Solutions For All Chapters – SST Class 7
1. बाजार की मुख्य विशेषताएँ क्या हैं? हाल में जब आप बाजार गए थे, तब आपने वहाँ कौन-कौन सी विशेषताएँ देखीं?
उत्तर:
बाजार की मुख्य विशेषताएँ हैं:
- क्रेता और विक्रेता की उपस्थिति: बाजार में क्रेता और विक्रेता होते हैं जो वस्तुओं और सेवाओं का लेन-देन करते हैं।
- मोल-तोल: क्रेता और विक्रेता किसी कीमत पर सहमत होने के लिए मोल-तोल करते हैं।
- वस्तुओं और सेवाओं की उपलब्धता: बाजार में विभिन्न प्रकार की वस्तुएँ जैसे सब्जियाँ, फल, कपड़े और सेवाएँ जैसे सैलून, रेस्तराँ आदि उपलब्ध होती हैं।
- आर्थिक और सामाजिक महत्व: बाजार आर्थिक गतिविधियों के साथ-साथ लोगों, परंपराओं और विचारों को जोड़ता है।
जब मैं हाल में बाजार गया था, मैंने देखा कि वहाँ कई दुकानें थीं जहाँ सब्जियाँ, फल, और किराने का सामान बिक रहा था। लोग विक्रेताओं के साथ मोल-तोल कर रहे थे। कुछ दुकानों पर सामान की गुणवत्ता की जाँच के लिए एफ.एस.एस.ए.आई. जैसे चिह्न थे। बाजार में लोग एक-दूसरे से बातचीत कर रहे थे और सामाजिक माहौल बना हुआ था।
2. इस अध्याय के आरंभ में दिए गए एक प्रसिद्ध अर्थशास्त्री के उद्धरण को देखिए। इस अध्याय के संदर्भ में उस उद्धरण की प्रासंगिकता पर चर्चा कीजिए।
उत्तर: एडम स्मिथ का उद्धरण है, “बाजार से समृद्धि तभी उत्पन्न होती है, जब व्यक्तियों को उन वस्तुओं और सेवाओं की आवश्यकता होती है, जिन्हें वे स्वयं निर्मित नहीं कर सकते हैं।” यह उद्धरण अध्याय से पूरी तरह प्रासंगिक है क्योंकि यह बताता है कि बाजार लोगों की मूलभूत और अन्य आवश्यकताओं को पूरा करने का माध्यम हैं। इस अध्याय में बताया गया है कि बाजार वह स्थान है जहाँ लोग उन वस्तुओं और सेवाओं को खरीदते और बेचते हैं जो वे स्वयं नहीं बना सकते। उदाहरण के लिए, एक किसान सब्जियाँ उगाता है और बाजार में बेचता है, जबकि एक उपभोक्ता जो सब्जियाँ नहीं उगा सकता, वह उन्हें बाजार से खरीदता है। इस तरह बाजार लोगों की जरूरतों को पूरा करके समृद्धि लाता है और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देता है।
3. अमरूद के क्रय-विक्रय के दिए गए उदाहरण में यदि विक्रेता को अच्छा मूल्य मिल रहा है, तब वह किसानों से और अधिक अमरूद क्रय करने का प्रयास करेगा, ताकि वह उन्हें उसी मूल्य पर बेचकर अपनी आमदनी बढ़ा सके। ऐसी स्थिति में किसान क्या करेगा? क्या आपको लगता है कि वह अगली ऋतु में अमरूदों की माँग के बारे में सोचना शुरू करेगा? उसकी संभावित प्रतिक्रिया क्या होगी?
