इतिहास का अर्थ
‘इतिहास’ शब्द संस्कृत के “इति + हास” से बना है, जिसका अर्थ है – “ऐसा वास्तव में हुआ था।”इतिहास उन घटनाओं का अध्ययन है जो भूतकाल में घटित हुईं, जिनके प्रमाण मिलते हैं।यह हमें मनुष्य और समाज के विकास की कहानी बताता है।
इतिहास का महत्व
- इतिहास हमें भूतकाल की घटनाओं और सभ्यता-संस्कृति के विकास की जानकारी देता है।
- यह हमें गलतियों से सीखने और भविष्य को बेहतर बनाने की प्रेरणा देता है।
- इतिहास के अध्ययन से हमें यह समझ में आता है कि समाज, धर्म, राजनीति, कला, शिक्षा और संस्कृति कैसे विकसित हुई।
- यह मानवता, सहिष्णुता और एकता की भावना को बढ़ाता है।
इतिहास के तीन प्रमुख काल
इतिहास को तीन भागों में बाँटा गया है –
- प्राचीन इतिहास (Prehistoric and Ancient History)
- आरंभ से लगभग 700 ईस्वी तक का काल।
- इस समय की सभ्यताएँ – सिंधु घाटी सभ्यता, वैदिक सभ्यता, मौर्य और गुप्त काल।
- मध्यकालीन इतिहास (Medieval History)
- लगभग 700 ईस्वी से 1750 ईस्वी तक का काल।
- इसमें राजपूत, दिल्ली सल्तनत, मुगल साम्राज्य का विकास हुआ।
- आधुनिक इतिहास (Modern History)
- 1750 ईस्वी के बाद का काल।
- इस समय अंग्रेज़ों का शासन, स्वतंत्रता संग्राम और स्वतंत्र भारत का निर्माण हुआ।
इतिहास के अध्ययन के स्रोत
इतिहास को समझने के लिए प्रमाण (Evidence) बहुत आवश्यक होते हैं।इन्हें दो भागों में बाँटा गया है –
1. पुरातात्विक स्रोत (Archaeological Sources)
इनमें वे प्रमाण शामिल हैं जो भूमिगत खुदाई या पुरानी वस्तुओं से मिलते हैं।मुख्य उदाहरण –
- अभिलेख (Inscriptions) – पत्थर, धातु या स्तंभों पर लिखे हुए लेख।जैसे – अशोक के शिलालेख, हर्षवर्धन के लेख।
- सिक्के (Coins) – राजाओं और राज्यों की आर्थिक स्थिति बताते हैं।
- मूर्तियाँ और स्थापत्य कला – मंदिर, गुफाएँ, स्तूप आदि संस्कृति और धर्म की झलक दिखाते हैं।
- मिट्टी, धातु, ताँबा या ताम्रपत्र की वस्तुएँ – जीवन-शैली और व्यापार की जानकारी देती हैं।
2. साहित्यिक स्रोत (Literary Sources)
इनमें ग्रंथ, धार्मिक पुस्तकें, कथाएँ और विदेशी यात्रियों के विवरण शामिल हैं।
- धार्मिक ग्रंथ – वेद, उपनिषद, रामायण, महाभारत, पुराण, त्रिपिटक, आगम आदि।
- ऐतिहासिक ग्रंथ – अर्थशास्त्र (कौटिल्य), राजतरंगिणी (कल्हण), हर्षचरित (बाणभट्ट) आदि।
- विदेशी यात्रियों के विवरण – मेगस्थनीज, फाह्यान, ह्वेनसांग, अल-बरूनी आदि।ये हमें भारतीय समाज, शिक्षा और शासन की झलक देते हैं।
पुरातत्वविदों का योगदान
पुरातत्वविद (Archaeologists) वे लोग हैं जो पुरानी वस्तुओं, इमारतों, सिक्कों और अवशेषों की खुदाई द्वारा जानकारी प्राप्त करते हैं।इनके कार्य से हमें यह पता चलता है कि प्राचीन लोग कैसे रहते थे, क्या खाते थे, कौन-से औज़ार इस्तेमाल करते थे आदि।भारत में प्रसिद्ध पुरातत्वविद – सर जॉन मार्शल, दयाराम साहनी, राखलदास बनर्जी।
सभ्यता और संस्कृति का अंतर
| आधार | सभ्यता | संस्कृति |
|---|---|---|
| अर्थ | जीवन की भौतिक उन्नति (सुविधाएँ, साधन, वस्तुएँ) | जीवन के नैतिक, आध्यात्मिक और सामाजिक मूल्य |
| स्वरूप | बाहरी जीवन का रूप | आंतरिक जीवन का रूप |
| उदाहरण | भवन, वाहन, वस्त्र, यंत्र | धर्म, कला, संगीत, साहित्य, व्यवहार |
संक्षेप में:सभ्यता “शरीर” है, जबकि संस्कृति उसकी “आत्मा”।
भारत का ऐतिहासिक महत्व
- भारत विश्व की सबसे प्राचीन सभ्यताओं में से एक है।
- यहाँ सिंधु घाटी सभ्यता से लेकर मौर्य, गुप्त, मुगल और ब्रिटिश शासन तक अनेक युगों का विकास हुआ।
- भारत की भाषाएँ, धर्म, कला, संगीत और साहित्य सदियों से मानवता और शांति का संदेश देते आए हैं।
- भारतीय संस्कृति ने विविधता में एकता (Unity in Diversity) का श्रेष्ठ उदाहरण प्रस्तुत किया है।
इतिहास पढ़ने का उद्देश्य
- छात्रों को यह समझाना कि भूतकाल वर्तमान को कैसे प्रभावित करता है।
- मनुष्य के विकास, संघर्ष और उपलब्धियों की कहानी जानना।
- अपने संस्कृति और देश के गौरवशाली अतीत से परिचित होना।
- देशभक्ति और जिम्मेदारी की भावना उत्पन्न करना।

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