Imp Questions For All Chapters – SST Class 7
Short Questions
प्रश्न: पावनता का क्या अर्थ है?
उत्तर: पावनता का अर्थ धार्मिक और आध्यात्मिक भावनाओं से है जो श्रद्धा और आदर के योग्य हों।
प्रश्न: भारत में तीर्थयात्रा की परंपरा कितनी पुरानी है?
उत्तर: तीर्थयात्रा की परंपरा लगभग 3000 वर्ष पुरानी है।
प्रश्न: बौद्ध धर्म में बोधगया क्यों महत्वपूर्ण है?
उत्तर: बोधगया में महात्मा बुद्ध ने निर्वाण प्राप्त किया था।
प्रश्न: सिख धर्म में ‘तख्त’ का क्या महत्व है?
उत्तर: तख्त सिख धर्म का आध्यात्मिक केंद्र है।
प्रश्न: चार धाम यात्रा में कौन-से क्षेत्र शामिल हैं?
उत्तर: उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम के पावन स्थल।
प्रश्न: कुंभ मेला किन चार स्थानों पर आयोजित होता है?
उत्तर: हरिद्वार, प्रयागराज, नासिक और उज्जैन।
प्रश्न: जैन धर्म में तीर्थंकरों से संबंधित स्थल क्यों पावन हैं?
उत्तर: क्योंकि वहाँ तीर्थंकरों ने मोक्ष प्राप्त किया या महत्वपूर्ण घटनाएँ घटीं।
प्रश्न: पंढरपुर वारी क्या है?
उत्तर: यह महाराष्ट्र में विठोबा मंदिर की वार्षिक तीर्थयात्रा है।
प्रश्न: नियमगिरि पहाड़ी किस जनजाति के लिए पावन है?
उत्तर: डोंगरिया खोंड जनजाति।
प्रश्न: पीपल का वृक्ष किस धर्म के लिए पावन है?
उत्तर: हिंदू, बौद्ध, सिख और जैन धर्म।
Long Questions
प्रश्न: पावनता का आधार क्या हो सकता है और यह भारत में किन-किन चीजों से जुड़ी है?
उत्तर: पावनता का आधार धार्मिक स्थल, तीर्थयात्रा या प्रकृति के तत्व हो सकते हैं। भारत में यह भूभाग, परंपराओं और आध्यात्मिकता से जुड़ी है।
प्रश्न: बौद्ध धर्म के पावन स्थल किन घटनाओं से संबंधित हैं और इनका महत्व क्या है?
उत्तर: बौद्ध धर्म के पावन स्थल, जैसे बोधगया और साँची, महात्मा बुद्ध की यात्रा या अवशेषों से संबंधित हैं। ये तीर्थयात्रियों के लिए आध्यात्मिक प्रेरणा के केंद्र हैं।
प्रश्न: सिख धर्म में तख्त और गुरुओं की यात्रा से संबंधित स्थलों का क्या महत्व है?
उत्तर: तख्त सिख धर्म के आध्यात्मिक केंद्र हैं, जैसे अकाल तख्त। गुरुओं की यात्रा से जुड़े स्थल, जैसे हरिद्वार, सिखों के लिए पावन हैं।
प्रश्न: तीर्थयात्रा की परंपरा भारतीय संस्कृति को किस प्रकार एकीकृत करती है?
उत्तर: तीर्थयात्रा विभिन्न क्षेत्रों, भाषाओं और परंपराओं को जोड़ती है। यह सांस्कृतिक समरूपता और एकता की भावना को बढ़ावा देती है।
प्रश्न: कुंभ मेले का आयोजन किन स्थानों पर और क्यों होता है?
उत्तर: कुंभ मेला हरिद्वार, प्रयागराज, नासिक और उज्जैन में होता है। यह अमृत मंथन की कथा से जुड़ा है, जहाँ अमृत की बूँदें गिरी थीं।
प्रश्न: 51 शक्तिपीठों की कथा क्या है और यह भारतीय उपमहाद्वीप को कैसे पावन बनाती है?
उत्तर: सती के अंगों के गिरने से शक्तिपीठ बने, जो पूरे उपमहाद्वीप में फैले हैं। यह संपूर्ण भूभाग को माता के रूप में पावन बनाता है।
प्रश्न: पावन निकुंज क्या हैं और ये जैव-विविधता को कैसे संरक्षित करते हैं?
उत्तर: पावन निकुंज वन हैं, जिन्हें देवताओं का निवास माना जाता है। ये वनस्पतियों और जीवों की जैव-विविधता को संरक्षित करते हैं।
प्रश्न: तीर्थयात्रा और व्यापार मार्गों का आपस में क्या संबंध है?
उत्तर: तीर्थयात्री और व्यापारी एक-दूसरे के संपर्क में आते थे, जिससे व्यापार को बढ़ावा मिलता था। तीर्थ मार्ग और व्यापार मार्ग प्राय: एक-दूसरे से जुड़े थे।
प्रश्न: प्रकृति के तत्व, जैसे नदियाँ और पर्वत, क्यों पावन माने जाते हैं?
उत्तर: नदियाँ और पर्वत जीवनदायिनी और आध्यात्मिक प्रतीक माने जाते हैं। इनमें दैवीय उपस्थिति की मान्यता इन्हें पावन बनाती है।
प्रश्न: पावन स्थलों के संरक्षण की आवश्यकता क्यों है और यह हमारा दायित्व क्यों है?
उत्तर: पावन स्थल प्रदूषण और उपेक्षा से क्षीण हो रहे हैं। इनकी रक्षा हमारी सांस्कृतिक धरोहर और पर्यावरण संरक्षण के लिए हमारा कर्तव्य है।
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