Notes For All Chapters – सामाजिक विज्ञान Class 7
1. बाजार क्या है?
- जहाँ वस्तुओं और सेवाओं का क्रय-विक्रय होता है, उसे बाजार कहते हैं।
- हिंदी में इसे हाट और कन्नड़ में मारुकट्टे कहते हैं।
- बाजार प्रत्यक्ष (फिजिकल) भी हो सकते हैं और ऑनलाइन भी।
- बाजार केवल वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति नहीं करते बल्कि लोगों, परंपराओं और विचारों को भी जोड़ते हैं।
2. बाजार की मुख्य विशेषताएँ
- हर बाजार में क्रेता और विक्रेता होते हैं।
- लेन-देन के लिए कीमत पर सहमति आवश्यक होती है।
- अक्सर मोल-तोल करके एक उचित कीमत तय की जाती है।
- यदि कीमत पर सहमति न बने तो लेन-देन संभव नहीं है।
3. कीमत और बाजार
- कीमत वह राशि है जिस पर विक्रेता बेचने और क्रेता खरीदने को तैयार होता है।
- यदि कीमत बहुत अधिक होगी तो क्रेता नहीं खरीदेगा।
- यदि कीमत बहुत कम होगी तो विक्रेता को नुकसान होगा।
- समय के साथ एक उचित कीमत (न तो बहुत अधिक, न बहुत कम) तय हो जाती है।
4. बाजारों के प्रकार
- प्रत्यक्ष बाजार (फिजिकल मार्केट) – जैसे हाट, साप्ताहिक बाजार, मॉल, किराना दुकान।
- ऑनलाइन बाजार – ऐप या वेबसाइट के माध्यम से वस्तुओं और सेवाओं का क्रय-विक्रय।
- घरेलू बाजार – देश की सीमा के भीतर व्यापार।
- अंतर्राष्ट्रीय बाजार – देशों के बीच वस्तुओं और सेवाओं का आयात-निर्यात।
- थोक बाजार – जहाँ बड़ी मात्रा में वस्तुएँ बिकती हैं।
- खुदरा बाजार – जहाँ उपभोक्ताओं को कम मात्रा में वस्तुएँ मिलती हैं।
5. बाजार की आपूर्ति-श्रृंखला (Supply Chain)
- उत्पादक → थोक विक्रेता → वितरक → खुदरा विक्रेता → उपभोक्ता
- थोक विक्रेता बड़ी मात्रा में वस्तुएँ खरीदते हैं।
- खुदरा विक्रेता छोटी मात्रा में अंतिम उपभोक्ताओं को बेचते हैं।
- वितरक दूरस्थ क्षेत्रों तक वस्तुओं की पहुँच सुनिश्चित करते हैं।
- ऑनलाइन बाजार में “संग्राहक” (Aggregator) वस्तुओं को उपभोक्ता तक पहुँचाते हैं।
6. भारत में कुछ प्रसिद्ध बाजार
- हंपी बाजार (कर्नाटक) – विजयनगर साम्राज्य का समृद्ध व्यापारिक केंद्र।
- सूरत (गुजरात) – वस्त्र और हीरा उद्योग का बड़ा केंद्र।
- इमा कैथल बाजार (मणिपुर) – केवल महिलाओं द्वारा संचालित बाजार।
7. बाजार की भूमिका
- लोगों को आवश्यक वस्तुएँ और सेवाएँ उपलब्ध कराना।
- उत्पादकों और उपभोक्ताओं को जोड़ना।
- समाज को आर्थिक और सामाजिक रूप से लाभ पहुँचाना।
- सांस्कृतिक परंपराओं और विचारों के आदान-प्रदान को बढ़ावा देना।
8. सरकार की भूमिका बाजार में
- मूल्य नियंत्रण – आवश्यक वस्तुओं का न्यूनतम और अधिकतम मूल्य तय करना।
- गुणवत्ता और सुरक्षा सुनिश्चित करना –
- औषधियाँ, खाद्य पदार्थ आदि की गुणवत्ता की जाँच।
- उपभोक्ताओं को सुरक्षित वस्तुएँ उपलब्ध कराना।
- प्रदूषण और नकारात्मक प्रभावों पर नियंत्रण –
- जैसे प्लास्टिक पर रोक लगाना, शुद्धता और माप-तौल की निगरानी।
- सार्वजनिक सेवाएँ उपलब्ध कराना – सड़क, उद्यान, सुरक्षा जैसी सेवाएँ।
9. गुणवत्ता पहचानने के सरकारी चिह्न
- FSSAI – खाद्य पदार्थों पर।
- ISI – विद्युत उपकरण, निर्माण सामग्री पर।
- AGMARK – कृषि उत्पादों पर।
- BEE Star Rating – विद्युत उपकरणों पर (ऊर्जा दक्षता दिखाने के लिए)।
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