Notes For All Chapters – सामाजिक विज्ञान Class 7
1. मौसम, ऋतु और जलवायु
- मौसम (Weather)
- यह प्रतिदिन बदलता है।
- जैसे – धूप, वर्षा, हवा, धुंध आदि।
- यह अल्पकालिक (Short-term) होता है।
- ऋतु (Season)
- पृथ्वी के सूर्य की परिक्रमा करने से बनती है।
- भारत में परंपरागत छह ऋतुएँ –
- वसंत
- ग्रीष्म
- वर्षा
- शरद
- हेमंत (शीत-पूर्व)
- शिशिर (शीत ऋतु)
- ऋतुएँ प्रतिवर्ष आती हैं और उनका प्रभाव फसल, भोजन, वस्त्र, त्योहारों और जीव-जंतुओं पर पड़ता है।
- जलवायु (Climate)
- किसी क्षेत्र का लंबे समय (दशकों तक) का मौसमी प्रतिरूप।
- यह स्थिर होती है और क्षेत्रानुसार भिन्न होती है।
2. भारत में जलवायु के प्रकार
भारत विविधताओं वाला देश है, इसलिए यहाँ कई प्रकार की जलवायु पाई जाती है –
- हिमालयी क्षेत्र (अल्पाइन जलवायु)
- सर्दियाँ बहुत ठंडी और बर्फीली।
- गर्मियाँ शीतल।
- हिमालय की निचली पहाड़ियाँ (समशीतोष्ण)
- सर्दियाँ हल्की ठंडी, गर्मियाँ अधिक गरम नहीं।
- यहाँ पर्यटन स्थल जैसे शिमला, दार्जिलिंग प्रसिद्ध हैं।
- उत्तरी मैदान (उपोष्ण कटिबंधीय)
- ग्रीष्मकाल बहुत गरम, शीतकाल ठंडा।
- गेहूँ की खेती के लिए प्रसिद्ध।
- थार मरुस्थल (शुष्क जलवायु)
- दिन गर्म, रात ठंडी, वर्षा कम।
- यहाँ जल संरक्षण की विशेष विधियाँ अपनाई जाती हैं।
- पश्चिमी तटीय क्षेत्र (उष्णकटिबंधीय आर्द्र)
- मानसून में भारी वर्षा।
- चावल और मसालों की खेती होती है।
- दक्कन का पठार (अर्ध-शुष्क)
- गर्म ग्रीष्म, हल्की ठंडी सर्दी, सामान्य वर्षा।
- पूर्वी और दक्षिणी भारत (उष्णकटिबंधीय)
- हल्की सर्दी, मानसूनी हवाओं से आर्द्र और शुष्क अवधि।
3. जलवायु निर्धारित करने वाले मुख्य कारक
- अक्षांश (Latitude)
- भूमध्य रेखा के पास क्षेत्र गर्म रहते हैं।
- ध्रुवों के पास क्षेत्र ठंडे रहते हैं।
- ऊँचाई (Altitude)
- ऊँचाई बढ़ने पर तापमान घटता है।
- पहाड़ी क्षेत्रों में सर्दी अधिक होती है।
- समुद्र से निकटता
- तटीय क्षेत्रों में तापमान संतुलित रहता है।
- भीतरूनी क्षेत्रों में ग्रीष्मकाल बहुत गरम और शीतकाल बहुत ठंडा।
- पवनें (Winds)
- गर्म और ठंडी हवाएँ जलवायु को प्रभावित करती हैं।
- मरुस्थल से आने वाली हवाएँ शुष्क होती हैं।
- समुद्र से आने वाली हवाएँ नमी लाती हैं।
- स्थलाकृति (Topography)
- पर्वत, पठार, घाटियाँ और मरुस्थल जलवायु को प्रभावित करते हैं।
- हिमालय भारत को मध्य एशिया की ठंडी हवाओं से बचाता है।
4. मानसून
- मानसून शब्द – अरबी शब्द मौसिम से (अर्थ = ऋतु)।
- कारण – भूमि समुद्र से जल्दी गर्म और ठंडी होती है।
- प्रकार –
- दक्षिण-पश्चिम मानसून (ग्रीष्मकालीन)
- जून से सितंबर।
- समुद्र से भूमि की ओर हवाएँ → भारी वर्षा।
- उत्तर-पूर्व मानसून (शीतकालीन)
- अक्टूबर से जनवरी।
- भूमि से समुद्र की ओर हवाएँ → दक्षिण भारत में कुछ वर्षा।
- दक्षिण-पश्चिम मानसून (ग्रीष्मकालीन)
- महत्त्व –
- फसलों के लिए आवश्यक।
- नदियों, तालाबों और जल संसाधनों को भरता है।
- भारतीय जीवन, संस्कृति और संगीत से गहरा संबंध।
5. जलवायु और मानव जीवन
- कृषि, वस्त्र, भोजन और त्योहार जलवायु पर निर्भर।
- त्योहार जैसे – बैसाखी, पोंगल, ओणम → कृषि और वर्षा से जुड़े।
- मानसून असफल होने पर –
- कृषि हानि, पलायन, महँगाई, जल संकट।
- उद्योग और आर्थिक गतिविधियाँ भी प्रभावित।
6. जलवायु और आपदाएँ
- चक्रवात – समुद्र से उठने वाली तेज हवाएँ व वर्षा, विनाशकारी।
- बाढ़ – नदियों का उफान, भारी वर्षा, हिमनदीय विस्फोट।
- भूस्खलन – पहाड़ों में वर्षा, भूकंप या निर्माण कार्य के कारण।
- दावानल (जंगल की आग) – शुष्क मौसम, तेज हवाएँ या मानव की लापरवाही।
7. जलवायु परिवर्तन
- परिभाषा – तापमान, वर्षा और मौसम की घटनाओं में दीर्घकालिक परिवर्तन।
- कारण –
- जीवाश्म ईंधन का जलना।
- वनों की कटाई।
- औद्योगिक प्रदूषण।
- परिणाम –
- वैश्विक तापन (Global Warming)।
- कृषि पर असर।
- आपदाओं में वृद्धि।
- मानव और पशु जीवन प्रभावित।
- उपाय –
- वृक्षारोपण।
- नवीकरणीय ऊर्जा का प्रयोग।
- ऊर्जा की बचत।
- सतत जीवन शैली अपनाना।
Leave a Reply