Imp Questions For All Chapters – SST Class 7
Short Questions
प्रश्न: मौसम और जलवायु में क्या अंतर है?
उत्तर: मौसम अल्पकालिक होता है (प्रतिदिन बदलता है), जबकि जलवायु दीर्घकालिक मौसमी प्रतिरूप है (कई दशकों तक)।
प्रश्न: भारत में कितनी मुख्य ऋतुएँ पारंपरिक रूप से मानी जाती हैं?
उत्तर: छह ऋतुएँ: वसंत, ग्रीष्म, वर्षा, शरद, हेमंत और शिशिर।
प्रश्न: भारत की जलवायु को निर्धारित करने वाले मुख्य कारकों में से एक क्या है?
उत्तर: अक्षांश (भूमध्य रेखा से दूरी)।
प्रश्न: मानसून शब्द किस भाषा से लिया गया है और इसका अर्थ क्या है?
उत्तर: अरबी भाषा से, अर्थ है ‘ऋतु’।
प्रश्न: दक्षिण-पश्चिम मानसून कब और कैसे भारत में प्रवेश करता है?
उत्तर: जून की शुरुआत में दक्षिणी सिरे से, समुद्र से नमी लेकर।
प्रश्न: जलवायु परिवर्तन का मुख्य कारण क्या है?
उत्तर: जीवाश्म ईंधन का जलना और वनों की कटाई।
प्रश्न: चक्रवात की ‘आँख’ क्या होती है?
उत्तर: चक्रवात का केंद्र, जो बादलरहित और शांत होता है।
प्रश्न: थार मरुस्थल की जलवायु कैसी है?
उत्तर: शुष्क, दिन गर्म और रातें ठंडी।
प्रश्न: सूक्ष्म जलवायु से क्या तात्पर्य है?
उत्तर: छोटे क्षेत्र में स्थानीयकृत जलवायु, जो आस-पास से अलग होती है।
प्रश्न: हिमालय क्षेत्र में बाढ़ का एक कारण क्या है?
उत्तर: हिमनदीय विस्फोट (ग्लेशियल बर्स्ट)।
Long Questions
प्रश्न: मौसम, ऋतुओं और जलवायु के बीच संबंध समझाइए। भारत में ऋतुओं का महत्व क्या है?
उत्तर: मौसम वह अल्पकालिक स्थिति है जिसे हम प्रतिदिन अनुभव करते हैं, जैसे वर्षा या तेज हवा। ऋतुएँ प्रतिवर्ष आती हैं और प्रत्येक ऋतु में मौसम अलग होता है, जैसे ग्रीष्म में शुष्क और गर्म। जलवायु दीर्घकालिक मौसमी प्रतिरूप है जो कई दशकों तक रहता है। भारत में पारंपरिक रूप से छह ऋतुएँ हैं: वसंत, ग्रीष्म, वर्षा, शरद, हेमंत और शिशिर। इनका महत्व यह है कि ये कृषि, त्योहारों (जैसे वसंत पंचमी) और जीवनशैली को प्रभावित करती हैं। पौधे, पशु और मानव इनके साथ सामंजस्य रखते हैं, जैसे शरद में पत्ते गिरना या ठंड में घने बाल उगना।
प्रश्न: भारत में जलवायु के विभिन्न प्रकारों का वर्णन कीजिए।
उत्तर: भारत की जलवायु विविध है। उत्तर में हिमालय में अल्पाइन जलवायु है, जहाँ शीत ठंडी और बर्फीली तथा ग्रीष्म शीतल है। पहाड़ी क्षेत्रों में समशीतोष्ण जलवायु है, सर्दियाँ कम ठंडी और गर्मियाँ कम गर्म। उत्तरी मैदानों में उपोष्णकटिबंधीय जलवायु है, ग्रीष्म अत्यधिक गर्म और शीत ठंडी। थार मरुस्थल में शुष्क जलवायु है, दिन गर्म, रातें ठंडी और कम वर्षा। पश्चिमी तट पर उष्णकटिबंधीय आर्द्र जलवायु है, भारी वर्षा। मध्य दक्कन में अर्ध-शुष्क जलवायु है, ग्रीष्म गर्म और सामान्य वर्षा। पूर्वी और दक्षिणी भाग में उष्णकटिबंधीय जलवायु है, हल्की सर्दी और मानसूनी वर्षा।
प्रश्न: जलवायु को निर्धारित करने वाले मुख्य कारकों का वर्णन कीजिए।
उत्तर: मुख्य कारक हैं: (क) अक्षांश- भूमध्य रेखा के पास गर्म, ध्रुवों के पास ठंडी जलवायु क्योंकि सूर्य की किरणें लंबवत पड़ती हैं। (ख) ऊँचाई- ऊँचाई बढ़ने पर तापमान कम होता है क्योंकि वायु घनत्व घटता है और सूर्य की गर्मी कम पहुँचती है। (ग) समुद्र से निकटता- तटीय क्षेत्रों में तापमान नियंत्रित रहता है, गर्मियाँ कम गर्म और सर्दियाँ कम ठंडी। (घ) पवनें- समुद्र से नमी लाती हैं या मरुस्थल से शुष्क हवा। (ङ) स्थलाकृति- पर्वत अवरोध बनाते हैं, जैसे हिमालय ठंडी पवनों से बचाता है। ये सभी मिलकर जलवायु बनाते हैं।
प्रश्न: मानसून क्या है? भारत में दक्षिण-पश्चिम और उत्तर-पूर्व मानसून का वर्णन कीजिए।
