1. सांस्कृतिक प्रवृत्तियों का अर्थ
- सांस्कृतिक प्रवृत्तियाँ किसी देश की सभ्यता, विचार, कला, धर्म और जीवन शैली की पहचान होती हैं।
- भारत की संस्कृति विश्व की सबसे प्राचीन संस्कृतियों में से एक है।
- इसकी प्रमुख विशेषताएँ हैं –
- निरंतरता और पुरातनता
- आध्यात्मिकता
- एकता और समन्वय की भावना
- सभ्यता को शरीर कहा जा सकता है जबकि संस्कृति उसकी आत्मा है।
- सत्य की खोज, सौंदर्य की अभिव्यक्ति और मानव प्रेम का विकास – संस्कृति के मूल तत्व हैं।
2. प्राचीन काल से राजपूत काल तक की सांस्कृतिक प्रवृत्तियाँ
(क) साहित्य
- साहित्य समाज का दर्पण है।
- भारत का साहित्य अत्यंत समृद्ध और गौरवशाली है।
- सिन्धु सभ्यता में लिपि का ज्ञान था; लगभग 2500 अभिलेख मिले हैं।
- वैदिक साहित्य – चार वेद, ब्राह्मण, अरण्यक, उपनिषद, सूत्र आदि।
- महाकाव्य काल – रामायण (वाल्मीकि) और महाभारत (वेदव्यास)।
- जैन साहित्य – कल्पसूत्र, परिशिष्ट पर्व (भद्रबाहु, हेमचन्द्र)।
- बौद्ध साहित्य – त्रिपिटक (विनय, सुत्त, अभिधम्म), दीपवंश, महावंश।
- मौर्य काल – अशोक के शिलालेख, कौटिल्य का अर्थशास्त्र।
- गुप्त काल – कालिदास, बाणभट्ट, हर्ष, भारवि जैसे महान रचनाकार।
- राजपूत काल – राजा भोज, मुंज, अमोघवर्ष आदि ने साहित्य का उत्कर्ष किया।
- दक्षिण भारत में संस्कृत व तमिल ग्रंथ जैसे किरातार्जुनीयम, मतविलास प्रहसन, कम्ब रामायण प्रसिद्ध हैं।
(ख) चित्रकला
- भारत में चित्रकला की परंपरा बहुत प्राचीन है।
- भीमबेटका की शैलाचित्र मानव की प्रारंभिक कला का उदाहरण हैं।
- सिन्धु सभ्यता – बर्तनों और दीवारों पर चित्रकारी।
- मौर्य काल – भवनों के स्तंभों और गुफाओं में चित्र।
- गुप्त काल – अजन्ता और बाघ गुफाओं की चित्रकला विश्व प्रसिद्ध।
- राजपूत काल – लघु चित्रकला और भित्ति चित्रों का विकास (राजपूताना, गुजरात शैली)।
(ग) वास्तुकला
- सिन्धु सभ्यता – सुनियोजित नगर, अन्नागार, स्नानागार, नालियाँ आदि।
- वैदिक काल – यज्ञशाला, आश्रम, वेदिका, राजमहल का उल्लेख।
- मौर्य काल – अशोक के स्तंभ, स्तूप, गुफाएँ (साँची, बाराबर)।
- गुप्त काल – मंदिर निर्माण की शुरुआत (देवगढ़, अजन्ता गुफाएँ, लोह स्तंभ)।
- राजपूत काल – खजुराहो, दिलवाड़ा, कोणार्क, महाबलिपुरम जैसे मंदिर बने।
- नागर शैली – उत्तर भारत (शिखर गोलाकार)
- द्राविड़ शैली – दक्षिण भारत (आयताकार संरचना)
(घ) मूर्तिकला
- सिन्धु सभ्यता – मिट्टी और धातु की मूर्तियाँ (नर्तकी, पशु आकृतियाँ)।
- मौर्य काल – अशोक स्तंभों की पशु मूर्तियाँ, यक्ष-यक्षिणियाँ।
- कुषाण काल – गांधार और मथुरा शैली की बौद्ध प्रतिमाएँ।
- गुप्त काल – मूर्तिकला का स्वर्णयुग; विष्णु के दशावतार की मूर्तियाँ प्रसिद्ध।
- राजपूत काल – बहुभुजी प्रतिमाएँ, शिवलिंग, देवी मूर्तियाँ और कैलाश मंदिर का निर्माण।
