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1. आपकी राय में भारत की दो महत्वपूर्ण भौगोलिक विशेषताएँ क्या हैं? आपके विचार में वे क्यों महत्वपूर्ण हैं?
उत्तर:
भारत की दो महत्वपूर्ण भौगोलिक विशेषताएँ हैं: हिमालय पर्वत शृंखला और गंगा का मैदान।
- हिमालय पर्वत शृंखला: यह उत्तर में एक प्राकृतिक दीवार की तरह है, जो भारत को ठंडी हवाओं और बाहरी आक्रमणों से बचाती है। यह गंगा, सिंधु और ब्रह्मपुत्र जैसी नदियों का स्रोत है, जो कृषि और जलविद्युत के लिए महत्वपूर्ण हैं।
- गंगा का मैदान: यह उपजाऊ भूमि है, जहाँ भारत की अधिकांश जनसंख्या रहती है। यहाँ की मिट्टी खेती के लिए बहुत अच्छी है, जिससे यह क्षेत्र भारत का “अन्न भंडार” कहलाता है।
2. आपके विचार में यदि हिमालय नहीं होता तो भारत का स्वरूप कैसा होता? अपनी कल्पना को व्यक्त करने के लिए एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए अथवा चित्र द्वारा अभिव्यक्त कीजिए।
उत्तर: यदि हिमालय नहीं होता, तो भारत का स्वरूप बहुत अलग होता। बिना हिमालय के, ठंडी हवाएँ उत्तर से भारत में आतीं, जिससे जलवायु ठंडी और शुष्क हो सकती थी। गंगा, सिंधु और ब्रह्मपुत्र जैसी नदियाँ नहीं होतीं, जिससे मैदानी क्षेत्रों में खेती मुश्किल हो जाती। साथ ही, भारत की प्राकृतिक सुरक्षा कमजोर हो जाती, जिससे इतिहास और संस्कृति भी प्रभावित होती।
3. अध्याय में दी गई जानकारी के आधार पर बताइए कि भारत को ‘लघु महाद्वीप’ क्यों कहा जाता है?
उत्तर: भारत को ‘लघु महाद्वीप’ कहा जाता है क्योंकि यहाँ विभिन्न प्रकार की भौगोलिक विशेषताएँ पाई जाती हैं, जैसे बर्फीले हिमालय, गर्म थार मरुस्थल, उपजाऊ गंगा के मैदान, प्रायद्वीपीय पठार, तटीय क्षेत्र और द्वीपसमूह। ये विविधताएँ जलवायु, संस्कृति, और जैव-विविधता को प्रभावित करती हैं। इतनी विविधता एक देश में होना इसे एक छोटे महाद्वीप जैसा बनाता है।
4. भारत की किसी प्रमुख नदी को मानचित्र में देखिए। इसका उद्गम कहाँ है और यह समुद्र में कहाँ मिलती है? इसकी यात्रा के दौरान लोग इस नदी का विभिन्न प्रकार से कैसे उपयोग करते हैं?
उत्तर:
गंगा नदी:
- उद्गम: गंगा नदी उत्तराखंड में गोमुख (गंगोत्री हिमनद) से निकलती है।
- समुद्र में मिलन: यह बंगाल की खाड़ी में सुंदरवन डेल्टा के पास मिलती है।
- उपयोग: लोग गंगा के जल का उपयोग पीने, खेती, सिंचाई, और जलविद्युत उत्पादन के लिए करते हैं। यह धार्मिक महत्व की भी है, क्योंकि लोग इसे पवित्र मानते हैं और तीर्थ यात्राएँ करते हैं। (कक्षा में इस पर चर्चा करें कि गंगा के बिना जीवन कैसा होता।)
5. भारत के दक्षिणी भाग को प्रायद्वीपीय पठार क्यों कहा जाता है?