उत्तर: मानसून मौसमी पवनें हैं जो तापमान अंतर से बनती हैं। भूमि समुद्र से तेज गर्म या ठंडी होती है। ग्रीष्म में एशिया गर्म होकर निम्न दाब बनाता है, पवनें समुद्र से नमी लेकर आती हैं, भारी वर्षा होती है। दक्षिण-पश्चिम मानसून जून में दक्षिण से प्रवेश करता है, जुलाई तक पूरे देश में फैलता है। पश्चिमी घाट पर अधिक वर्षा। शीत में भूमि ठंडी होकर उच्च दाब बनाती है, पवनें उत्तर-पूर्व से चलती हैं, दक्षिण-पूर्व में कुछ वर्षा करती हैं। मानसून कृषि और जीवन के लिए महत्वपूर्ण है।
प्रश्न: जलवायु का समाज, संस्कृति और आर्थिक स्थिति पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर: जलवायु समाज को प्रभावित करती है क्योंकि लोग ऋतुओं के अनुसार वस्त्र, भोजन और फसलें बदलते हैं। संस्कृति में त्योहार जैसे बैसाखी या ओणम वर्षा और कृषि से जुड़े हैं। आर्थिक रूप से, अच्छा मानसून फसलें बढ़ाता है, लेकिन असफल मानसून से सूखा, महँगाई और पलायन होता है। जलवायु पर्यटन (पर्वतीय स्थल), उद्योग और जल उपलब्धता को प्रभावित करती है। प्राकृतिक आपदाएँ अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुँचाती हैं। कुल मिलाकर, जलवायु जीवनशैली और विकास को निर्धारित करती है।
प्रश्न: चक्रवात क्या है? इसका निर्माण कैसे होता है और भारत पर प्रभाव क्या है?
उत्तर: चक्रवात तेज पवनों और वर्षा वाला निम्न दाब तंत्र है। समुद्र के पास निम्न दाब बनने पर पवनें केंद्र की ओर घूमती हैं, नमी लेकर बादल बनाती हैं। केंद्र ‘आँख’ कहलाता है। भारत में पूर्वी तट पर अधिक चक्रवात आते हैं, जीवन हानि, संपत्ति क्षति, मृदा अपरदन और पेड़ उखड़ने का कारण बनते हैं। भारतीय मौसम विभाग पूर्वानुमान देता है। एन.डी.आर.एफ. बचाव करता है।
प्रश्न: बाढ़ के कारण और प्रभावों का वर्णन कीजिए। भारत के कौन-से राज्य संवेदनशील हैं?
उत्तर: बाढ़ भारी वर्षा, नदियों का उफान या हिमनदीय विस्फोट से आती है। शहरों में जल निकासी अवरुद्ध होने से होती है। प्रभाव: संपत्ति क्षति, जीवन हानि, कृषि बर्बाद। असम, बिहार, उत्तर प्रदेश, केरल और आंध्र प्रदेश संवेदनशील हैं। हिमालय में हिमनदीय झीलें फूटने से बाढ़ आती है, जैसे 2013 उत्तराखंड आपदा में 6000 मृत्यु हुई। रोकथाम: बेहतर जल निकासी और वनों की सुरक्षा।
प्रश्न: भूस्खलन और दावानल क्या हैं? उनके कारण और प्रभाव बताइए।
उत्तर: भूस्खलन शैल या मिट्टी का अचानक ढहना है, भारी वर्षा, भूकंप या वनों की कटाई से। हिमाचल, उत्तराखंड, सिक्किम में आम। प्रभाव: सड़कें बंद, जीवन हानि। दावानल जंगल की अनियंत्रित आग है, शुष्क मौसम या लापरवाही से। उत्तराखंड, मध्य प्रदेश में आम। प्रभाव: वन्यजीव हानि, प्रदूषण, विस्थापन। दोनों मानवीय गतिविधियों से बढ़ते हैं।
प्रश्न: जलवायु परिवर्तन क्या है? इसके कारण और परिणाम बताइए।
उत्तर: जलवायु परिवर्तन दीर्घकालिक तापमान, वर्षा और मौसम में परिवर्तन है। कारण: जीवाश्म ईंधन जलना, वनों की कटाई, हरितगृह गैसें बढ़ना, वैश्विक तापन। परिणाम: अति मौसम, सूखा, बाढ़, कृषि प्रभाव, स्वास्थ्य समस्याएँ। भारत में 2025 में तापमान 1-3 डिग्री अधिक था, सर्दी हल्की। न्यूनीकरण: नवीकरणीय ऊर्जा, वृक्षारोपण।
प्रश्न: जलवायु की समझ प्राकृतिक आपदाओं के लिए तैयार रहने में कैसे सहायता करती है? उदाहरण दीजिए।
उत्तर: जलवायु समझ से आपदाओं का पूर्वानुमान और तैयारी संभव है। जैसे मानसून समझ से बाढ़ या चक्रवात की चेतावनी मिलती है। मौसम विभाग पूर्वानुमान देता है। समुदाय लचीले बनते हैं, जैसे वनों की सुरक्षा से भूस्खलन कम। जलवायु परिवर्तन समझ से हरितगृह गैसें कम करना, सतत जीवनशैली अपनाना। उदाहरण: 2013 उत्तराखंड बाढ़ से सीखकर बेहतर तैयारी। यह जीवन और अर्थव्यवस्था बचाती है।
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