(ङ) नृत्य और संगीत
- सिन्धु सभ्यता – नर्तकी की कांस्य मूर्ति, संगीत वाद्यों का अंकन।
- वैदिक काल – वीणा, दुंदुभि, बांसुरी जैसे वाद्य यंत्र।
- मौर्य काल – नर्तक और संगीतज्ञों का उल्लेख।
- गुप्त काल – समुद्रगुप्त स्वयं वीणावादक था; नृत्य-संगीत के विद्यालय थे।
- राजपूत काल – राजसभाओं में नर्तकियाँ और संगीत का उपयोग।
(च) अन्य ललित कलाएँ
- सिन्धु सभ्यता – आभूषण, रंगीन बर्तन, स्वास्तिक और चक्र चिन्ह।
- वैदिक काल – यज्ञवेदिकाओं, सजावट और रांगोली जैसी परंपराएँ।
- मौर्य काल – लोककलाओं और नाट्यकला का विकास।
- गुप्त काल – सिक्कों पर चित्रण, मूर्तिकला और नाट्यशालाओं का विकास।
- राजपूत काल – मंदिरों की भित्ति मूर्तियाँ, सिक्कों पर अलंकरण, रासलीलाओं का मंचन।
3. सल्तनत काल से मुगल काल तक की सांस्कृतिक प्रवृत्तियाँ
साहित्य
- सल्तनत और मुगल दोनों काल में साहित्य की प्रगति हुई।
- सल्तनत काल – अमीर खुसरो के दोहे और पहेलियाँ प्रसिद्ध।
- मुगल काल –
- बाबर – तुजुक-ए-बाबरी
- गुलबदन बेगम – हुमायूननामा
- अबुल फजल – अकबरनामा, आईन-ए-अकबरी
- मलिक मोहम्मद जायसी – पद्मावत
- सूरदास – सूरसागर
- तुलसीदास – रामचरितमानस
- हिंदी, उर्दू, फारसी और मराठी साहित्य फला-फूला।
चित्रकला
- सल्तनत काल – चित्रकला का पतन, परंतु गुजरात और राजस्थान में जीवित रही।
- मुगल काल –
- अकबर ने चित्रकारों के लिए विभाग स्थापित किया।
- ‘हम्जानामा’, ‘अकबरनामा’, ‘रज्मनामा’ प्रसिद्ध चित्रित ग्रंथ।
- जहाँगीर के काल में चित्रकला स्वर्णयुग पर पहुँची।
- उस्ताद मंसूर और अबुल हसन जैसे महान चित्रकार हुए।
वास्तुकला
- सल्तनत काल – इस्लामी शैली का प्रभाव; मस्जिद, मीनार और गुम्बदों का निर्माण।
- कुतुबमीनार, क्वब्बत-उल-इस्लाम मस्जिद प्रसिद्ध।
- मुगल काल –
- हुमायूँ का मकबरा, फतेहपुर सीकरी, लाल किला, ताजमहल।
- शाहजहाँ के काल में वास्तुकला का स्वर्णयुग।
- ताजमहल संगमरमर की कलात्मक जड़ाई (पित्रा-दुरा) का उत्कृष्ट उदाहरण है।
मूर्तिकला
- इस्लाम के प्रभाव से मूर्तिकला कम प्रचलित रही।
- अकबर और जहाँगीर ने मूर्तिशिल्प को बढ़ावा दिया।
- फतेहपुर सीकरी और आगरा किले की मूर्तियाँ प्रसिद्ध हैं।
नृत्य और संगीत
- सल्तनत काल – अमीर खुसरो ने नई रागों की रचना की, कव्वाली का प्रारंभ किया।
- मुगल काल –
- अकबर ने संगीतकारों को संरक्षण दिया।
- तानसेन सबसे प्रसिद्ध गायक था।
- जहाँगीर और शाहजहाँ के समय संगीत का उत्कर्ष हुआ।
- औरंगजेब के बाद संगीत पतन की ओर चला गया।
अन्य ललित कलाएँ
- रासलीला, नाटक, सुलेख, पच्चीकारी, कढ़ाई, जरी, नक्काशीदार फव्वारे, कालीन आदि कलाएँ फली-फूलीं।
- विजयनगर के दरबारों में नाटकों का मंचन होता था।

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