उत्तर: यदि विक्रेता को अमरूद के लिए अच्छा मूल्य मिल रहा है, तो वह किसानों से और अधिक अमरूद खरीदेगा। इस स्थिति में किसान यह समझेगा कि बाजार में अमरूद की माँग बढ़ रही है। वह अगली ऋतु में अधिक अमरूद उगाने की योजना बनाएगा ताकि वह अधिक मुनाफा कमा सके। किसान की संभावित प्रतिक्रिया होगी:
- वह अधिक अमरूद के पेड़ लगाएगा।
- वह अपनी खेती की तकनीकों को बेहतर करेगा ताकि अमरूद की गुणवत्ता और मात्रा बढ़े।
- वह यह सुनिश्चित करेगा कि अमरूद समय पर बाजार तक पहुँचे।
इस तरह, किसान माँग के अनुसार आपूर्ति बढ़ाकर अपनी आय बढ़ाने का प्रयास करेगा।
4. निम्नलिखित प्रकार के बाजारों का उनकी विशेषताओं से मिलान कीजिए –
उत्तर:
क्र.सं. | बाजार | मानदंड |
---|---|---|
(क) | प्रत्यक्ष बाजार | क्रेता और विक्रेता की प्रत्यक्ष उपस्थिति आवश्यक है। |
(ख) | ऑनलाइन बाजार | क्रेता और विक्रेता आभासी रूप से मिलते हैं और किसी भी समय लेन-देन कर सकते हैं। |
(ग) | घरेलू बाजार | किसी राष्ट्र की सीमा के भीतर स्थित। |
(घ) | अंतर्राष्ट्रीय बाजार | वस्तुएँ और सेवाएँ जो राष्ट्र की सीमा के बाहर भेजी जाती हैं। |
(ङ) | थोक बाजार | बड़ी मात्रा में सौदे। |
(च) | खुदरा बाजार | अंतिम उपभोक्ताओं तक वस्तुएँ एवं सेवाएँ पहुँचाना। |
5. सामान्यतया मूल्य क्रेताओं की माँग और विक्रेताओं की आपूर्ति की अंतः क्रिया द्वारा निर्धारित होता है। क्या आप ऐसे उत्पादों के बारे में सोच सकते हैं, जहाँ किसी उत्पाद की माँग के लिए क्रेताओं की संख्या कम होने के बावजूद उसका मूल्य अधिक होता है? इसके क्या कारण हो सकते हैं?
उत्तर:
हाँ, कुछ उत्पाद ऐसे होते हैं जिनकी माँग कम होती है, फिर भी उनका मूल्य अधिक होता है। उदाहरण के लिए:
- हीरे और रत्न: इनकी माँग कम लोगों में होती है, लेकिन ये दुर्लभ होते हैं, इसलिए इनका मूल्य बहुत अधिक होता है।
- हस्तनिर्मित कला: जैसे कि पेंटिंग या हस्तशिल्प, जिन्हें बनाने में समय और कौशल लगता है, इसलिए इनका मूल्य अधिक होता है।
- विशेष दवाएँ: कुछ दुर्लभ बीमारियों की दवाएँ कम लोगों को चाहिए होती हैं, लेकिन इनके उत्पादन की लागत अधिक होती है।
कारण:
- दुर्लभता: उत्पाद की उपलब्धता कम होने से उसका मूल्य बढ़ जाता है।
- उत्पादन लागत: उत्पाद को बनाने में अधिक समय, श्रम या संसाधन लगते हैं।
- विशिष्टता: कुछ उत्पाद विशेष समूहों के लिए बनाए जाते हैं, जैसे लक्जरी सामान।
6. सब्जियों के एक खुदरा विक्रेता की वास्तविक जीवन-स्थिति पर विचार कीजिए – एक परिवार सब्जियाँ खरीदने के लिए दुकान पर आया। विक्रेता, जो फलियाँ ठेले पर बेच रहा था, उसकी कीमत ₹30/- प्रति किलोग्राम थी। महिला ने कीमत को ₹25/- प्रति किलोग्राम के नीचे लाने के लिए विक्रेता के साथ मोल-भाव करना शुरू कर दिया। विक्रेता ने उस मूल्य पर विक्रय करने से मना कर दिया और कहा कि उसे उस मूल्य पर घाटा होगा। महिला वहाँ से चली गई। फिर परिवार समीप के सुपरमार्केट में गया और वहाँ से सब्जियाँ क्रय कीं। सुपरमार्केट में अच्छे ढंग से पैक की गई फलियों के लिए उन्होंने ₹40/- प्रति किलोग्राम का भुगतान किया। क्या कारण है कि परिवार ने ऐसा किया? क्या कीमतों के अतिरिक्त ऐसे कोई कारक हैं, जो क्रय-विक्रय को प्रभावित करते हैं?
