1. मध्यकाल का परिचय
भारत के इतिहास को तीन भागों में बाँटा गया है –
- प्राचीन काल
- मध्यकाल
- आधुनिक काल
यह अध्याय मध्यकालीन भारत से संबंधित है, जो लगभग 8वीं शताब्दी से 18वीं शताब्दी तक का समय है।इस काल में भारत में राजनीतिक, सामाजिक, धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से बहुत परिवर्तन हुए।
2. राजनीतिक स्थिति
- राजपूत काल (700-1200 ई.) –
- हर्षवर्धन के बाद भारत में अनेक छोटे-छोटे राज्य स्थापित हुए।
- राजपूतों ने उत्तर भारत पर शासन किया।
- प्रमुख राजवंश – चौहान, प्रतिहार, परमार, सोलंकी, चंदेल।
- सबसे प्रसिद्ध शासक – पृथ्वीराज चौहान।
- राजपूत वीर, साहसी और स्वाभिमानी थे, परंतु उनमें एकता की कमी थी।
- अरब और तुर्क आक्रमण (8वीं-12वीं सदी) –
- सबसे पहले मुहम्मद-बिन-कासिम ने 712 ई. में सिंध पर आक्रमण किया।
- बाद में महमूद गजनवी और मोहम्मद गौरी ने भारत पर बार-बार आक्रमण किए।
- इन आक्रमणों से भारत की आर्थिक और राजनीतिक व्यवस्था प्रभावित हुई।
- दिल्ली सल्तनत (1206-1526 ई.) –
- मोहम्मद गौरी की मृत्यु के बाद उसके दास कुतुबुद्दीन ऐबक ने दिल्ली सल्तनत की स्थापना की।
- इसके पाँच प्रमुख वंश थे –
- गुलाम वंश
- खिलजी वंश
- तुगलक वंश
- सैय्यद वंश
- लोदी वंश
- सल्तनत काल में शासन प्रणाली और प्रशासन संगठित हुआ।
- मुगल साम्राज्य (1526-1707 ई.) –
- 1526 ई. में बाबर ने पहले पानीपत के युद्ध में इब्राहीम लोदी को हराकर मुगल साम्राज्य की स्थापना की।
- प्रमुख शासक – बाबर, हुमायूँ, अकबर, जहाँगीर, शाहजहाँ, औरंगजेब।
- इस काल में भारत राजनीतिक एकता और सांस्कृतिक समृद्धि के शिखर पर पहुँचा।
3. दिल्ली सल्तनत का योगदान
- कुतुबुद्दीन ऐबक –
- गुलाम वंश का संस्थापक।
- कुतुबमीनार का निर्माण प्रारंभ किया।
- इल्तुतमिश –
- प्रशासनिक सुधार किए।
- “तुर्क-ए-चहलगानी” (40 अमीरों की परिषद) बनाई।
- रजिया सुल्तान –
- भारत की पहली महिला शासक।
- सक्षम लेकिन अमीरों ने विरोध किया।
- गियासुद्दीन बलबन –
- “लोहे और रक्त की नीति” अपनाई।
- शासन को सशक्त और अनुशासित बनाया।
- अलाउद्दीन खिलजी –
- मूल्य नियंत्रण नीति लागू की।
- दक्षिण भारत तक सल्तनत का विस्तार किया।
- मुहम्मद बिन तुगलक –
- योजनाएँ बनाईं, पर सफल न हो सका।
- राजधानी दिल्ली से दौलताबाद स्थानांतरित की।
- फिरोजशाह तुगलक –
- नहरें और विद्यालय बनाए।
- किसानों पर करों में कमी की।
4. मुगल साम्राज्य
- बाबर (1526-1530 ई.) –
- मुगल साम्राज्य का संस्थापक।
- तोपों का प्रयोग किया।
- आत्मकथा “तुजुक-ए-बाबरी” लिखी।
- हुमायूँ (1530-1556 ई.) –
- शेरशाह सूरी से पराजित होकर फारस गया।
- बाद में पुनः सत्ता प्राप्त की।
- अकबर (1556-1605 ई.) –
- महान शासक; प्रशासनिक सुधार किए।
- “दीन-ए-इलाही” धर्म की स्थापना की।
- धार्मिक सहिष्णुता की नीति अपनाई।
- दरबार में नौ रत्न रखे – तानसेन, बीरबल, अबुल फज़ल आदि।
- जहाँगीर (1605-1627 ई.) –
- न्यायप्रिय शासक।
- नूरजहाँ का प्रभावशाली शासन।
- शाहजहाँ (1628-1658 ई.) –
- स्थापत्य कला का स्वर्ण युग।
- ताजमहल, लाल किला का निर्माण।
- औरंगजेब (1658-1707 ई.) –
- धार्मिक दृष्टि से कठोर।
- जजिया कर पुनः लगाया।
- दक्षिण भारत तक साम्राज्य फैलाया, परंतु मृत्यु के बाद साम्राज्य कमजोर हुआ।
5. समाज और संस्कृति
- सामाजिक जीवन –
- जाति व्यवस्था कायम रही।
- हिंदू और मुस्लिम समाजों में मेलजोल बढ़ा।
- नगरों में व्यापारी, शिल्पकार और सैनिक वर्ग सक्रिय थे।
- धर्म और विचार –
- भक्ति आंदोलन (रामानंद, कबीर, मीरा, सूरदास, तुलसीदास) औरसूफी आंदोलन (ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती, निजामुद्दीन औलिया) ने धार्मिक एकता को बढ़ावा दिया।
- भाषा और साहित्य –
- संस्कृत, फारसी और हिंदी का विकास हुआ।
- फारसी राजभाषा बनी।
- हिंदी में तुलसीदास, सूरदास, कबीर, रहीम, रीतिकालीन कवि प्रसिद्ध हुए।
- कला और स्थापत्य –
- दिल्ली सल्तनत काल – कुतुबमीनार, अलाई दरवाजा, हौजखास, तुगलकाबाद किला।
- मुगल काल – लाल किला, ताजमहल, फतेहपुर सीकरी, जामा मस्जिद।
6. प्रशासन और शासन व्यवस्था
- राजा सर्वोच्च शासक था।
- मंत्रिपरिषद शासन में सहायता करती थी।
- भूमि से कर वसूलने की व्यवस्था संगठित थी।
- अकबर ने “जमींदारी व्यवस्था” को व्यवस्थित किया।
- सैनिक और पुलिस विभाग स्वतंत्र रूप से कार्य करते थे।
7. अर्थव्यवस्था
- कृषि – मुख्य व्यवसाय।
- गेहूँ, चावल, गन्ना, कपास, जौ की खेती।
- व्यापार –
- भारत और अरब देशों के बीच व्यापारिक संबंध थे।
- मसाले, रेशम, हाथीदाँत, कपास का निर्यात।
- शिल्पकला –
- धातु, वस्त्र, मिट्टी और लकड़ी के शिल्प विकसित हुए।
8. मध्यकालीन भारत की विशेषताएँ
- दिल्ली सल्तनत और मुगल साम्राज्य ने भारत को राजनीतिक रूप से एकता दी।
- धर्म, साहित्य और कला में समन्वय की भावना विकसित हुई।
- भक्ति और सूफी आंदोलन ने समाज में समानता और मानवता की भावना को प्रबल किया।
- भारतीय संस्कृति में “गंगा-जमुनी तहज़ीब” का विकास हुआ – अर्थात् हिंदू-मुस्लिम सांस्कृतिक मिश्रण।

Leave a Reply