्ध कराने में मदद मिलती है।
प्रश्न: नवीनीकृत सार्वजनिक वितरण प्रणाली की विशेषताएँ बताइए।
उत्तर:
- दुर्गम, सूखाग्रस्त क्षेत्रों में प्राथमिकता दी गई।
- गरीबों को कम कीमत पर अधिक खाद्यान्न उपलब्ध कराया गया।
- अतिरिक्त वस्तुएँ जैसे चाय, साबुन, नमक आदि जोड़ी गईं।
- रोजगार आश्वासन योजना भी जोड़ी गई।
प्रश्न: अन्त्योदय अन्न योजना क्या है?
उत्तर: यह अत्यंत निर्धन परिवारों के लिए योजना है जिसमें उन्हें गेहूँ 2 रुपये प्रति किलोग्राम और चावल 3 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से 25 किलोग्राम खाद्यान्न प्रति माह सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से दिया जाता है।

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