उत्तर:
परिवार ने सुपरमार्केट से ₹40/- प्रति किलोग्राम की दर से फलियाँ खरीदीं, क्योंकि:
- गुणवत्ता: सुपरमार्केट में फलियाँ अच्छी तरह से पैक की गई थीं, जो उनकी ताजगी और गुणवत्ता को दर्शाती थी।
- विश्वास: सुपरमार्केट में सामान पर प्रमाणन चिह्न (जैसे एफ.एस.एस.ए.आई.) हो सकते हैं, जो उपभोक्ता को गुणवत्ता का भरोसा देते हैं।
- सुविधा: सुपरमार्केट में खरीदारी करना अधिक सुविधाजनक हो सकता है, जैसे कि एक ही स्थान पर कई वस्तुएँ उपलब्ध होना।
- वातावरण: सुपरमार्केट का वातावरण साफ-सुथरा और व्यवस्थित होता है, जो ग्राहकों को आकर्षित करता है।
कीमतों के अतिरिक्त अन्य कारक जो क्रय-विक्रय को प्रभावित करते हैं:
- उत्पाद की गुणवत्ता और ताजगी
- दुकान की विश्वसनीयता
- खरीदारी का अनुभव और सुविधा
- ग्राहक सेवा और व्यवहार
7. भारत के कुछ जिले टमाटर उगाने के लिए प्रसिद्ध हैं। हालाँकि, कुछ मौसमों में किसानों के लिए स्थिति अच्छी नहीं होती। अधिक उपज होने पर कृषकों द्वारा अपनी उपज को फेंकने और उनका सारा श्रम नष्ट होने के समाचार आते हैं। आपके विचार में किसान ऐसा क्यों करते हैं? ऐसी स्थिति में थोक विक्रेता क्या भूमिका निभा सकते हैं? यह सुनिश्चित करने के संभावित उपाय क्या हो सकते हैं जिससे टमाटर बर्बाद न हों और किसानों को नुकसान भी न पहुँचे?
उत्तर:
किसान टमाटर क्यों फेंकते हैं?
- अधिक आपूर्ति: जब टमाटर की उपज बहुत अधिक होती है, तो बाजार में उनकी माँग कम हो जाती है, जिससे कीमतें बहुत कम हो जाती हैं।
- लागत: कम कीमत पर बेचने से किसानों को नुकसान होता है, क्योंकि परिवहन और अन्य लागतें अधिक होती हैं।
- भंडारण की कमी: टमाटर जल्दी खराब होने वाली वस्तु है, और शीतागार (कोल्ड स्टोरेज) की कमी के कारण किसान उन्हें संग्रहित नहीं कर पाते।
थोक विक्रेता की भूमिका:
- थोक विक्रेता अधिक मात्रा में टमाटर खरीदकर उन्हें शीतागार में संग्रहित कर सकते हैं।
- वे टमाटर को उन बाजारों में भेज सकते हैं जहाँ माँग अधिक है।
- वे टमाटर को खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों (जैसे टमाटर सॉस बनाने वाली कंपनियों) को बेच सकते हैं।
संभावित उपाय:
- शीतागार सुविधाएँ बढ़ाना: सरकार और निजी क्षेत्र मिलकर शीतागार बना सकते हैं।
- न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP): सरकार टमाटर के लिए न्यूनतम मूल्य निर्धारित कर सकती है ताकि किसानों को नुकसान न हो।
- खाद्य प्रसंस्करण इकाइयाँ: टमाटर से सॉस, प्यूरी या अन्य उत्पाद बनाकर उनकी बर्बादी रोकी जा सकती है।
- बाजार प्रबंधन: थोक विक्रेता और सरकार मिलकर माँग और आपूर्ति को संतुलित करने की योजना बना सकते हैं।
8. क्या आपने अपने या किसी अन्य विद्यालय द्वारा आयोजित किसी मेले के बारे में सुना है या उसमें गए हैं? अपने मित्रों और शिक्षकों से ऐसे मेलों के बारे में चर्चा कीजिए कि इन मेलों में किस तरह से क्रय-विक्रय और मोल-भाव होता है?
उत्तर:
हाँ, मैंने अपने विद्यालय में आयोजित एक मेले में भाग लिया था। इस मेले में कई स्टॉल थे, जहाँ हस्तशिल्प, खाद्य पदार्थ, किताबें और खिलौने बिक रहे थे।
- क्रय-विक्रय: स्टॉल पर छात्र और शिक्षक विक्रेता की भूमिका में थे। वे ग्राहकों को अपनी वस्तुओं के बारे में बताते थे और बेचते थे। उदाहरण के लिए, एक स्टॉल पर हस्तनिर्मित गहने थे, जिन्हें छात्रों ने बनाया था।
- मोल-भाव: कुछ ग्राहक कीमत कम करने के लिए मोल-भाव करते थे। उदाहरण के लिए, एक गहने की कीमत ₹50 थी, लेकिन ग्राहक ने ₹40 में माँगा। विक्रेता ने थोड़ा मोल-भाव करने के बाद ₹45 पर सहमति दी।
- मेले में माहौल बहुत उत्साहपूर्ण था, और लोग न केवल खरीदारी करते थे, बल्कि एक-दूसरे से बातचीत और हँसी-मजाक भी करते थे। यह बाजार की तरह ही सामाजिक और आर्थिक गतिविधियों का मिश्रण था।
9. कोई भी पाँच उत्पाद चुनें और अध्याय में चर्चा किए गए प्रमाणन चिह्नों के साथ उनके लेबल की जाँच करें। क्या आपको ऐसे उत्पाद मिले, जिन पर मानक चिह्न नहीं था? यह किस बात का सूचक है?