उत्तर: भारत के दक्षिणी भाग को प्रायद्वीपीय पठार कहा जाता है क्योंकि यह एक ऊँचा, समतल क्षेत्र है जो तीन ओर से जल से घिरा है—पश्चिम में अरब सागर, पूर्व में बंगाल की खाड़ी, और दक्षिण में हिंद महासागर। यह पठार पश्चिमी और पूर्वी घाट से घिरा है और बहुत पुराना भूभाग है, जिसमें खनिज, जंगल, और उपजाऊ भूमि पाई जाती है।
6. इस अध्याय में वर्णित यूनेस्को द्वारा मान्यता प्राप्त कौन-से धरोहर स्थल आपको अधिक रूचिकर लगे? इसके रोचक तथ्यों का संक्षिप्त में वर्णन कीजिए।
उत्तर: सुंदरवन डेल्टा मुझे सबसे रुचिकर लगा।
रोचक तथ्य:
- यह गंगा और ब्रह्मपुत्र नदियों का डेल्टा है, जो भारत और बांग्लादेश में फैला है।
- यहाँ रॉयल बंगाल टाइगर और मैंग्रोव जंगल पाए जाते हैं।
- यह जैव-विविधता का केंद्र है और कई अद्वितीय जीव-जंतुओं का घर है।
- इसे यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया है क्योंकि यह पर्यावरण और वन्यजीव संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण है।
7. इस पुस्तक के अंत में दिए गए भारत के भौतिक और राजनीतिक मानचित्रों को देखिए। आप अभी जिस क्षेत्र में हैं, उसकी पहचान कीजिए। आप भारत की किस भौतिक विशेषता का उपयोग इस स्थान का वर्णन करने के लिए करेंगे?
उत्तर: (उदाहरण के लिए, यदि आप दिल्ली में हैं): मैं दिल्ली में हूँ, जो भारत के भौतिक मानचित्र में गंगा के मैदान में स्थित है। मैं इस स्थान का वर्णन करने के लिए उत्तरी मैदान की विशेषता का उपयोग करूँगा, क्योंकि यहाँ समतल और उपजाऊ भूमि है, जहाँ यमुना नदी बहती है और खेती के साथ-साथ परिवहन तंत्र विकसित है। (अपने क्षेत्र के अनुसार उत्तर लिखें।)
8. भारत में खाद्य संरक्षण के उपाय जगह-जगह पर भिन्न हैं, जो स्थानीय परिस्थितियों के अनुरूप होते हैं। ‘कक्षा परियोजना’ के अंतर्गत खाद्य संरक्षण के विभिन्न उपायों के बारे में जानकारी एकत्रित कीजिए।
उत्तर:
भारत में खाद्य संरक्षण के उपाय स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार भिन्न हैं। कुछ उदाहरण:
- सुखाना: राजस्थान जैसे शुष्क क्षेत्रों में सब्जियों (जैसे गोभी, मूली) को धूप में सुखाकर रखा जाता है।
- अचार बनाना: पूरे भारत में आम, नींबू, और मिर्च के अचार बनाए जाते हैं, जिसमें तेल और मसाले उपयोग होते हैं।
- नमक डालकर संरक्षण: तटीय क्षेत्रों में मछली को नमक डालकर सुखाया जाता है।
- शीत भंडारण: ठंडे क्षेत्रों जैसे हिमाचल में सेब और आलू को ठंडे गोदामों में रखा जाता है।
9. इतने अलग-अलग भौतिक स्वरूपों (पर्वतीय, मरुस्थलीय, मैदानी, तटीय इत्यादि) के साथ भारत एक विशाल देश है। भारत की भौगोलिक स्थिति ने लोगों को एकजुट रहने में किस प्रकार सहायता की है।
उत्तर:
भारत की भौगोलिक विविधता ने लोगों को एकजुट रहने में कई तरह से मदद की है:
- हिमालय: इसने भारत को प्राकृतिक सुरक्षा दी और नदियों के माध्यम से मैदानों को उपजाऊ बनाया, जिससे लोग खेती के लिए एकजुट हुए।
- नदियाँ: गंगा, ब्रह्मपुत्र जैसी नदियों ने व्यापार, परिवहन, और संस्कृति को जोड़ा।
- तटीय क्षेत्र: पत्तनों ने व्यापार को बढ़ावा दिया, जिससे विभिन्न संस्कृतियाँ एक-दूसरे से मिलीं।
- विविधता में एकता: अलग-अलग क्षेत्रों की संस्कृतियाँ, भोजन, और परंपराएँ एक-दूसरे से सीखकर भारत की साझा संस्कृति को मजबूत करती हैं।
महत्वपूर्ण प्रश्न (Page 1)
प्रश्न 1: भारत की कुछ प्रमुख भौगोलिक विशेषताएँ क्या हैं?
