Short Questions Answer
प्रजातंत्र का अर्थ क्या है?
प्रजातंत्र वह शासन प्रणाली है जिसमें जनता स्वयं या अपने निर्वाचित प्रतिनिधियों के माध्यम से शासन करती है। इसमें जनता सर्वोच्च सत्ता की स्वामी होती है।
‘प्रजातंत्र’ शब्द किस भाषा से बना है और उसका क्या अर्थ है?
‘प्रजातंत्र’ शब्द यूनानी भाषा के दो शब्दों ‘Demos’ (जनता) और ‘Cratia’ (शक्ति) से बना है, जिसका अर्थ है ‘जनता की शक्ति’।
अरस्तु ने प्रजातंत्र को क्या कहा है?
अरस्तु ने प्रजातंत्र को “बहुतों का शासन” कहा है।
अब्राहम लिंकन के अनुसार प्रजातंत्र क्या है?
लिंकन के अनुसार “प्रजातंत्र जनता का, जनता द्वारा और जनता के लिए शासन” है।
प्रत्यक्ष प्रजातंत्र कहाँ संभव है?
प्रत्यक्ष प्रजातंत्र छोटे आकार और कम जनसंख्या वाले राज्यों में संभव है, जैसे – स्विट्जरलैंड के कुछ कैंटन और भारत की ग्रामसभाएँ।
अप्रत्यक्ष प्रजातंत्र से क्या अभिप्राय है?
जब जनता अपने चुने हुए प्रतिनिधियों के माध्यम से शासन करती है, तो इसे अप्रत्यक्ष या प्रतिनिधि प्रजातंत्र कहते हैं।
प्रजातंत्र की दो प्रमुख विशेषताएँ लिखिए।
(i) उत्तरदायी शासन व्यवस्था
(ii) समानता पर आधारित शासन प्रणाली
प्रजातंत्र का एक गुण और एक दोष लिखिए।
गुण – लोक कल्याण की भावना।
दोष – अयोग्यों का शासन।
प्राचीन भारत में प्रजातंत्र की एक विशेषता लिखिए।
प्राचीन भारत में पंचायत व्यवस्था के रूप में ग्रामों में स्वशासन की परंपरा थी।
भारतीय प्रजातंत्र को कौन-कौन सी चुनौतियाँ प्रभावित करती हैं?
अशिक्षा, जातिवाद, क्षेत्रवाद, सांप्रदायिकता, भ्रष्टाचार, और धन-बाहुबल का प्रभाव।
Long Questions Answer
प्रजातंत्र से क्या आशय है? इसकी प्रमुख विशेषताएँ लिखिए।
प्रजातंत्र ऐसी शासन व्यवस्था है जिसमें जनता सर्वोच्च सत्ता की स्वामी होती है।
इसकी प्रमुख विशेषताएँ हैं –
- उत्तरदायी शासन व्यवस्था
- समानता पर आधारित शासन
- स्वतंत्रता की पोषक प्रणाली
- कानून का शासन
- स्वतंत्र व निष्पक्ष चुनाव
- लिखित संविधान
- स्वतंत्र न्यायपालिका
प्रजातंत्र के गुण और दोषों का वर्णन कीजिए।
गुण:
- मानवता के उच्च मूल्यों पर आधारित
- लोक कल्याण
- राजनीतिक शिक्षण
- राष्ट्रप्रेम की भावना
- हिंसक क्रांति की न्यूनतम संभावना
दोष: - गुणों की अपेक्षा संख्या को महत्व
- अयोग्यों का शासन
- सार्वजनिक धन व समय का अपव्यय
- धनिकों का वर्चस्व
- दलीय गुटबंदी और संकट के समय निर्बलता
प्रजातंत्र के आधारभूत सिद्धांतों का वर्णन कीजिए।
प्रजातंत्र के चार मुख्य सिद्धांत हैं –
- शास्त्रीय सिद्धांत: शासन जनता की सहमति पर आधारित।
- अभिजनवादी सिद्धांत: श्रेष्ठ वर्ग शासन का संचालन करता है।
- बहुलवादी सिद्धांत: विभिन्न समूहों की शासन में भागीदारी।
- मार्क्सवादी सिद्धांत: आर्थिक समानता पर आधारित शासन व्यवस्था।
भारत में प्रजातंत्र का स्वरूप और उसका महत्व समझाइए।
भारत विश्व का सबसे बड़ा प्रजातांत्रिक देश है।
26 जनवरी 1950 को भारत प्रजातांत्रिक गणराज्य बना।
नागरिकों को सार्वभौम वयस्क मताधिकार दिया गया।
समयबद्ध और निष्पक्ष चुनाव होते हैं।
इसका महत्व यह है कि यह नागरिकों को समानता, स्वतंत्रता और न्याय प्रदान करता है।
प्रजातंत्र में संविधान की आवश्यकता क्यों है?
संविधान शासन के मूलभूत कानूनों का दस्तावेज है।
यह शासन की शक्तियों को सीमित करता है और नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करता है।
बिना संविधान के सरकार मनमानी कर सकती है, इसलिए प्रजातंत्र के लिए लिखित संविधान आवश्यक है।
प्रजातंत्र के प्रकारों की व्याख्या कीजिए।
प्रजातंत्र दो प्रकार का होता है –
- प्रत्यक्ष प्रजातंत्र: जनता स्वयं निर्णय लेती है।
- अप्रत्यक्ष प्रजातंत्र: जनता अपने प्रतिनिधियों के माध्यम से शासन करती है।
वर्तमान में अधिकांश देशों में अप्रत्यक्ष प्रजातंत्र लागू है।
प्रजातंत्र के सामाजिक और आर्थिक महत्व को स्पष्ट कीजिए।
सामाजिक दृष्टि से प्रजातंत्र जाति, धर्म, लिंग, भाषा आदि के आधार पर समानता प्रदान करता है।
आर्थिक दृष्टि से यह सभी नागरिकों को रोजगार और आजीविका के समान अवसर देता है।
प्राचीन भारत में प्रजातंत्र का स्वरूप क्या था?
वैदिक काल में सभा और समिति प्रजातांत्रिक संस्थाएँ थीं।
महाजनपद काल में कई गणराज्य जैसे वैशाली और मगध प्रसिद्ध थे।
ग्राम पंचायतें चुनी जाती थीं और उन्हें न्याय व शासन का अधिकार था।
राजा जनता की इच्छा के अनुसार कार्य करता था।
वर्तमान भारतीय प्रजातंत्र किन-किन चुनौतियों का सामना कर रहा है?
भारतीय प्रजातंत्र आज कई समस्याओं से प्रभावित है –
- अशिक्षा
- जातिवाद व क्षेत्रवाद
- सांप्रदायिकता
- राजनीतिक हिंसा
- भ्रष्टाचार
- धन व बाहुबल का प्रभाव
इनसे मुक्ति के लिए शिक्षा, समानता और नैतिक मूल्यों की स्थापना आवश्यक है।
प्रजातंत्र के महत्व को स्पष्ट कीजिए।
प्रजातंत्र केवल शासन प्रणाली नहीं बल्कि जीवन का एक दृष्टिकोण है।
यह स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व की भावना पर आधारित है।
प्रजातंत्र में सभी को अपने विकास के समान अवसर मिलते हैं।
यह शासन की निरंतरता और जनता की भागीदारी को सुनिश्चित करता है।

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