उत्तर:
मैंने निम्नलिखित पाँच उत्पादों की जाँच की:
- बेसन का पैकेट: इस पर एफ.एस.एस.ए.आई. चिह्न था, जो दर्शाता है कि यह खाद्य उपयोग के लिए सुरक्षित है।
- विद्युत पंखा: इस पर आई.एस.आई. चिह्न था, जो इसकी गुणवत्ता और सुरक्षा को दर्शाता है।
- शहद: इस पर एगमार्क चिह्न था, जो इसकी शुद्धता को दर्शाता है।
- रेफ्रिजरेटर: इस पर बी.ई.ई. स्टार रेटिंग थी, जो इसकी ऊर्जा दक्षता को दर्शाती है।
- साबुन: इस पर कोई मानक चिह्न नहीं था।
निष्कर्ष: जिन उत्पादों पर मानक चिह्न नहीं था, जैसे साबुन, यह दर्शाता है कि उनकी गुणवत्ता की जाँच सरकारी एजेंसी द्वारा नहीं की गई हो सकती है। यह उपभोक्ताओं के लिए जोखिम हो सकता है, क्योंकि उत्पाद की गुणवत्ता या सुरक्षा की गारंटी नहीं होती।
10. आपने और आपके सहपाठियों ने एक साबुन बनाया है। इसकी पैकेजिंग के लिए एक लेबल डिजाइन कीजिए। आपके विचार से लेबल पर क्या लिखा होना चाहिए, ताकि उपभोक्ता उत्पाद को बेहतर तरीके से जाँच सकें?
उत्तर:
साबुन के लेबल पर निम्नलिखित जानकारी होनी चाहिए ताकि उपभोक्ता उसकी गुणवत्ता और उपयोगिता को जाँच सकें:
- उत्पाद का नाम: प्राकृतिक हर्बल साबुन
- शुद्ध मात्रा: 100 ग्राम
- सामग्री सूची: नारियल तेल, नीम का तेल, ग्लिसरीन, प्राकृतिक सुगंध
- निर्माण तिथि: उदाहरण- अक्टूबर 2025
- उपभोग की समाप्ति तिथि: उदाहरण- अक्टूबर 2027
- बैच नंबर: उदाहरण- BN12345
- अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP): ₹50/-
- एफ.एस.एस.ए.आई. चिह्न और लाइसेंस संख्या: (यदि लागू हो)
- एलर्जी घोषणा: संवेदनशील त्वचा के लिए उपयुक्त, पैच टेस्ट करें
- उपयोग के निर्देश: गीली त्वचा पर लगाएँ, झाग बनाएँ और धो लें
- पर्यावरण अनुकूलता: 100% प्राकृतिक और बायोडिग्रेडेबल
महत्वपूर्ण प्रश्न (Page 247)
प्रश्न 1: बाजार क्या होते हैं और वे कैसे कार्य करते हैं?
उत्तर: बाजार वह स्थान है जहाँ लोग विभिन्न वस्तुओं और सेवाओं का क्रय और विक्रय करते हैं। इसे हिंदी में ‘हाट’ भी कहते हैं। बाजार भौतिक (जैसे दुकानें, मॉल) या ऑनलाइन (जैसे वेबसाइट, ऐप) हो सकता है। बाजार में क्रेता और विक्रेता एक निश्चित कीमत पर सहमत होकर लेन-देन करते हैं। यह लेन-देन मोल-तोल के माध्यम से होता है, जहाँ क्रेता कम कीमत और विक्रेता अधिक कीमत चाहता है। दोनों जब एक कीमत पर सहमत होते हैं, तब वस्तु या सेवा का आदान-प्रदान होता है। बाजार में उत्पादक, थोक विक्रेता, वितरक और खुदरा विक्रेता मिलकर वस्तुओं को उपभोक्ताओं तक पहुँचाते हैं। उदाहरण के लिए, सूरत का वस्त्र बाजार कपास को कपड़े में बदलकर उपभोक्ताओं तक पहुँचाता है।
प्रश्न 2: व्यक्तियों के जीवन में बाजारों की क्या भूमिका है?