उत्तर:
भारत की भौगोलिक विशेषताएँ बहुत विविध और अनूठी हैं। ये निम्नलिखित हैं:
- हिमालय पर्वत शृंखला: भारत के उत्तर में स्थित हिमालय एक विशाल प्राकृतिक दीवार की तरह है। यह विश्व का सबसे ऊँचा पर्वत है, जिसमें माउंट एवरेस्ट जैसी चोटियाँ शामिल हैं। यह गंगा, सिंधु और ब्रह्मपुत्र जैसी नदियों का स्रोत है।
- उत्तरी मैदान: हिमालय के दक्षिण में गंगा और सिंधु के विशाल और उपजाऊ मैदान हैं। ये मैदान कृषि के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं और भारत की अधिकांश जनसंख्या यहाँ रहती है।
- थार मरुस्थल: पश्चिमी भारत में राजस्थान में स्थित थार मरुस्थल रेत के टीलों और शुष्क जलवायु के लिए जाना जाता है। यहाँ की जीवनशैली कठोर परिस्थितियों के अनुकूल है।
- प्रायद्वीपीय पठार: भारत के मध्य और दक्षिणी भाग में यह त्रिकोणीय पठार है, जो पश्चिमी और पूर्वी घाटों से घिरा है। यहाँ गोदावरी, कृष्णा और कावेरी जैसी नदियाँ बहती हैं।
- तटीय क्षेत्र: भारत की तटरेखा 7500 किमी से अधिक लंबी है, जिसमें पश्चिमी तट (अरब सागर) और पूर्वी तट (बंगाल की खाड़ी) शामिल हैं। ये क्षेत्र डेल्टा, लैगून और बंदरगाहों के लिए प्रसिद्ध हैं।
- द्वीपसमूह: लक्षद्वीप और अंडमान-निकोबार द्वीपसमूह भारत के प्रमुख द्वीप हैं। ये प्रवाल भित्तियों, ज्वालामुखियों और जैव विविधता के लिए जाने जाते हैं।
प्रश्न 2: भारत की भौगोलिक विविधताएँ हमारे जीवन को किस प्रकार प्रभावित करती हैं?
उत्तर:
भारत की भौगोलिक विविधताएँ हमारे जीवन को कई तरह से प्रभावित करती हैं:
- कृषि और आजीविका: उत्तरी मैदानों की उपजाऊ मिट्टी कृषि के लिए आदर्श है, जिससे गेहूँ, चावल और अन्य फसलें उगाई जाती हैं। यह भारत की अर्थव्यवस्था और खाद्य सुरक्षा को मजबूत करता है।
- जलवायु और मौसम: हिमालय ठंडी जलवायु प्रदान करता है, जबकि थार मरुस्थल गर्म और शुष्क है। तटीय क्षेत्रों में नम जलवायु होती है। ये विविधताएँ अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग फसलें और जीवनशैली को बढ़ावा देती हैं।
- सांस्कृतिक विविधता: भौगोलिक विशेषताएँ जैसे हिमालय के मंदिर, सुंदरवन के मैंग्रोव और द्वीपों की संस्कृति ने भारत की सांस्कृतिक और धार्मिक विविधता को बढ़ाया है।
- आर्थिक गतिविधियाँ: तटीय क्षेत्रों में मछली पकड़ना, बंदरगाहों के माध्यम से व्यापार और पठारों पर खनन जैसे कार्य भौगोलिक विशेषताओं के कारण संभव हैं।
- पर्यटन: हिमालय के पर्यटन स्थल (जैसे शिमला, नैनीताल), थार मरुस्थल (जैसलमेर) और द्वीपों के सुंदर तट पर्यटकों को आकर्षित करते हैं, जो रोजगार और आय के स्रोत हैं।
- जल संसाधन: हिमालय से निकलने वाली नदियाँ पीने, सिंचाई और जलविद्युत के लिए जल प्रदान करती हैं, जो जीवन को सुगम बनाती हैं।
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