Notes For All Chapters – सामाजिक विज्ञान Class 7
1. पावनता क्या है?
- पावनता का अर्थ है – धार्मिक, आध्यात्मिक एवं दिव्य भाव जो आदर और श्रद्धा के योग्य हों।
- यह केवल धर्म से नहीं, बल्कि विशेष स्थल, यात्रा (जैसे तीर्थयात्रा), परंपरा और भूभाग से भी जुड़ी होती है।
- प्रकृति (पर्वत, नदी, वृक्ष, वन आदि) को भी पावन माना जाता है।
2. भारत में पावन स्थल
- भारत में हर धर्म के अपने-अपने पावन स्थल हैं।
- इस्लाम व ईसाई धर्म – अजमेर शरीफ़, वेलांकन्नी चर्च।
- बौद्ध धर्म – साँची स्तूप, बोधगया का महाबोधि मंदिर।
- सिख धर्म – अकाल तख्त (अमृतसर), श्री पटना साहिब, केशगढ़ साहिब।
- जैन धर्म – माउंट आबू, गिरनार, शत्रुंजय पहाड़ी।
- हिंदू धर्म – चार धाम, द्वादश ज्योतिर्लिंग, 51 शक्तिपीठ।
3. तीर्थयात्राएँ
- तीर्थयात्रा केवल यात्रा नहीं, बल्कि धार्मिक और आध्यात्मिक अनुभव है।
- प्राचीन काल से लोग बिना आधुनिक साधनों के भी हजारों किलोमीटर की तीर्थयात्राएँ करते थे।
- उदाहरण : सबरीमाला यात्रा (केरल), पंढरपुर वारी (महाराष्ट्र)।
- तीर्थयात्रा का महत्व –
- धार्मिक व आध्यात्मिक विकास।
- देश के विभिन्न हिस्सों की भाषाओं, परंपराओं और जीवन शैली से परिचय।
- सामाजिक और सांस्कृतिक एकता।
4. पावन पारिस्थितिकी
- तीर्थस्थल सामान्यतः नदी, झील, पर्वत और वनों के पास होते हैं।
- पावन स्थलों ने प्रकृति की रक्षा में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
- उदाहरण –
- प्रयागराज का संगम और कुंभ मेला।
- पावन पर्वत (हिमालय, नीलगिरि)।
- बोधिवृक्ष (पीपल)।
- पावन निकुंज (Sacred Groves) – मेघालय, झारखंड, हिमाचल, छत्तीसगढ़ आदि।
5. नदियों का महत्व
- गंगा, यमुना, सरस्वती, नर्मदा, गोदावरी, कावेरी, सिंधु आदि नदियाँ पावन मानी जाती हैं।
- प्रयागराज का कुंभ मेला विश्व प्रसिद्ध है।
- नदियाँ जीवनदायिनी हैं और सभ्यता के विकास का आधार रही हैं।
6. पर्वत और वन
- पर्वत देवताओं से जुड़े माने जाते हैं।
- मंदिर अक्सर पर्वतों की चोटियों पर बनाए जाते हैं।
- वनों और वृक्षों को देवताओं का निवास स्थान माना गया।
- उदाहरण – बोधगया का बोधिवृक्ष, पावन निकुंज (देव वन, देवगुड़ी, सरना, ओरण आदि)।
7. व्यापार और तीर्थयात्रा का संबंध
- तीर्थ मार्ग और व्यापार मार्ग एक-दूसरे से जुड़े थे।
- व्यापारी तीर्थयात्रा करते हुए वस्तुएँ बेचते भी थे।
- उत्तरापथ और दक्षिणापथ जैसे मार्ग व्यापार और यात्रा दोनों के लिए प्रसिद्ध थे।
8. भारत से बाहर के पावन स्थल
- ग्रीस – पावन पर्वत व निकुंज।
- अमेरिका – मूल निवासियों की प्रकृति को पावन मानने की परंपरा।
- न्यूजीलैंड – माओरी समुदाय तारानकी पर्वत को पूर्वज मानता है।
9. वर्तमान चुनौतियाँ
- नदियों का प्रदूषण।
- पर्वतों और वनों का अतिक्रमण।
- पावन स्थलों का क्षरण।
- समाधान – संरक्षण, सतत विकास और पावन भूभाग की रक्षा।
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