उत्तर: बाजार व्यक्तियों के जीवन में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे लोगों की मूलभूत आवश्यकताएँ जैसे भोजन, पानी, वस्त्र और आवास पूरा करते हैं। साथ ही, अन्य इच्छाओं जैसे मोबाइल फोन, कपड़े, और फर्नीचर जैसी चीजें भी बाजार से मिलती हैं। बाजार उत्पादकों और उपभोक्ताओं के बीच संपर्क बनाते हैं, जिससे लोग ऐसी वस्तुएँ खरीद सकते हैं जो वे स्वयं नहीं बना सकते। बाजार रोजगार भी प्रदान करते हैं, जैसे मणिपुर के ‘इमा कैथल’ बाजार में महिलाएँ दुकानें चलाकर आय अर्जित करती हैं। इसके अलावा, बाजार लोगों को एक साथ लाते हैं, जिससे विचारों और परंपराओं का आदान-प्रदान होता है। उदाहरण के लिए, दक्षिण भारत में हल्दी और कुमकुम मुफ्त देने की परंपरा बाजार को सामाजिक रूप से भी महत्वपूर्ण बनाती है।
प्रश्न 3: सरकार बाजारों में क्या भूमिका निभाती है?
उत्तर:
सरकार बाजारों को निष्पक्ष और सुचारु रूप से चलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। वह निम्नलिखित कार्य करती है:
- मूल्य नियंत्रण: सरकार कुछ वस्तुओं, जैसे जीवन-रक्षक दवाओं और कृषि उत्पादों (गेहूँ, धान) की अधिकतम और न्यूनतम कीमतें निर्धारित करती है। इससे उपभोक्ताओं को उचित मूल्य पर वस्तुएँ मिलती हैं और किसानों को नुकसान नहीं होता।
- गुणवत्ता और सुरक्षा: सरकार यह सुनिश्चित करती है कि वस्तुएँ और सेवाएँ गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों पर खरी उतरें। उदाहरण के लिए, दवाओं की जाँच और खाद्य पदार्थों पर FSSAI चिह्न।
- बाजार के प्रभाव को नियंत्रित करना: सरकार पर्यावरण को नुकसान पहुँचाने वाली वस्तुओं (जैसे एकल-उपयोग प्लास्टिक) पर नियम बनाती है।
- सार्वजनिक सुविधाएँ: सरकार ऐसी सेवाएँ प्रदान करती है जो निजी उत्पादक लाभ के लिए नहीं करते, जैसे सड़कें, उद्यान और सुरक्षा व्यवस्था।
इस प्रकार, सरकार उपभोक्ताओं और उत्पादकों के हितों की रक्षा करती है और बाजार को व्यवस्थित रखती है।
प्रश्न 4: उपभोक्ता अपनी क्रय की गई वस्तुओं तथा सेवाओं की गुणवत्ता का आकलन किस प्रकार कर सकते हैं?
उत्तर:
उपभोक्ता वस्तुओं और सेवाओं की गुणवत्ता का आकलन निम्नलिखित तरीकों से कर सकते हैं:
- प्रमाणन चिह्न: उपभोक्ता उत्पादों पर सरकारी प्रमाणन चिह्न जैसे FSSAI (खाद्य पदार्थों के लिए), ISI (विद्युत उपकरणों के लिए), Agmark (कृषि उत्पादों के लिए), और BEE स्टार रेटिंग (ऊर्जा दक्षता के लिए) देख सकते हैं। ये चिह्न गुणवत्ता और सुरक्षा की गारंटी देते हैं।
- पैकेजिंग की जाँच: उपभोक्ता पैकेज पर दी गई जानकारी जैसे निर्माण तिथि, समाप्ति तिथि, सामग्री सूची, और पोषण तथ्य पढ़ सकते हैं। उदाहरण के लिए, बेसन के पैकेट पर FSSAI चिह्न और सामग्री की जाँच।
- ऑनलाइन समीक्षा: ऑनलाइन खरीदारी में अन्य उपभोक्ताओं की समीक्षा और रेटिंग देखकर उत्पाद की गुणवत्ता का आकलन किया जा सकता है।
- निजी सलाह: परिवार या दोस्तों की सलाह और अनुभव भी उत्पाद चुनने में मदद करते हैं।
- उत्पाद की जाँच: उपभोक्ता वस्तु के गुण जैसे आकार, मजबूती, रंग, और कीमत की तुलना करके गुणवत्ता का आकलन कर सकते हैं, जैसे कंचे खरीदते समय उनकी मजबूती और रंग देखना।
Leave a Reply